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हृषीकेश सुलभ

हृषीकेश "सुलभ"

सुलभ 2006 में
जन्म 15 फ़रवरी 1955 (1955-02-15) (आयु 69)
सिवान, बिहार, India
उपनाम प्रभात
शिक्षा कला स्नातक (बी,ए,) हिन्दी
शिक्षा की जगह बी. एन. कॉलेज, पटना यूनिवर्सिटी
प्रसिद्धि का कारणभारतीय_साहित्य और भारतीय_रंगमंच के जाने माने व्यक्तित्व औ
ग्रामीण भारत और विस्थापन पर केंद्रित काम, मुख्यतः कहानी विधा
आधुनिक रंगमंच में बिदेशिया शैली के उपयोग में अग्रणी
जीवनसाथी मीना श्रीवास्तव
बच्चे वत्सला
वसुंधरा
वल्लरी
माता-पिता बिंदा देवी (माता)
रमा शंकर श्रीवास्तव (पिता)
पुरस्कार 1. संगीत_नाटक_अकादमी puraskaar, 2019,
2. 16वाँ इन्दु शर्मा अतर्राष्ट्रीय कथा सम्मान, 2010 - कथा, यूके, लंदन द्वारा
3. डॉ सिद्धनाथ कुमार स्मृति सम्मान, 2009
4. बनारसी प्रसाद भोजपुरी सम्मान
5. रामवृक्ष बेनीपुरी सम्मान
6. अनिल कुमार मुखर्जी शिखर समान
7. पाटलिपुत्र सम्मान

हृषीकेश सुलभ (जन्म फ़रवरी १५, १९५५) हिन्दी के समकालीन शीर्ष लेखकों में से हैं। 2019 के संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित, सुलभ कहानी, नाटक और बिदेशिया शैली में लेखन के लिए जाने जाते हैं। 1980 से 2015 के बीच आप ऑल इण्डिया रेडियो में कार्यरत थे। सेवानिवृत होने के बाद अपना समय लेखन और नाटक से जुड़ी गतिविधियों में भारत के विभिन्न शहरों में बिताते हैं।

हाल ही में

सुलभ जी को उनके कहानी संग्रह "वसंत के हत्यारे[मृत कड़ियाँ]" के लिये हाल ही में इन्दु शर्मा अंतर्राष्ट्रीय कथा सम्मान दिया गया है। ये सम्मान उन्हें कथा यूके द्वारा दिया गया है।

जीवन

आपका जन्म फ़रवरी १५, १९५५ को भारत में बिहार के लहेजी नामक एक छोटे से गाँव में हुआ। प्रारंभिक शिक्षा गाँव मे ही हुई। लहेजी के माहौल और रंगमंच से जुडाव ने आरंभ से ही रंगमंच की तरफ़ आपका ध्यान आकृष्ट किया।

आपके पिता, स्वतंत्रता सेनानी श्री रमाशंकर श्रीवास्तव, आपकी आगे की शिक्षा हेतु आपको ले कर पटना चले आये। हिन्दी से स्नातक होने के बाद आपने उच्च शिक्षा प्रारंभ की, किन्तु पारिवारिक जिम्मेदारियों और आर्थिक तंगी के चलते, आपने एक साल के पढाई के बाद अध्ययन स्थगित कर दिया।

जीविकोपार्जन करते हुये भी रचनात्मकता को जीवित रखने हेतु आपने ऑल इण्डिया रेडियो में 'प्रोग्राम-एक्ज़ीक्यूटिव' का पदभार सम्हाल लिया।

अप्रैल २६, १९८२ को २८ वर्ष की उम्र में अपनी नियमित पाठिका मीनूजी से आपका विवाह संपन्न हुआ। उस समय, मीनूजी अपने गाँव (ग्राम माधवपुर, ज़िला चम्पारन, बिहार, भारत) की इकलौती स्नातक महिला थीं। आप दोनों की तीन बेटियाँ भी हैं - वत्सला, वसुन्धरा, एवं वल्लरी।

आपके जीवन और आपके साहित्य-सृजन पर आपके पिता, जो कि स्वतंत्रता-सेनानी होने के साथ साथ एक होम्योपेथिक डॉक्टर भी थे, का गहरा असर पडा। आपने अक्सर अपने व्यक्तित्व की सहजता और उसमे निहित समानुभूति का श्रेय अपने पिता को दिया है। आपके पिता ने आप पर असाधारण हद तक विश्वास किया और पूरी स्वतंत्रता दी। [] पिछले तीस वर्षों से सुलभ ने साहित्य-सृजन के अलावा अनेक सांस्कृतिक आंदोलनों में भी भाग लिया है। उनकी कहानियाँ तमाम पत्रिकाओं में छपी हैं, तथा तमाम भाषाओं में उनका अनुवाद भी हो चुका है। रंगमंच से बचपन से जुडे होने के कारण आपने कहानियों और लेखों के साथ साथ नाटक भी लिखे।

आपने नाटक के विधा के अपने सृजन को विशेष रूप से बिहारी ठाकुर द्वारा प्रचलित की गयी शैली 'बिदेशिया' पर केंद्रित किया है। इस शैली को आधुनिक भारतीय रंगमंच में प्रयोग करने के लिये आप जाने जाते हैं। इस शैली के आपके प्रसिद्ध नाटक 'बटोही' का मंचन राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय द्वारा हाल ही में किया गया था।

पिछले कुछ वर्षों से आप लगातार हिन्दी साहित्यिक पत्रिका 'कथादेश' में लेख लिख रहे हैं।

""धरती आबा"" आपके द्वारा लिखा गया नवीनतम नाटक है।

पुरस्कार एवं सम्मान






साहित्य-सृजन

आपने मुख्यतः तीन विधाओं पर कार्य किया है - नाटक, कहानी एवं रंगमंच-आलोचना

नाटक

कहानी संग्रह

रंगमंच आलोचना

1. सारिका
2. धर्मयुग
3. लहर
4. साक्षात्कार
5. कथायात्रा
6. रविवार
7. वसुधा
8. साम्य
9. अब कहानी विशेषांक
10. वर्तमान साहित्य
11. हँस
12. कथन
13. सबरंग-जनसत्ता विशेषांक
14. कथादेश
15. इण्डिया टुडे एवं उसका ही साहित्य विशेषांक
16. लोकमत विशेषांक
17. प्रभात खबर विशेषांक
18. संभव कहानी विशेषांक
19. जनपथ
20. समकालीन भारतीय साहित्य

उनकी कहानी "अष्ठभुजालाल की भुजाएँ" थेरन्जेदुथा हिन्दी कथाकाल' में सम्मिलित की गयी थी। इसका अनुवाद वी. के। रविन्द्रनाथ ने किया था।[5]


जानकारियाँ

  1. * [1]Archived 2011-10-11 at the वेबैक मशीन869][मृत कड़ियाँ]
  2. "TheBrowser.org: Batohi". मूल से 24 जुलाई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 जुलाई 2010.
  3. "Latest Theatre Events in Delhi - January 2005". मूल से 15 जुलाई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 जुलाई 2010.
  4. "Mohallalive.com: Hrishikesh Sulabh". मूल से 23 जुलाई 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 जुलाई 2010.
  5. "Contemporary Hindu fiction". मूल से 22 जनवरी 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 जुलाई 2010.