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हिमालयन शीपडॉग

हिमालयी शीपडॉग
हिमालयन शीपडॉग
अन्य नाम भोटे कुकुर, भोटिया बंगारा, गद्दी कुत्ता, हिमालयन मास्टिफ
मूल देश नेपाल
विशेषता
वज़न 23–41 कि॰ग्राम (51–90 पौंड)
ऊंचाई Typically 51–75 से॰मी॰ (20–30 इंच), can be up to 76 से॰मी॰ (30 इंच)
Coat लंबा, मोटा और कठोर डबल कोट
रंग काला और भूरा या पूरा काला, छोरों पर कुछ सफेद निशान
जीवन काल10–11 years
कुत्ता (Canis lupus familiaris)

हिमालयी शीपडॉग कुत्ते की एक नस्ल है, जो भारत समेत पूरे हिमालय क्षेत्र में पाया जाता है।[1][2][3][4][5] इसे स्थानीय भाषा में 'भोटे', 'बंगारा' या 'गद्दी कुत्ता' सहित विभिन्न नामों से जाना जाता है, और कभी-कभी हिमालयन मास्टिफ भी कहा जाता है। पहाड़ों में मवेशियों की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला हिमालयन शीपडॉग पूर्वी नेपाल से कश्मीर तक हिमालय की तलहटी में पाया जाता है।[4][5][6] इस नस्ल का उपयोग मुख्य रूप से मवेशी जानवर जिनमें में मुख्य रूप से गाय, भैंस, भेड़, बकरियां आदि आती है की सुरक्षा के लिए इन कुत्तों का इस्तेमाल किया जाता है। ऊपरी हिमालय क्षेत्र में याक और भेड़ों के झुंडों को विभिन्न शिकारियों से बचाता है, और यह एक संपत्ति संरक्षक कुत्ते के रूप में भी इसे घरों में पाला जाता है। मुख्यतः पशुधन संरक्षक के रूप में इसका इस्तेमाल किया जाता है। इस नस्ल का उपयोग चरवाहों की सहायता के लिए भी किया जाता है।[4][5][6] हिमालयन शीपडॉग का उपयोग शिकार में सहायता के लिए भी किया जाता है।[6]

विवरण

हिमालयन शीपडॉग, अपने से थोड़े बड़े तिब्बती मास्टिफ से काफी निकटता से संबंधित दिखते है।[5][6] इस नस्ल का दोहरा कोट आम तौर पर कठोर और मोटा होता है और वे आम तौर पर काले और भूरे या ठोस काले होते हैं जो इन्हें भीषण ठंड से राहत दिलाने में सहायक होते हैं। इनकी पैरों की उंगलियों, छाती और गर्दन पर कुछ सफेद निशान मिलते हैं। उनके कान छोटे और लटके हुए होते हैं और उनकी एक भारी पूंछ होती है जो पीठ पर झुकी रहती है।[6] उत्तराखंड में कुमाऊं जिले की पहाड़ियों और हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में इस नस्ल की कुछ अलग-अलग उप-किस्में भी पाई जाती हैं; पहला, जिसे साइप्रो कुकुर या कुमाऊं मास्टिफ के नाम से भी जाना जाता है, जो कि गहरे सुनहरे भूरे या काले रंग का होता है, दूसरा इसी नस्ल के अधिकांश कुत्तों से छोटा होता है और एक बड़े, लंबे बालों वाले काले लैब्राडोर रिट्रीवर जैसा दिखता है।[4][6]

हिमालयी कुत्ता 1870

2005 में भारतीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा देश की कुत्तों की विरासत का जश्न मनाने के लिए जारी किए गए डाक टिकटों के एक सेट पर हिमालयन शीपडॉग दिखाया गया था जो चार भारतीय कुत्तों की नस्लों में से एक था ।[7]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. Y. B.Rajeshwari (9 June 2009). Handbook on Care and Management of Laboratory and Pet Animals. New India Publishing. पृ॰ 13. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788189422981.सीएस1 रखरखाव: तिथि और वर्ष (link)
  2. "TrueTM".
  3. Fogle, Bruce (2009). The encyclopedia of the dog. New York: DK Publishing. पृ॰ 384. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-7566-6004-8.
  4. Hancock, David (2014). Dogs of the shepherds: a review of the pastoral breeds. Ramsbury, Wiltshire: The Crowood Press Ltd. पपृ॰ 14& 32. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-84797-808-0.
  5. Morris, Desmond (2001). Dogs: the ultimate dictionary of over 1,000 dog breeds. North Pomfret, VT: Trafalgar Square Publishing. पृ॰ 404. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 1-57076-219-8.
  6. Soman, W.V. (1962). The Indian dog. Mumbai: Popular Prakashan. पृ॰ 73.
  7. Upadhye, Aishwarya (1 February 2019). "The comeback of Indian native dog breeds". The Hindu. Chennai. अभिगमन तिथि 28 July 2020.