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हाबर प्रक्रम

फ्रिट्ज हाबर, 1918

हाबर प्रक्रम (Haber process) या हाबर-बॉश प्रक्रम (Haber–Bosch process) नाइट्रोजन स्थिरीकरण का एक कृत्रिम प्रक्रम है। इसके साथ ही वर्तमान समय में अमोनिया के औद्योगिक उत्पादन का मुख्य विधि है। [1] इस प्रक्रम का नाम जर्मनी के रसायनशास्त्री फ्रिट्ज हाबर तथा कार्ल बॉश (Carl Bosch) के नाम पर पड़ा है जिन्होने इस प्रक्रम का विकास २०वीं शताब्दी के पूर्वाध में किया था। इस प्रक्रिया में वायुमण्डलीय नाइट्रोजन (N2) को हाइड्रोजन (H2) से अभिक्रिया कराकर अमोनिया (NH3) में बदल दिया जाता है। इसमें धातु का उत्प्रेरक और उच्च ताप एवं दाब प्रयुक्त होता है।

N2 + 3 H2 → 2 NH3   (ΔH = −92.4 kJ·mol−1)

हाबर प्रक्रम के विकास के पहले, अमोनिया का औद्योगिक पैमाने पर उत्पादन एक कठिन कार्य था[2][3][4]

सन्दर्भ

  1. Max Appl "Ammonia" in Ullmann's Encyclopedia of Industrial Chemistry 2006 Wiley-VCH, Weinheim. doi:10.1002/14356007.a02_143.pub2
  2. Smil, Vaclav (2004). Enriching the earth : Fritz Haber, Carl Bosch, and the transformation of world food production (1st MIT Press paperback संस्करण). Cambridge, Mass.: MIT. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780262693134.
  3. Hager, Thomas (2008). The alchemy of air : a Jewish genius, a doomed tycoon, and the scientific discovery that fed the world but fueled the rise of Hitler (1st संस्करण). New York: Harmony Books. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-307-35178-4.
  4. Sittig, Marshall (1979). Fertilizer industry : processes, pollution control, and energy conservation. Park Ridge, N.J.: Noyes Data Corp. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-8155-0734-8.