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ॐ नमः शिवाय

देवनागरी लिपि में "ॐ नमः शिवाय" मंत्र
ॐ नमः शिवाय श्रव्य
श्री रुद्रम् चमकम् और रुद्राष्टाध्यायी में "नमः शिवाय" मंत्र (देवनागरी और लैटिन लिपि) इस रूप में प्रकट हुआ है

ॐ नमः शिवाय के संबंध में डा. श्री प्रकाश बरनवाल राष्ट्रीय अध्यक्ष आध्यात्मिक परिषद् का कहना है कि यह सबसे लोकप्रिय हिन्दू मन्त्रों में से एक है और भोलेनाथ,भगवान शिव का महत्वपूर्ण मन्त्र है। नमः शिवाय का अर्थ "भगवान शिव को नमस्कार" या "उस मंगलकारी को प्रणाम!" है। इसे शिव पञ्चाक्षर मन्त्र या पञ्चाक्षर मन्त्र भी कहा जाता है, जिसका अर्थ "पाँच-अक्षर का मन्त्र" ( को छोड़ कर) है। यह भगवान शिव को समर्पित है। यह मन्त्र श्री रुद्रम् चमकम् और रुद्राष्टाध्यायी में "न", "मः", "शि", "वा" और "य" के रूप में प्रकट हुआ है। श्री रुद्रम् चमकम्, कृष्ण यजुर्वेद[1] का अंश है और रुद्राष्टाध्यायी, शुक्ल यजुर्वेद का भाग है।

Panchakshara mantra
पञ्चाक्षर के रूप में 'नमः शिवाय' मंत्र

मन्त्र की उत्पत्ति

यह मन्त्र कृष्ण यजुर्वेद के भाग श्री रुद्रम् चमकम् में उपस्थित है।[2][3] श्री रुद्रम् चमकम्, कृष्ण यजुर्वेद की तैत्तिरीय संहिता की चौथी पुस्तक के दो अध्यायों (टी.एस. 4.5, 4.7) से मिल कर बना है। प्रत्येक अध्याय में ग्यारह स्तोत्र या भाग हैं।[4] दोनों अध्यायों का नाम नमकम् (अध्याय पाँच) एवं चमकम् (अध्याय सात) है।[5] ॐ नमः शिवाय मन्त्र बिना "ॐ" के नमकम् अध्याय के आठवे स्तोत्र (टी.एस. 4.5.8.1) में 'नमः शिवाय च शिवतराय च' (IAST: Namaḥ śivāya ca śivatarāya ca) के रूप में उपस्थित है। इसका अर्थ है "शिव को नमस्कार, जो शुभ है और शिवतरा को नमस्कार जिनसे अधिक कोई शुभ नहीं है। [6][7][8][9][10]

यह मन्त्र रुद्राष्टाध्यायी में भी उपस्थित है जो शुक्ल यजुर्वेद का भाग है। यह मन्त्र रुद्राष्टाध्यायी के पाँचवे अध्याय (जिसे नमकम् कहते हैं) के इकतालीसवे श्लोक में 'नमः शिवाय च शिवतराय च' (IAST: Namaḥ śivāya ca śivatarāya ca) के रूप में उपस्थित है।

[11][12][13]

अलग-अलग भाषाओं में मंत्र

अलग अलग भाषाओं में ॐ नमः शिवाय
भाषा
संस्कृत-हिन्दी ॐ नम: शिवाय
कन्नड़ಓಂ ನಮಃ ಶಿವಾಯ
मलयालमഓം നമഃ ശിവായ
तमिलஓம் நம சிவாய
तेलुगुఓం నమః శివాయ
बांग्लाওঁ নমঃ শিবায়
गुजरातीૐ નમઃ શિવાય
पंजाबीਓਮ ਨਮਃ ਸ਼ਿਵਾਯ [14]
ओड़ियाଓଁ ନମଃ ଶିଵାୟ[15]
रूसीОм Намах Шивайа

मन्त्र का विभिन्न परम्पराओं में अर्थ

नमः शिवाय का अर्थ "भगवान शिव को नमस्कार" या "उस मंगलकारी को प्रणाम!" है।

सिद्ध शैव और शैव सिद्धांत परम्परा जो शैव सम्प्रदाय का हिस्सा है, उनमें नमः शिवाय को भगवान शिव के पंच तत्त्व बोध और उनकी पाँच तत्वों पर सार्वभौमिक एकता को दर्शाता मानते हैं :

  • "न" ध्वनि पृथ्वी का प्रतिनिधित्व करता है
  • "मः" ध्वनि पानी का प्रतिनिधित्व करता है
  • "शि" ध्वनि अग्नि का प्रतिनिधित्व करता है
  • "वा" ध्वनि प्राणिक वायु का प्रतिनिधित्व करता है
  • "य" ध्वनि आकाश का प्रतिनिधित्व करता है

इसका कुल अर्थ है कि "सार्वभौमिक चेतना एक है"।

शैव सिद्धांत परम्परा में यह पाँच अक्षर इन निम्नलिखित का भी प्रतिनिधित्व करते हैं :

  • "न" ईश्वर की गुप्त रखने की शक्ति (तिरोधान शक्ति) का प्रतिनिधित्व करता है
  • "मः" संसार का प्रतिनिधित्व करता है
  • "शि" शिव का प्रतिनिधित्व करता है
  • "वा" उसका खुलासा करने वाली शक्ति (अनुग्रह शक्ति) का प्रतिनिधित्व करता है
  • "य" आत्मा का प्रतिनिधित्व करता है [16]

मन्त्र की अलग-अलग शास्त्रों में उपस्थिति

  1. यह मन्त्र "न", "मः", "शि", "वा" और "य" के रूप में श्री रुद्रम् चमकम्, जो कृष्ण यजुर्वेद का हिस्सा है, उसमे प्रकट हुआ है।
  2. यह मन्त्र रुद्राष्टाध्यायी जो शुक्ल यजुर्वेद का हिस्सा है उसमे भी प्रकट हुआ है.[17]
  3. पूरा श्री शिव पंचाक्षर स्तोत्र इस मन्त्र के अर्थ हेतु समर्पित है । [18][19]
  4. तिरुमन्तिरम, तमिल भाषा में लिखित शास्त्र, इस मन्त्र का अर्थ बताता है । [20]
  5. शिव पुराण के विद्येश्वर संहिता के अध्याय 1.2.10 और वायवीय संहिता के अध्याय 13 में 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र लिखा हुआ है
  6. तमिल शैव शास्त्र, तिरुवाकाकम, "न", "मः", "शि", "वा" और "य" अक्षरों से शुरू हुआ है

उपयोग

यह मन्त्र के मौखिक या मानसिक रूप से दोहराया जाते समय मन में भगवान शिव की अनन्त व सर्वव्यापक उपस्थिति पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। परम्परागत रूप से इसे रुद्राक्ष माला पर 108 बार दोहराया जाता है। इसे जप योग कहा जाता है। इसे कोई भी गा या जप सकता है, परन्तु गुरु द्वारा मन्त्र दीक्षा के बाद इस मन्त्र का प्रभाव बढ़ जाता है। मन्त्र दीक्षा के पहले गुरु आमतौर पर कुछ अवधि के लिए अध्ययन करता है। मन्त्र दीक्षा प्रायः मन्दिर अनुष्ठान जैसे कि पूजा, जप, हवन, ध्यान और विभूति लगाने का भाग होता है। गुरु, मन्त्र को शिष्य के दाहिने कान में बोलतें हैं और कब और कैसे दोहराने की विधि भी बताते हैं।

प्रभाव

यह मन्त्र प्रार्थना, परमात्मा-प्रेम, दया, सत्य और परमसुख जैसे गुणों से जुड़ा हुआ है। सही ढंग से मन्त्र जप करने से यह मन को शान्त, आध्यात्मिक अन्तर्दृष्टि और ज्ञान लाता है । यह भक्त को शिव के पास भी लाता है। परम्परागत रूप से, यह स्वीकार किया गया है कि इस मन्त्र में समस्त शारीरिक और मानसिक बीमारियों को दूर रखने के शक्तिशाली चिकित्सकी गुण हैं। इस मन्त्र के भावपूर्ण पाठ करने से दिली शान्ति और आत्मा को प्रसन्नता मिलती है। कई हिन्दू शिक्षकों का विचार है कि इन पाँच अक्षरों का दोहराना शरीर के लिए साउण्ड थैरेपी और आत्मा के लिए अमृत के भाँति है। [21] 

यह भी देखें

संदर्भ

  1. Satguru Bodhinatha, Veylanswami (2017). What Is the Namaḥ Śivāya Mantra? from the "Path to Siva" Book. USA: Himalayan Academy. पपृ॰ chapter 16. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781934145722. मूल से 12 जून 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 अप्रैल 2018.
  2. "Śrī Rudram" (PDF). sec. Introduction. मूल (PDF) से 30 अगस्त 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 अप्रैल 2018.
  3. "Introduction to "Rudram"". sec. What is Rudram ?. मूल से 12 जून 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 अप्रैल 2018.
  4. "Sri Rudram". sec. Introduction. मूल से 12 जून 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 अप्रैल 2018.
  5. "Sri Rudram". मूल से 1 मई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 अप्रैल 2018.
  6. "Rudram" (PDF). vedaunion. पृ॰ anuvaka 8 of Namakam at page-22. मूल (PDF) से 17 मई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 अप्रैल 2018.
  7. "sri rudram exposition (search for "namaḥ śivāya ca śivatarāya ca" in the PDF on page 3)" (PDF). vedaunion.org. पृ॰ 3. मूल (PDF) से 30 अगस्त 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 अप्रैल 2018.
  8. "sri-rudram" (PDF). skandagurunatha.org. पृ॰ 4. मूल (PDF) से 28 मार्च 2018 को पुरालेखित.
  9. "Sri Rudram - Introduction". मूल से 12 जून 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 अप्रैल 2018.
  10. "which verse of sri rudram of yajurveda has word shiva (search as "Most importantly 1st verse of 8th Anuvaka mentions the word Shiva as")". hinduism.stackexchange.com. मूल से 16 फ़रवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 अप्रैल 2018.
  11. "RUDRASTADHYAYI". www.archive.org. मूल से 30 जुलाई 2018 को पुरालेखित.
  12. "Introduction to rudrashtadhyayi". www.shreemaa.org. मूल से 19 अप्रैल 2018 को पुरालेखित.
  13. "RUDRASTADHYAYI". मूल से 19 जून 2018 को पुरालेखित.
  14. "Translation". मूल से 20 अक्तूबर 2020 को पुरालेखित.
  15. "odia translation". मूल से 29 मार्च 2018 को पुरालेखित.
  16. Veylanswami, Bodhinatha (2016). "What Is the Namaḥ Śivāya Mantra?". Path to Siva. Himalayan academy. पृ॰ 16. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781934145739.
  17. "rudrashtadhyayi". पृ॰ Check first verse's second line. There you can see namah shivaya written in Sanskrit. मूल से 30 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 अप्रैल 2018.
  18. "Pachakshara stotram". मूल से 26 अप्रैल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 अप्रैल 2018.
  19. "shiva panchakshara stotra". मूल से 20 अप्रैल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 अप्रैल 2018.
  20. "Dancing with Siva". मूल से 5 अप्रैल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 अप्रैल 2018.
  21. "संग्रहीत प्रति" (PDF). मूल (PDF) से 28 मार्च 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 अप्रैल 2018.

सराहनीय