हुलकी नृत्य
हुलकी नृत्य हुलकी पाटा नृत्य का प्रचलन मुरिया जनजातियों में है। इसमें नृत्य के साथ-साथ गीत विशेष आकर्षण रखते हैं। इस नृत्य में युवक और युवतियां दोनों हिस्सा लेते हैं। इसमें यह गाया जाता है कि राजा-रानी कैसे रहते हैं? अन्य गीतों में युवक और युवतियों की शारीरिक संरचना के प्रति सवाल-जबाब होते हैं। यह नृत्य किसी समय सीमा से नहीं बंधा होता है। इसका आयोजन किसी भी समय किया जा सकता है।
हुलकी नृत्य कि विशेषता इस नृत्य के साथ-साथ गाये जाने वाला गीत है। हुलकी नृत्य के समय गाये जाने वाले इस गीत को हुलकी गीत (Hulaki Song) कहा जाता है। अब आप सोचेंगे की इस हुलकी गीत में ऐसा क्या खास बात है। तो खास बात ये है, की ये अन्य आदिवासी समुदाय के जनजातीय लोक नृत्यों में गाये जाने वाले लोकगीतों से एक अलग ही प्रभाव डालता है। हुलकी गीत में नृत्य करने वाले युवक-युवतियां कुछ गीतों में "पुराने राजा एवं रानियाँ रहन-सहन कैसे करते थे?" इस बारे में गाया जाता है। और कुछ गीतों में "युवक-युवतियों के शारीरिक बनावट के ऊपर" एक-दूसरे से सवाल-जवाब करते हैं। यह पूरा सवाल-जवाब गानों के माध्यम से ही होता है। उदाहरण के लिए - यदि गाने में कोई ये सवाल करे कि, "ऊँचा लड़का किस काम का?" इसका ये मतलब है, कि यदि किसी लड़के का शरीर ऊँचे कद का है, तो वह लड़का क्या काम आता है? तो गाने के माध्यम से ही इसका जवाब देते हुए कहा जाता है, की "सेम तोड़ने के काम का।" मतलब ऊँचा लड़का सेम को तोड़ने के काम अता है