हिना (फ़िल्म)
हिना | |
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हिना का पोस्टर | |
निर्देशक | रणधीर कपूर |
लेखक | जैनेन्द्र जैन (संवाद) हसीना मोईन (संवाद)[1] |
कहानी | ख़्वाजा अहमद अब्बास वी॰ पी॰ साठे |
निर्माता | रणधीर कपूर राजीव कपूर |
अभिनेता | ऋषि कपूर, ज़ेबा बख्तियार, अश्विनी भावे, सईद जाफ़री, फरीदा ज़लाल |
संगीतकार | रवीन्द्र जैन |
प्रदर्शन तिथियाँ | 28 जून, 1991 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
हिना 1991 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसको ख़्वाजा अहमद अब्बास ने लिखा, निर्माण और निर्देशन रणधीर कपूर ने किया और मुख्य कलाकार उनके भाई ऋषि कपूर, अश्विनी भावे और ज़ेबा बख्तियार हैं। यह फिल्म आलोचनात्मक और व्यावसायिक सफलता थी और इसे भारत की तरफ से सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म के लिए अकादमी पुरस्कार में भेजा गया था। लेकिन इसे नामांकित फ़िल्म के रूप में स्वीकार नहीं किया गया था।
संक्षेप
चन्दर (ऋषि कपूर) श्रीनगर में रहता है। उसकी चाँदनी, जिसे वो चाँद कहता है (अश्विनी भावे), से सगाई होने वाली है। अपनी सगाई के दिन वह दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है और गलती से पाकिस्तानी के कश्मीर में घुस जाता है। कश्मीर पर विवादास्पद भारतीय-पाकिस्तानी तनाव के बीच हिना (ज़ेबा बख्तियार) नामक एक खानाबदोश लड़की, उसके साथ प्यार करने लगती है।
खूबसूरत हिना खान पाकिस्तान में झेलम नदी के पास अपने विधवा पिता, खान बाबा (सईद जाफ़री के साथ रहती है। उसके तीन भाई, अशरफ, रज्जाक, और जामन हैं। एक दिन वह एक शरीर को नदी से बहता आता हुआ देखती है। खान बाबा, बीबी गुल (फरीदा ज़लाल), और हिना उस आदमी को उठाते हैं और उसका स्वास्थ्य वापस ठीक करते हैं। उन्हें यह पता लगा कि वो अपनी याददाश्त खो गया है। वो आदमी नींद में "चाँद" नाम पुकारता है, इसलिये हर कोई उसे उस नाम से बुलाता है। जल्द ही वह चारों ओर घूमने लगता है, बीबी के लिए काम करना शुरू कर देता है और उन्हें मिट्टी के बर्तन बनाने में मदद करता है। हिना उसके साथ प्यार करने लगती है और उससे शादी करना चाहती है। दरोग शाहबाज खान (रजा मुराद) की उस पर नजर है जो की पहले ही दो बार शादी कर चुका है, लेकिन शरीयत कानून के मुताबिक वह दो बार शादी और कर सकता है। खान बाबा ने हिना और चाँद के विवाह की व्यवस्था की और शादी के लिए एक दिन तय किया गया। कबीले को जल्द ही पता चलता है कि चाँद मुस्लिम नहीं है, न ही वह पाकिस्तान से है। असल में वह भारत से है और एक कार दुर्घटना के दौरान पाकिस्तान पहुँच गया हैं। कबीला चाँद को घर वापस जाने के लिए सुरक्षित मार्ग बनाने का फैसला करता है। एक भाई के शाहबाज खान के साथ मिलने से पहला प्रयास असफल हो गया। दूसरा प्रयास सफल हुआ, लेकिन हिना अंत में मारी गई।
मुख्य कलाकार
- ऋषि कपूर - चन्दर प्रकाश
- ज़ेबा बख्तियार - हिना
- अश्विनी भावे - चाँदनी
- सईद जाफ़री - खान बाबा
- फरीदा ज़लाल - बीबी गुल
- कुलभूषण खरबंदा - चाँदनी के पिता
- किरन कुमार - अशरफ
- रीमा लागू - चाँदनी की माँ
- रज़ा मुराद - शहबाज़ ख़ान
- मोहनीश बहल - कैप्टन सुरेन्द्र
- दिलीप धवन - रज्जाक
- अरुण बख़्शी - हवलदार नवाबदीन
- शफ़ी ईनामदार - पुलिस अधीक्षक
संगीत
ये एल्बम लोकप्रिय हुई थी। एक गीत "चिट्ठीए नि दर्द फ़िराक वालिये" के गीतकार नक़्श लायलपुरी हैं।
सभी गीत रवीन्द्र जैन द्वारा लिखित; सारा संगीत रवीन्द्र जैन द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "देर ना हो जाए कहीं" | सतीश, फरीद साबरी, सुरेश वाडकर, लता मंगेशकर, मोहम्मद सईद | 8:21 |
2. | "चिट्ठीए नि दर्द फ़िराक वालिये" | लता मंगेशकर | 5:47 |
3. | "बेदर्दी तेरे प्यार ने" | लता मंगेशकर | 4:28 |
4. | "मैं देर करता नहीं" | सुरेश वाडेकर, लता मंगेशकर | 5:38 |
5. | "नार दाना अनार दाना" | लता मंगेशकर | 4:43 |
6. | "मैं हूँ खुशरंग हिना" (उल्लसित संस्करण) | लता मंगेशकर | 4:38 |
7. | "जानेवाले ओ जानेवाले" | लता मंगेशकर, सुरेश वाडेकर | 9:01 |
8. | "मरहबा सय्येदी मक्की मदानी" | मुहम्मद अज़ीज़ | 2:59 |
9. | "वश मल्ले वाई वाई" | मुहम्मद अज़ीज़ | 4:06 |
10. | "मैं हूँ खुशरंग हिना" (दुखी संस्करण) | लता मंगेशकर | 4:42 |
नामांकन और पुरस्कार
वर्ष | नामित कार्य | पुरस्कार | परिणाम |
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1992 | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार | नामित | |
ज़ेबा बख्तियार | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार | नामित | |
सईद जाफ़री | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार | नामित | |
फरीदा ज़लाल | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार | जीत | |
रवीन्द्र जैन ("मैं हूँ खुशरंग हिना") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार | नामित |
सन्दर्भ
- ↑ "ये हैं शो मैन राज कपूर की खूबसूरत हिरोइन..." आज तक. 5 नवंबर 2014. मूल से 7 अक्तूबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अक्टूबर 2018.