होला
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कच्चे या हरे चने को होला या होरहा कहते हैं।[1] इसकी छोटी झाड़ियों में बहुत छोटी फलियाँ लगती हैं। हर फली में 2 या 3 हरे दाने आते हैं। इसको अनेक प्रकार से पकाया जाता है और कच्चा भी खाया जाता है। होली के अवसर पर इस पौधे का बहुत अधिक महत्व होता है। उन्हीं दिनों इसकी नई फ़सल आती है और इसकी फलियों को होली की आग में भून कर खाना आवश्यक समझा जाता है।