हापुड़ जिला
हापुड़ ज़िला | |
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उत्तर प्रदेश में हापुड़ ज़िले की अवस्थिति | |
राज्य | उत्तर प्रदेश भारत |
प्रभाग | मेरठ |
मुख्यालय | हापुड़ |
क्षेत्रफल | 660 कि॰मी2 (250 वर्ग मील) |
जनसंख्या | 13,38,211 (2011) |
जनघनत्व | 2,000/किमी2 (5,200/मील2) |
तहसीलें | गढ़मुक्तेश्वर धौलाना हापुड़ |
राजमार्ग | NH9 |
आधिकारिक जालस्थल |
हापुड़ ज़िला भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय हापुड़ है। इस ज़िले का गठन इसे 28 सितम्बर 2011 को ग़ाज़ियाबाद ज़िले से अलग कर किया गया, और यह उत्तर प्रदेश का सबसे छोटा ज़िला बना। इसकी तीन तहसीलें हैं: हापुड़, गढ़मुक्तेश्वर और धौलाना।[1][2]
ग्राम
हापुड़ जिले के अंतर्गत कुल 272 ग्राम पंचायत एवं 352 ग्राम आते हैं। ये हापुड़ ज़िले में कुछ गाँव हैं:
- मुरादपुर निज़ामसर - यह गांव हापुड़ से 8 किमी दूर है यह सिंभावली ब्लॉक मे आता हैं हापुड़ जिले का यह प्रमुख गांव माना जाता हैं
- बछलौता- यह गांव हापुड़ ब्लॉक मे आता है | इस गांव के किसान आदेश मसंद ईख की खेती के लिए जाने जाते हैं | हापुड़ से 8किमी गढ़ के तरफ छावनी के पास है गांव की जनसंख्या लगभग 20-25 हज़ार हैं। गांव में लगभग सभी बिरादरी के लोग शिक्षित है और पुलिस और सेना मे सेवा दे रहे है |
- लालपुर- यह गांव हापुड़ ब्लॉक के अंतर्गत हैं। इतिहास मे यहा जमींदारा था | जमींदार झंडा सिंह यहा के जमींदार थे वह एक समाज सेवी भी थे | यह गांव महाराज खिचडी वाले के लिये भी प्रसिद्ध हैं!
- खगोई - यह गांव सिंभावली ब्लॉक के अंतर्गत है |
- भटैल - यह गांव कुचेसर क्षेत्र के समीप और हापुड़ जिले में है।
- श्यामनगर - यह गांव हापुड़ के समीप है। यहां एक पॉवर स्टेशन भी प्रस्तावित है।
- खैरपुर खैराबाद - यह गांव पिलखुवा क्षेत्र के पास हापुड़ जिले में आता है। इस गांव की अधिकतर आबादी जाट जाति है , इस गांव में आर्मी का क्रेज़ बहुत ज्यादा है अधिकतर जवान आर्मी में जाने की तैयारी करते हैं में जाना पसंद करते हैं कुछ पुलिस में भी रुचि रखते हैं स्पोर्ट्स का विशेष ख्याल रखते हैं सम्मानित और शांति के लिए जाट गांव में रहते हैं इस गांव का अपना इतिहास है यहां की चामुंडा माता मैया का मंदिर है और पुराना भोले बाबा का और देवी मां का मंदिर गांव के बाहर अंदर गांव में पहुंचने से पहले ही है
- होशदारपुर गढ़ी - यह गांव बाबूगढ़ छावनी के समीप है। यहां सभी जाति के लोग रहते हैं। यह जाट बाहुल्य गांव है। यहां के युवाओं में आर्मी का क्रेज सबसे ज्यादा है। गांव के अधिकतर नौजवान आर्मी एवं पुलिस में सेवाएं दे रहे हैं।
- धनौरा - यह गांव हापुड़ जिले से लगभग 6 कि मी की दूरी पर है।
- खरखड़ी - यह हापुड़ जिले का गांव मूलतः त्यागी बाहुल्य गांव है।
- खेड़ा - यह गांव पिलखुवा क्षेत्र के समीप NH-24 पर स्थित है |
- बक्सर - यह गांव सिंभावली ब्लॉक के पास है |
- हिम्मतपुर - यह गांव सिंभावली ब्लॉक में है |
- दत्तयाना - यह गांव सिंभावली ब्लॉक के निकट है |
- कावी - हापुड़ से पिलखुवा जाते हुए नेश्नल हाइवे पर पड़ने वाले निजामपुर गांव से कावी गांव को पहुच जा सकता है। इस गांव में लगभग सभी जाति के लोग रहते है। यह हापुड़ से लगभग 10 किलोमीटर व पिलखुवा से 6 किलोमीटर पड़ता है।
- चितौली - हापुड़ से बुलंदशहर जाते हुए हाईवे के समीप पड़ने वाले अक्डोलि, उबरपुर, दोनों गाँव से चितौली को रास्ता जाता है।
- अयदनगर- बाबूगढ़ छावनी से यह गांव 5 किलोमीटर दूर पड़ता है | श्यामेश्वर महादेव मंदिर यहा का प्रसिद्ध तीर्थ है। यह मंदिर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी दिव्यानंद तीर्थ जी महाराज की तपस्थली है। यहाँ ब्राह्मण, मुस्लिम, जाटव, कुम्हार सभी जाति/धर्म के लोग मिलजुल के साथ रहते हैं।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ "Uttar Pradesh in Statistics," Kripa Shankar, APH Publishing, 1987, ISBN 9788170240716
- ↑ "Political Process in Uttar Pradesh: Identity, Economic Reforms, and Governance Archived 2017-04-23 at the वेबैक मशीन," Sudha Pai (editor), Centre for Political Studies, Jawaharlal Nehru University, Pearson Education India, 2007, ISBN 9788131707975