हाइब्रिड वाहन
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एक हाइब्रिड वाहन एक ऐसा वाहन है, जो वाहन को चलाने के लिए दो या दो से अधिक भिन्न ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करता है।[1] यह शब्द सबसे अधिक हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व़ीइकल्स अर्थात् संकर विद्युत वाहन (HEVs), के रूप में जाना जाता है, जिसमें एक आंतरिक दहन इंजन और एक या एक से अधिक विद्युत मोटर होते हैं।
शक्ति
हाइब्रिड वाहनों के लिए ऊर्जा के स्रोतों में शामिल हैं:
- ऑन-बोर्ड या आउट-बोर्ड दोबारा चार्ज करने योग्य ऊर्जा भंडारण प्रणाली (RESS)
- पेट्रोल या डीजल ईंधन
- हाइड्रोजन
- संपीड़ित हवा
- तरल नाइट्रोजन
- मानव चालित जैसे - पैडल मारना या नाव चलाना
- पवन
- विद्युत
- संकुचित या द्रवीभूत प्राकृतिक गैस
- सौर
- आंतरिक दहन इंजन से अपशिष्ट उष्मा.
- कोयला, लकड़ी या अन्य ठोस जलावन
- विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र, रेडियो तरंगें
वाहन के प्रकार
दो पहियों वाले और चक्राकार वाहन
मोपेड और बिजली से चलनेवाली साइकिलें हाइब्रिड के सरल रूप हैं, क्योंकि ये आंतरिक दहन इंजन या बिजली के मोटर और सवार की शारीरिक ताकत दोनों से चलते हैं। 1800 के दशक के आखिरी दौर में मोटरसाइकिलों के प्रारंभिक मूल रूप इसी सिद्धांत पर चलते थे।
- एक समानांतर हाइब्रिड प्रजाति की साइकिल में मानव और मोटर की शक्ति एक साथ पेडल ड्राइव ट्रेन या पिछले या अगले ह्वील से मशीन द्वारा जोड़े गये होते हैं और इसमें हब मोटर, एक टायर से जुड़ा रॉलर या ट्रांसमीटर उपकरण के उपयोग से ह्वील से संबंध जोड़ा गया होता है। मानव व मोटर घूर्णन यंत्र एक साथ जोड़े गये होते हैं। लगभग सभी निर्मित मॉडल लगभग इसी प्रकार के हैं। और अधिक जानकारी के लिए मोटोराइज्ड साइकिल, मोपेड्स और[2] देखें
- सीरीज हाइब्रिड साइकिल (SH) में उपयोगकर्ता पैडल का उपयोग कर एक जेनरेटर को शक्ति प्रदान करता है। इसे बिजली में परिवर्तित किया जाता है और इसे न केवल सीधे मोटर में प्रवाहित कर चेनरहित साइकिल चलाई जा सकती है, बल्कि बैटरी को भी चार्ज किया जा सकता है। मोटर बैटरी से शक्ति प्राप्त करता है और इसमें इसे अपेक्षित सम्पूर्ण यांत्रिक घूर्णन यन्त्र को प्रदान करने की क्षमता अवश्य होनी चाहिए क्योंकि पैडल के जरिये बिजली उपलब्ध नहीं होती. SH साइकिलें वाणिज्यिक दृष्टि से उपलब्ध हैं, क्योंकि उनका सिद्धांत और निर्माण बहुत सरल है।[3]
- पहली ज्ञात प्रोटोटाइप और एक SH साइकिल के बारे में प्रकाशन 1975 में अगस्तस किनजेल (अमेरिकी पेटेंट 3'884'317) के जरिये उपलब्ध हुआ। 1994 में बर्नी मैकडोनाल्ड्स ने बिजली से चलने वाले इलेक्ट्रिलाइट SH हल्के वाहन की कल्पना की, जिसमें पॉवर इलेक्ट्रॉनिक्स का उपयोग किया गया, जिसमें स्थिर रहने के दौरान पुनर्योजी ब्रेकिंग और पेडलिंग संभव थी। 1995 में थॉमस मुलर ने 1995 की अपनी डिप्लोमा थीसिस में एक "Fahrrad mit elektromagnetischem Antrieb" डिजाइन की और एक कार्य करनेवाला वाहन बनाया. 1996 में बर्न विश्वविद्यालय के एप्लायड साइंस विभाग के जुर्ग ब्लैटर और एंड्रियस फुच्स ने एक SH साइकिल बनाई और 1998 में इस प्रणाली को और समुन्नत कर लिट्रा तिपहिया (यूरोपियन पेटेंट EP 1165188) लगाया. 1999 में हेराल्ड कुट्जक ने "सक्रिय साइकिल" की अपनी अवधारणा का उल्लेख किया; जिसका उद्देश्य था बहुत कम वजन वाले आदर्श साइकिल का निर्माण और जिसमें इलेक्ट्रॉनिक उर्जा की क्षतिपूर्ति का प्रावधान न हो. 2005 तक फुच्स और उनके सहकर्मियों ने कई प्रोटोटाइप SH तिपहिए और चारपहिए वाहनों का निर्माण किया। [3] Archived 2013-06-02 at the वेबैक मशीन
भारी वाहन
हाइब्रिड पॉवर ट्रेनों का उपयोग डीजल-बिजली या टर्बो बिजली रेल इंजनों, बसों, भारी माल वाहनों, सचल हाइड्रोलिक मशीनरी तथा जहाजों में होता है। सही रूप में हीट इंजन (आमतौर पर डीजल) एक इलेक्ट्रिक जेनरेटर या हाइड्रोलिक पंप को खीचता है, जो एक या अधिक इलेक्ट्रिक जेनरेटर या हाइड्रोलिक पंप को बिजली प्रदान करता है। वहां पर तार या पाइप के माध्यम से बिजली का वितरण होता है न कि मैकेनिकल तत्वों, खासकर जब कई प्रकार के ड्राइव-चालित पहियों या प्रोपेलरों (वाहन या मोटर को आगे ले जाने वाले शाफ्ट)- की जरूरत होती है। वहां आम तौर पर एक इलेक्ट्रिक या हाइड्रोलिक मोटर में शक्ति प्रदान करने के लिए आम डीजल ईंधन से बिजली प्रदान करने के दोहरे रूपांतरण से बिजली नष्ट होती है। बड़े वाहनों के साथ फायदे पर तब नुकसान भारी पड़ जाता है, जब खासकर रूपांतरण का नुकसान आम तौर पर आकार के साथ घटता जाता है। गैर-परमाणु पनडुब्बियों के साथ अपवाद हैं, क्योंकि वर्तमान में वहां अधिकतर भारी वाहनों में ऊर्जा भंडारण क्षमता या तो नहीं होती या बहुत कम होती है, सहायक बैटरी या हाइड्रोलिक संचायक- यह रेल परिवहन में बदल रहा है।
रेल परिवहन
यूरोप
एक विशिष्ट "हाइब्रिड" का एक उदाहरण - नया ऑटोरेल ए ग्रांडे कैपासिटे (AGC या उच्च क्षमता वाली रेल कार) है जिसे कनाडा की कंपनी बंबार्डियर (Bombardier) ने फ़्रांस में सेवा के लिए बनाया था। इसमें दोहरे मोड वाले (डीजल और बिजली मोटर) और दोहरी वोल्टेज क्षमताएं (1500 और 25000 वोल्ट) हैं, जिससे इनका विभिन्न रेल प्रणालियों में इस्तेमाल करना संभव हुआ है।[4]
चीन
1999 में MATRAI में रेलवे अनुसंधान केंद्र ने पहली हाइब्रिड प्रोटोटाइप मूल्यांकन इंजन की डिजाइन तैयार की और ठेका लिया तथा इसका नमूना 2000 में तैयार हो गया। इसमें एक G12 इंजन था, जिसे 200 KW डीजल जेनरेटर और बैटरियों से हाइब्रिड में परिवर्तित कर दिया गया था और इसमें 4 AC कर्षण मोटर्स (4 में से) DC कर्षण मोटर्स के कवर में फिर से लगाये गये थे।
जापान
महत्वपूर्ण ऊर्जा भंडारण और ऊर्जा पुनर्जनन क्षमता के साथ हाइब्रिड ट्रेन इंजन का पहला परिचालित प्रोटोटाइप KiHa E200 के रूप में जापान में शुरू किया गया। इसमें लिथियम आयन बैटरियों के पैक का इस्तेमाल किया जाता है, जो संरक्षित ऊर्जा के रूप में इंजन की छत पर रखे होते थे।[5]
उत्तर अमेरिका
अमेरिका में जनरल इलेक्ट्रिक ने 2007 में "इकोमैजिनेशन" प्रौद्योगिकी के साथ एक प्रोटोटाइप रेल रोड इंजन की शुरुआत की। वे ऊर्जा का भंडारण सोडियम निकेल क्लोराइड (Na-NiCl2) बैटरियों के एक बड़े सेट के जरिये करते हैं, जो तब ऊर्जा ग्रहण व भंडरण करते हैं, जब वह गतिशील ब्रेकिंग व समुद्रतटीय डाउनहिल के दौरान खर्च हो जाती है। इस प्रणाली से कम से कम 10% कम ईंधन के उपयोग की उम्मीद की जाती है और इस हाइब्रिड अनुसंधान पर हर साल करीब 2 अरब डॉलर खर्च किये जा रहे हैं।[6]
विशिष्ट डीजल इलेक्ट्रिक इंजनों के विभिन्न प्रकारों में ग्रीन गोट (GG) और ग्रीन किड (GK) स्विचिंग/यार्ड इंजन शामिल हैं, जिन्हें कनाडा के रेल पॉवर टेक्नोलॉजिज (Railpower Technologies) ने बनाया है। वे हेवी ड्युटी व लंबे जीवन वाली (10 साल) रिचार्ज करने योग्य लीड एसिड (Pba) बैटरियों और प्राथमिक मकसद स्रोतों के रूप में 1000 से 2000 अश्वशक्ति के बिजली के मोटरों और जरूरत के मुताबिक बैटरियों को रिचार्ज करने के लिए एक नया क्लीन बर्निंग डीजल जेनरेटर (160 अश्वशक्ति) का उपयोग किया जाता है। इस तरह के इंजनों के गियर से अलग होकर वाहन के धीमे होने पर कोई ईंधन या बिजली बर्बाद नहीं होती-आम तौर पर समय के 60-85% हिस्से के दौरान. यह स्पष्ट नहीं है कि अगर डायनेमिक ब्रेकिंग (पुनर्योजी) में लगने वाली बिजली का पुनः उपयोग हो सकता है या नहीं, लेकिन सिद्धांत रूप में इसका आसानी से उपयोग किया जाना चाहिए।
चूंकि भार खींचने के मकसद से इन इंजनों को अतिरिक्त वजन की जरूरत होती है, इसलिए बैटरी पैक का वजन नगण्य माना जा सकता है। इसके अलावा डीजल जेनरेटर और बैटरी पैकेज सामान्य रूप से महत्वपूर्ण अतिरिक्त लागत बचत के लिए "यार्ड" के "सेवा से अलग किये हुए" लोकोमोटिव फ्रेम पर बनाये जाते हैं। मौजूदा मोटर और चलने वाले गियर सभी का पुनर्निर्माण व दोबारा उपयोग किया जाता है। दावा किया जाता है कि एक "विशिष्ट" पुराने स्विचिंग/यार्ड इंजन से 40-60% डीजल ईंधन और 80% तक प्रदूषण में कटौती होती है। इसी तरह के लाभ जो मौजूदा हाइब्रिड कारों के पास बार-बार शुरू करने और बंद करने और निष्क्रिय रहने की अवधियों के साथ उपलब्ध होते हैं, विशिष्ट स्विचिंग यार्ड उपयोग में भी लागू होते हैं।[7] "ग्रीन गोट" रेल इंजनों की खरीद अन्य के अलावा कनाडियन पैसिफिक रेलवे, BNSF रेलवे, कंसास सिटी साउदर्न रेलवे और यूनियन पैसिफिक रेलरोड ने की।
क्रेन
ब्रिटिश कोलंबिया के वैंकूवर में TSI टर्मिनल सिस्टम्स इंक. (TSI Terminal Systems Inc.) के साथ काम कर रहे रेलपॉवर टेक्नोलॉजीज कार्पोरेशन (Railpower Technologies Corp.) के अभियंता रबड़ टायर्ड गैन्ट्री (RTG) क्रेनों में उपयोग के लिए बैटरी भंडारण के साथ हाइब्रिड डीजल इलेक्ट्रिक पॉवर यूनिट का परीक्षण कर रहे हैं। RTG क्रेनों का उपयोग आम तौर पर बंदरगाहों और कंटेनर भंडारण यार्ड में लदान और गाड़ियों या ट्रकों पर शिपिंग कंटेनर उतारने के लिए किया जाता है। कंटेनर को उठाने में लगने वाली बिजली तब आंशिक रूप से पुन: प्राप्त हो जाती है, जब उसे नीचे किया जाता है। रेलपॉवर के इंजीनियरों की भविष्यवाणी है कि डीजल ईंधन और उत्सर्जन में 50-70% तक की कटौती हो सकती है।[8] पहले प्रणाली के 2007 में परिचालित होने की उम्मीद है।[9]
सड़क परिवहन, वाणिज्यिक वाहन
शुरुआती हाइब्रिड प्रणालियों का अनुसंधान ट्रकों और राजमार्ग पर चलने वाले अन्य भारी वाहनों के लिए किया जा रहा है, हालांकि कुछ ट्रकों व बसों के संचालन के लिए भी इनका उपयोग शुरू किया जानेवाला है। ऐसा प्रतीत होता है कि मुख्य बाधाओं में छोटे बेड़ों के आकार और हाइब्रिड प्रणाली में अतिरिक्त लागत हैं, जिनकी क्षतिपूर्ति ईंधन की बचत द्वारा की जानी है।[10] लेकिन तेल की कीमतों में ऊपर की ओर उछाल की प्रवृत्ति होनी तय है और इसका सर्वोच्च बिंदु 1995 के अंत तक पहुंच सकता है। [dated info] हाइब्रिड कार उद्योग के क्षेत्र में विकसित समुन्नत प्रोद्योगिकी व बैटरी की कम लागत और उच्च क्षमता आदि से पहले से ही ट्रक में भी इसका उपयोग हो रहा है, जैसे - टोयोटा (Toyota), फोर्ड (Ford) और GM और अन्य ने हाइब्रिड पिकअप्स व SUV. केनवर्थ ट्रक कंपनी (Kenworth Truck Company) ने हाल ही में केनवर्थ T270 क्लास 6 हाइब्रिड इलेक्ट्रिक ट्रक शुरू किये गये हैं, जो प्रतिस्पर्धी हैं।[11][12] फेडएक्स (FedEx) और अन्य कंपनियां हाइब्रिड डेलिवरी टाइप वाहनों में निवेश शुरू कर रही हैं, खासकर नगरों के लिए हाइब्रिड प्रोद्योगिकी सबसे पहले उपयोग किया जाना है।[13]
सैन्य ऑफ रोड वाहन
1985 के बाद से अमेरिकी सेना धारावाहिक हाइब्रिड हमवीज का परीक्षण कर रही है[14][15] और उसने पाया है कि ये तेजी से गति बढ़ाने, निम्न तापीय चिह्नक/ करीब-करीब आवाज रहित ऑपरेशन और ईंधन की ज्यादा बचत करने में सक्षम हैं।
जहाज
मस्तूल पर पाल वाले और भाप इंजन दोनों से लैस जहाज हाइब्रिड वाहन के प्रारंभिक रूप हैं। एक दूसरा उदाहरण - डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी है। जब यह जलमग्न होती है तो बैटरियों से चलती है और जब यह सतह पर होती है तो डीजल इंजन से रिचार्ज की हुई बैटरियों से चलती है।
थोड़े नए हाइब्रिड जहाज प्रणोदन योजनाओं में बड़े रस्सा पतंग हैं, जो स्काईसेल्स (SkySails) जैसी कंपनियों द्वारा निर्मित है। रस्सों से लगे पतंग जहाज के मस्तूल से कई गुना अधिक ऊंचाई पर उड़ सकते हैं और वे शक्तिशाली व लगातार हवाओं का उपयोग कर सकते हैं।
विमान
डेल्टा एयर लाइन्स (Delta Air Lines) अपने बोइंग 737NG को 2010 के शुरुआत में हाइब्रिड प्रणाली से लैस करने जा रही है और इसके लिए वह बोइंग 737NG के बेड़े पर ह्वीलटग (WheelTug) ग्राउंड प्रोपल्सन प्रणाली लगायेगी.[16][17] टरबाइन शक्ति वाले APU द्वारा, सतह पर उपयोग के लिए लैंडिंग गियर पर रखे गये एक कोरस मोटर द्वारा बिजली उपलब्ध कर डेल्टा एयर लाइन्स एक हाइब्रिड विन्यास तैयार करेगी, जिससे मुख्य इंजन का उपयोग उड़ान भरने, उतरने और उड़ान के अलावा बाकी सब कुछ किया जा सकेगा।
बोइंग ईंधन सेल प्रदर्शक हवाई जहाज में एक प्रोटॉन विनिमय झिल्ली (PEM) ईंधन सेल/लिथियम-आयन बैटरी हाइब्रिड प्रणाली होती है, मोटर को विद्युत मिलती है और जो एक पारंपरिक प्रोपेलर के लिए युग्मित है। ईंधन सेल उड़ान के क्रूज चरण के लिए सभी तरह की शक्ति प्रदान करता है . उड़ान भरने और चढ़ाई के दौरान, उड़ान खंड को सबसे अधिक बिजली की आवश्यकता होती है और प्रणाली हल्के लिथियम आयन बैटरी पर चलती है।
प्रदर्शक विमान एक डिमोना मोटर ग्लाइडर है, जिसे ऑस्ट्रिया के डायमंड एयरक्राफ्ट इंडस्ट्रीज (Diamond Aircraft Industries) ने बनाया है और जिसने विमान में संरचनात्मक संशोधनों किये हैं। 16.3 मीटर पंख की चौड़ाई (53.5 फीट) वाला यह हवाई जहाज ईंधन सेल से बिजली लेकर लगभग 100 किलोमीटर प्रति घंटे (62 मील प्रति घंटा) की गति से उड़ान भरने में सक्षम होगा। [18]
इंजन के प्रकार
हाइब्रिड इलेक्ट्रिक-पेट्रोलियम वाहन
जब हाइब्रिड वाहन शब्द का प्रयोग किया जाता है, तो यह अक्सर हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व़ीइकल को संदर्भित करता है। इनमें AHS2 (चेवरलेट तेहो (Chevrolet Tahoe), GMC यूकोन (GMC Yukon), चेवरलेट सिलवराडो (Chevrolet Silverado), कैडिलैक एस्क्लाड (Cadillac Escalade) और सैटर्न व्यू (Saturn Vue)), टोयोटा प्रीयूस (Toyota Prius), टोयोटा कैम्री हाइब्रिड (Toyota Camry Hybrid), फोर्ड एस्केप हाइब्रिड (Ford Escape Hybrid), टोयोटा हाईलैडर हाइब्रिड (Toyota Highlander Hybrid), होंडा इनसाइट (Honda Insight), होंडा सिविक हाइब्रिड (Honda Civic Hybrid) लेक्सस RX 400h और 450h और अन्य वाहन होते हैं। एक पेट्रोलियम-इलेक्ट्रिक हाइब्रिड में आंतरिक दहन इंजन (आम तौर पर गैसोलीन या डीजल इंजन, जिन्हें विभिन्न प्रकार के ईंधन द्वारा संचालित किया जाता है।) और बिजली के मोटर को चलाने के लिए बिजली की बैटरियों का उपयोग किया जाता है। पेट्रोलियम-इलेक्ट्रिक हाइब्रिड ड्राइव ट्रेनों के कई प्रकारों में पूर्ण हाइब्रिड से हल्के हाइब्रिड तक हैं, जिनके कई लाभ और नुकसान भी है।[19]
1900 में फर्डीनेंड पॉर्श ने दुनिया में पहला गैसोलीन बिजली श्रृंखला का हाइब्रिड ऑटोमोबाइल विकसित किया, जिसमें बिजली प्रदान करने वाले दहन जेनरेटर सेट के साथ दो मोटर वाली पहिया हब व्यवस्था के जरिये गति का रिकॉर्ड स्थापित किया। जबकि तरल ईंधन/विद्युत हाइब्रिड वाहन 1800 के दशक के आखिर में बने, पर उल्लेखनीय पुनर्योजी हाइब्रिड का आविष्कार 1978-79 में अर्कांसास के स्प्रिंगडेल के एक बिजली इंजीनियर डेविड आर्थर ने किया। उनके अपने घर में परिवर्तित ओपल GT डिजाइन 75MPG की तरह ही वापस लौट आया, पर उनकी मूल डिजाइन को बेचने की योजना अभी भी है और "मदर अर्थ न्यूज" की वेबसाइट पर उनका संशोधित संस्करण डाला गया। [20]
प्लग-इन-इलेक्ट्रिक व़ीइकल (PEV) अधिक से अधिक आम हो रहा है। इसकी जरूरत उन स्थानों में है, जहां कोई सेवा न होने के साथ-साथ व्यापक दूरी भी हैं। बैटरियों को घ्रर (मुख्य स्रोत) की बिजली से चार्ज किया जा सकता है और साथ्र ही इंजन के चलने के दौरान भी चार्ज किया जा सकता है।
जहाज़ के बाहर लगातार चार्ज होने वाला इलेक्ट्रिक वाहन (COREV)
अगर उपयुक्त बुनियादी ढांचा, अनुमति और वाहन हो तो BEVs उस समय भी रिचार्ज किया जा सकता हैं, जब उपयोगकर्ता वाहन चला रहा हो। BEV हाईवे पर लगे विद्युतीकृत रेल, प्लेट या ओवरहेड तार के संपर्क में एक जुड़े हुए कंडक्टिंग ह्वील (कंडीट करेंट कलेक्शन देखें) के जरिये संपर्क स्थापित करता है। BEV की बैटरियों को इस प्रक्रिया से राजमार्ग पर भी चार्ज की जा सकती हैं और फिर अन्य सड़कों पर सामान्य रूप से तब तक प्रयोग किया जा सकता है, जब तक बैटरी की विद्युत खत्म (डिस्चार्ज) नहीं हो जाती.
सिद्धांत के रूप में, इससे वस्तुतः अप्रतिबंधित राजमार्ग रेंज कवर किया जा सकता है, जहां तक आपको BEV बुनियादी सुविधाओं की पहुंच होती है। चूंकि कई स्थल एक प्रमुख राजमार्ग के 100 किमी के भीतर होते हैं, इसलिए महंगी बैटरी प्रणालियों की जरूरत कम हो सकती है। दुर्भाग्य से मौजूदा विद्युत प्रणाली का निजी उपयोग लगभग सार्वभौमिक रूप से निषिद्ध है।
विद्युत के ऐसे बुनियादी ढांचे की प्रौद्योगिकी पुरानी है और कुछ शहरों के बाहर व्यापक रूप से वितरित (देखें - कंडीट करेंट कलेक्शन, ट्राम, विद्युत से चलने वाली रेल, टॉली, थर्ड रेल) नहीं होती हैं। जरूरत के मुताबिक विद्युत और बुनियादी ढांचे को अद्यतन करने की लागत सिद्धांत में, टोल राजस्व, गैसोलीन या अन्य करों के द्वारा वित्त पोषित की जा सकती है।
हाइब्रिड ईंधन (दोहरा मोड)
प्रणोदन के लिए दो या दो से अधिक उपकरणों के लिए उपयोग किये जाने वाले वाहनों के अलावा, कुछ लोग ऐसे भी वाहनों पर विचार करते हैं, जो अलग ऊर्जा स्रोतों या इनपुट प्रकार "(ईंधन)" का उपयोग कर उसी इंजन को हाइब्रिड के रूप में प्रयोग करते हैं, यद्यपि ऊपर वर्णित हाइब्रिड के संबंध में भ्रम से बचने के लिए और शब्दों का सही ढंग से प्रयोग के लिए, इन वाहनों को दोहरे मोड वाला वाहन कहना शायद अधिक सही होगा।
- विद्युत से चलने वाली कुछ ट्रॉली बसें स्थिति को देखते हुए ऑन बोर्ड डीजल इंजन और ओवरहेड इलेक्ट्रिक पॉवर में से अदल-बदल कर विद्युत ले सकती हैं। (देखें - दोहरे मोड वाली बस). सिद्धांत की दृष्टि से, इसे एक बैटरी उपतंत्र के साथ संयुक्त किया जा सकता है, ताकि एक वास्तविक प्लग-इन हाइब्रिड ट्रॉली बसें तैयार की जा सकें. हालांकि,2006 के अनुसार [update] ऐसी किसी डिजाइन की घोषणा नहीं की गई है।
- लचीले ईंधन वाहन, एक टैंक में मिश्रित इनपुट ईंधनों के एक मिश्रण—आम तौर पर गैसोलीन और इथेनॉल, या मिथानोल या बॉयोबुटानोल—का उपयोग कर सकते हैं।
- दो तरह के ईंधन वाले वाहन: द्रवीभूत पेट्रोलियम गैस और प्राकृतिक गैस पेट्रोलियम या डीजल से अलग हैं और इन्हें एक ही टैंक में रखकर उपयोग नहीं किया जा सकता इसलिए एक (LPG या NG) लचीली ईंधन प्रणाली तैयार करना असंभव होगा। इसके बजाय वाहन दो समानांतर ईंधन प्रणाली के साथ निर्मित किये जा सकते हैं, जिसे एक इंजन को ईंधन मिले। जबकि कुछ अनुप्रयोगों में दोहरे टैंक की लागत में अंतर होता है, वर्धित रेंज और लचीलापन जहां (LPG या NG) आधारभूत ढांचा अधूरा होता है, खरीदने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन हो सकता है।
- अगर उपलब्ध हों तो कुछ वाहनों को दूसरे ईंधनों के इस्तेमाल के लिए परिवर्तित किया जाता है, जैसे कारों को परिवर्तन ऑटोगैस (LPG) और डीजल से चलाने के लिए किया जाता है और जिन्हें बेकार वनस्पति तेल को परिवर्तित कर बनाया जाता है, क्योंकि इनका बॉयोडीजल के रूप में प्रसंस्करण नहीं हो सकता.
- साइकिल और मानव शक्ति से चलने वाले वाहन के लिए शक्ति की मदद से चलने वाले संचालन-तंत्रों को भी इसमें शामिल किया जा सकता है। (देखें - मोटरीकृत साइकिल).
तरल शक्ति हाइब्रिड
हाइड्रोलिक और न्युमेटिक हाइब्रिड वाहनों में ऐसे इंजन का उपयोग होता है, जो हाइड्रोलिक या न्युमेटिक (अर्थात् संकुचित हवा) ड्राइव यूनिट होते हुए चक्कों को चलाने के लिए प्रेशर एक्युमुलेटर को चार्ज करता है। ऊर्जा रिकवरी दर अधिक है और इसलिए यह प्रणाली बैटरी से चार्ज किये जाने वाले हाइब्रिड से अधिक कुशल है, क्योंकि EPA परीक्षण में ऊर्जा बचत में 60% से 70% प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।[21] EPA द्वारा किये गये परीक्षणों में एक हाईड्रोलिक हाइब्रिड फोर्ड यात्रा नगर 32 मील प्रति अमेरिकी गैलन (7.4 ली/100 कि॰मी॰; 38 mpg‑imp) और 22 मील प्रति अमेरिकी गैलन (11 ली/100 कि॰मी॰; 26 mpg‑imp) राजमार्ग[22] से लौटी. वर्तमान में UPS के इस प्रौद्योगिकी वाले दो ट्रक सेवा में लगे हुए हैं।[23]
जबकि प्रणाली में तेजी से और अधिक कुशलता से चार्ज/डिसार्च की सुविधा है और यह गैस-विद्युत हाइब्रिड से सस्ती भी है, लेकिन एक्युमुलेटर (संचायक) का आकार ही कुल ऊर्जा भंडारण क्षमता तय करता है और बैटरी से ज्यादा जगह की जरूरत होती है।
हाइब्रिड वाहन शक्ति ट्रेन विन्यास
समानांतर हाइब्रिड
एक समानांतर हाइब्रिड में विद्युत मोटर और आंतरिक दहन इंजन स्थापित किया जाता है ताकि वे व्यक्तिगत या एक साथ दोनों रूपों में वाहन को ऊर्जा दे सकें. इसके विपरीत ऊर्जा विभाजन विन्यास आमतौर पर तब होता है, जब केवल एक विद्युत मोटर स्थापित होता है। सबसे आम आंतरिक दहन इंजन, विद्युत मोटर और गियर बॉक्स स्वचालित रूप से नियंत्रित क्लचों से लैस होते हैं। इलेक्ट्रिक ड्राइविंग के लिए आंतरिक दहन इंजन के बीच क्लच खुला होता है, जबकि गियर बॉक्स में क्लच लगा होता है। जबकि दहन मोड में रहते हुए इंजन और मोटर समान गति से चलते हैं।
बड़े पैमाने पर पहला समानांतर हाइब्रिड उत्पादन होंडा इनसाइट (Honda Insight) है।
हल्के समानांतर हाइब्रिड
इस प्रकार के हाइब्रिड का उपयोग एक आम तौर पर कॉम्पैक्ट विद्युत मोटर त्वरण के दौरान अतिरिक्त शक्ति[24] और गति धीमी करने के चरण के लिए होता है।
इसके ऑन रोड उदाहरणों में होंडा सिविक हाइब्रिड (Honda Civic Hybrid), होंडा इनसाइट (Honda Insight), मर्सिडीज बेंज (Mercedes Benz) की S400 ब्लूहाइब्रिड (S400 BlueHYBRID), BMW 7 सीरीज हाइब्रिड (BMW 7-Series hybrids), माइक्रो हाइब्रिड ड्राइव के साथ स्मार्ट फॉरटू (Smart fortwo) शामिल हैं।
विद्युत-विभाजित सीरीज-समानांतर हाइब्रिड
विशिष्ट यात्री कार अधिष्ठापनों में टोयोटा प्रियूस (Toyota Prius), फोर्ड एस्केप (Ford Escape), लेक्सस Gs450 (Lexus Gs450) और LS600 हैं।
विद्युत-विभाजित हाइब्रिड विद्युत ड्राइव ट्रेन में दो मोटर्स होते हैं। जिसमें से एक विद्युत मोटर और एक आंतरिक दहन इंजन है। इन दो मोटर्स से विद्युत का विभाजन एक पॉवर स्प्लिटर के जरिये पहियों को चलाने के लिए होता है, जो कि एक साधारण प्लानेटरी गियर सेट होता है। दहन इंजन के लिए यह अनुपात 0-100% या विद्युत के मोटर के लिए 0-100% या इनके बीच में कुछ भी, जैसे, विद्युत मोटर के लिए 40% और दहन इंजन के लिए 60% होता है। विद्युत का मोटर बैटरी चार्ज करने के जेनरेटर के रूप में कार्य कर सकता है।
खुली सड़क पर, शक्ति का प्राथमिक स्रोत आंतरिक दहन इंजन होता है, जब अधिकतम शक्ति की आवश्यकता होती है, जैसे दूसरे वाहने से आगे निकलने (ओवरटेक करने) के लिए विद्युत के मोटरों का उपयोग किया जाता है, ताकि कम अवधि में उपलब्ध विद्युत से अधिकतम मदद ली जा सके। इससे वाहन में स्थापित वास्तविक की तुलना में एक बड़ा इंजन होने का प्रभाव पैदा होता है। सबसे अधिक अनुप्रयोगों में, जब कारें रुक जाती हैं तो इंजन को बंद कर दिया जाता है ताकि कर्बसाइड उत्सर्जन कम हो।
सीरीज-हाइब्रिड
सीरीज या धारावाहिक-हाइब्रिड को एक विस्तारित रेंज इलेक्ट्रिक वाहन (REEV) के रूप में संदर्भित किया जाता है। हालांकि सीमा विस्तार किसी भी सीरीज या समानांतर हाइब्रिड लेआउट के जरिये पूरा किया जा सकता है। धारावाहिक-हाइब्रिड के निकट भविष्य में आशाजनक और हाइब्रिड वाहनों के सबसे आम रूप होने की संभावना है।
धारावाहिक-हाइब्रिड वाहनों को केवल विद्युत मोटर द्वारा ही संचालित किया जा सकता है। पिस्टन आंतरिक दहन इंजन के विपरीत, विद्युत के मोटरों में असाधारण उच्च शक्ति/वजन अनुपात होता है, जिससे एक व्यापक गति सीमा के लिए पर्याप्त शक्ति मिलती है। दहन इंजन के विपरीत वाहन में लगे विद्युत के मोटरों में इंजन और पहियों के बीच संचरण बल अनुपात की आवश्यकता नहीं होती. ट्रांसमिशन ही इंजन से वजन, बल्क और सैप को जोड़ता है। मैकेनिकल स्वचालित बदलने वाले प्रसारण बहुत जटिल हो सकते हैं। एक सीरीज हाइब्रिड प्रणाली में दहन इंजन सीधे पहियों को चलाने के बदले एक इलेक्ट्रिक जेनरेटर को चलाता है। जेनरेटर विद्युत की मोटरों को चलाने के लिए शक्ति प्रदान करता है। संक्षेप में, एक सीरीज हाइब्रिड सरल होता है, वाहनों को एक जेनरेटर सेट के साथ विद्युत के मोटर चलाते हैं, जो उसे विद्युत उपलब्ध कराती है।
यह व्यवस्था डीजल-विद्युत लोकोमोटिव और जहाजों के लिए नई नहीं है। फर्डिनांड पॉर्श ने 20 वीं सदी के प्रारंभ में रेसिंग कारों में इसे स्थापित किया था और सीरीज हाइब्रिड व्यवस्था की प्रभावी खोज की थी। पॉर्श ने इस प्रणाली का नाम सिस्टम मिक्स्ट रखा। इसमें एक पहिया हब मोटर व्यवस्था होती है, जिसमें गति को रिकार्ड करने के लिए आगे के दो पहियों में एक-एक मोटर लगा होता है। इस व्यवस्था को कभी-कभी एक विद्युत संचरण (ट्रांसमिशन) के रूप में संदर्भित किया जाता है, क्योंकि विद्युत जेनरेटर और ड्राइविंग मोटर एक यांत्रिक संचरण की जगह लेते हैं। वाहन तब तक नहीं चल सकता, जब तक कि आंतरिक दहन इंजन नहीं चल रहा हो।
कारों के उत्पादन के लिए यह ढांचा उपयुक्त साबित नहीं हुआ, क्योंकि यह इलेक्ट्रिक ड्राइविंग मोटर्स का जेनरेटर सेट शक्ति के साथ तालमेल (सिंक्रनाइज़) करने में असमर्थ रहा, जिससे ईंधन की ज्यादा खपत देखी गई। कंप्यूटर इंजन प्रबंधन प्रणालियों के साथ प्रौद्योगिकी समुन्नत हुई, जिससे जेनरेटर सेट इलेक्ट्रिक खिंचाव के लिए लगने वाली शक्ति प्रदान करने में सक्षम हुए. साल-दर- साल बिजली के मोटर काफी छोटे, हल्के और कुशल होते गये। इस प्रगति से परंपरागत आंतरिक दहन इंजन और यांत्रिक स्वचालित संचरण की तुलना में सामान्य संचालन स्थितियों में विद्युत ट्रांसमिशन के लिए ज्यादा लाभ हुआ। एक फायदा यह हुआ कि सवारी काफी आरामदेह हुई, क्योंकि गियर अनुपात में परिवर्तन का प्रावधान नहीं था।
यांत्रिक संचरण की जगह विद्युत संचरण वर्तमान में व्यवहार्य है। हालांकि, आधुनिक सीरीज के हाइब्रिड वाहन विद्युत पारेषण को एक अधिक ऊचाई तक ले जाते हैं, जिससे इनका महत्व और बढ़ जाता है। एक विद्युत पारेषण में अंतर है। आधुनिक सीरीज हाइब्रिड में शामिल है:
- केवल इलेक्ट्रिक कर्षण - वाहन को चलाने के लिए केवल एक या अधिक मोटर्स का उपयोग होता है।
- दहन इंजन - यह केवल एक जेनरेटर के रूप बदल जाता है।
- एक जेनरेटर - दहन इंजन द्वारा एक जेनरेटर सेट बनाने के लिए, जिसका उपयोग इंजन के स्टार्टर के रूप में कार्य हेतु भी होता है।
- एक बैटरी बैंक - जो एक ऊर्जा कोष के रूप में कार्य करता है।
- पुनर्योजी ब्रेक लगाना - ब्रेक के दौरान नष्ट हुई ऊर्जा को फिर हासिल करता है और इसे गर्मी के रूप में परिवर्तित करने के बदले इसे विद्युत में बदल देता है।
- बैटरी बैंक को रिचार्ज (पुनर्भरण) करने के लिए मुख्य विद्युत प्रणाली से जोड़ा जाता है।
- बैटरी बैंक की मदद के लिए इसमें सुपर कैपासिटर्स हो सकते हैं और ब्रेक लगाने के दौरान अधिकतर बिजली वापस बटोरने की व्यवस्था हो सकती है, जो अभी सिद्ध प्रोटोटाइप में सज्जित किया हुआ है।
विद्युत से चलने वाले मोटर एक बड़ी बैटरी या आंतरिक दहन इंजन, या दोनों से चालू जेनरेटर के माध्यम से मिली बिजली से ही पूरी तरह चल सकते हैं। बैटरी बैंक को मुख्यत: बिजली द्वारा चार्ज किया जा सकता है, जिससे परिचालन लागत कम होती है, क्योंकि विद्युत मोटर्स के तहत चलने वाली सीमा विस्तारित होती है। यह वाहन डीजल-इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव एक बड़े बैटरी बैंक के साथ अवधारणात्मक रूप से समान होता है, जो आंतरिक दहन इंजन के चले बिना वाहन को शक्ति प्रदान कर सकता है। जेनरेटर एक साथ बैटरी बैंक को चार्ज कर सकता है और विद्युत ड्राइविंग विद्युत मोटर को शक्ति प्रदान करता है, जिससे वाहन चलता है। बैटरी बैंक एक ऊर्जा कोष के रूप में काम करता है। एक फायदा यह है कि जब वाहन बंद कर दिया जाता है तो दहन इंजन भी बंद हो जाता है। जब वाहन चलता है तो यह बैटरी की ऊर्जा का उपयोग करता है। यह शहरों और कस्बों में कर्बसाइड उत्सर्जन बहुत कम करता है। ट्रैफिक लाइट पर खड़े वाहन, या धीमी गति से शुरू व बंद यातायात के दौरान प्रदूषण नहीं फैलाते हैं और इस प्रक्रिया में ईंधन की बचत होती है।
कुछ व्यवस्थाओं में, जहां शक्ति के उच्च स्तर की जरूरत होती है, जैसे वाहन त्वरण में, विद्युत का मोटर बैटरी और जेनरेटर दोनों से विद्युत खींचता है। चेवी वाल्ट के साथ अगर बैटरी बैंक की क्षमता कम हो जाती है तो वाहन पूरी तरह जेनरेटर से प्रदान की हुई विद्युत के साथ चला सकते हैं। कुछ प्रोटोटाइप वाहन डिजाइन, जैसे वोल्वो रिचार्ज और फोर्ड F सीरीज का पिक-अप में ह्वील हब में विद्युत के मोटर्स होते हैं, जिससे वजन, शक्ति और बिजली बचाने का अंतर उसी अंतराल से बिजली प्रदान करना संभव होता है। सीरीज हाइब्रिड प्रणाली एक सुपरकैपासिटर्स या फ्लाईह्वील से लैस हो सकते हैं, जो पुनर्योजी ब्रेकिंग ऊर्जा का संरक्षण करते हैं और जिससे ऊर्जा को वापस खींचने की क्षमता बढ़ सकती है, नहीं तो ब्रेकिंग प्रणाली के दौरान गर्मी के रूप में बाहर निकलकर नष्ट हो सकती है।
चूंकि एक सीरीज हाइब्रिड दहन इंजन और पहियों के बीच की एक यांत्रिक कड़ी को हटा देती है, इंजन को एक निरंतर और कुशल तरीके से चलाया जा सकता है। वाहन की गति और इंजन की गति के बीच तालमेल (सिंक्रनाइज़ेशन) जरूरी नहीं हैं। इस तरह इंजन 37 प्रतिशत की एक सैद्धांतिक दक्षता सीमा के करीब होता है, जबकि वर्तमान औसत 20% होता है।[] कम या मिश्रित गति में यह समग्रता में (19% बनाम 29%) 50% तक की वृद्धि पा सकता है। हालांकि जनरल मोटर्स ने चेवी वोल्ट इंजन/जेनरेटर सेट की डिजाइन प्रति मिनट 1200 से 4000 रिवोल्युशन के बीच चलाने की क्षमता के रूप में की है। लोटस (Lotus) कंपनी ने एक इंजन/ जेनरेटर सेट की डिजाइन शुरू की है, जो दो गति से चलता है और उसमें लगे बिजली के जेनरेटर के जरिये 1500 rpm को 15 किलोवॉट बिजली और 3500 rpm पर 35 किलोवॉट बिजली प्रदान करता है।[25]
हालांकि इंजन के लिए आवश्यकताएं वाहन की गति से सीधी जुड़ी नहीं हैं, जिससे माइक्रो टर्बाइन[26], रोटरी एटकिंग्सन साइकिल इंजन या एक लाइनर दहन इंजन जैसे अधिक कुशल या वैकल्पिक इंजन डिजाइन की गुंजाइश पैदा होती है।[27]
ऑपरेशन के भी कई चरण हैं: दहन इंजन विद्युत लेकर जेनरेटर को देता है और तब विद्युत के मोटर को और डिजाइन के आधार यह जेनरेटर के माध्यम से और बैटरी पैक से और तब विद्युत के मोटर से चलता है, जिससे दक्षता कम हो जाती है। (देखें - दृष्टान्त). प्रत्येक चरण के परिणामों के माध्यम से प्रत्येक परिवर्तन से ऊर्जा का नुकसान होता है। हालांकि वाहन के सामान्य ऑपरेटिंग स्थितियों में बैटरी बैंक की जमा की हुई बिजली, जो ब्रेकिंग और दहन इंजन के कम से कम उपयोग से मिली बिजली को संरक्षित करती है, से प्रत्येक स्तर पर ऊर्जा के नुकसान होने के बावजूद समग्र परिचालन की कुशलता बढ़ सकती है। एक यांत्रिक स्वत: स्थानांतरण संचरण दक्षता से जुड़े इंजन की दक्षता लगभग 70-80% होती है। एक परंपरागत यांत्रिक क्लच संचरण में इंजन की संचरण क्षमता कोई 98% होती है।[] एक सीरीज हाइब्रिड वाहन में, लंबी दूरी की उच्च गति वाली राजमार्ग ड्राइविंग के दौरान दहन इंजन को सबसे ज्यादा ऊर्जा की आपूर्ति की जरूरत होती है और इस मामले में एक सीरीज हाइब्रिड समानांतर हाइब्रिड से 20-30% कम कुशल हो सकता है।[]
एक पहिये को सीधे चलाने के लिए मोटर ड्राइविंग से पारंपरिक यांत्रिक प्रसारण तत्वों: गियर बॉक्स, पारेषण शाफ्ट और डिफरेंशियल से अलग हो जाता है और कभी-कभी लचीले कपलिंग्स से भी मुक्त हो जाता है। इससे एक बड़ी सरलता हासिल होती है। अगर मोटर्स पहियों के साथ एकीकृत किये गये हों तो यह नुकसान है कि बिना स्प्रिंग वाला मास बढ़ जाता है और सस्पेंशन के दौरान जवाबदेही कम हो जाती है, जो सवारी के प्रदर्शन और संभावित सुरक्षा पर असर डालती है। हालांकि प्रभाव कम से कम हो सकता है, अगर ह्वील हब में इलेक्ट्रिक मोटर्स, जैसे हाई-पा ड्राइव (Hi-Pa Driv) छोटा और हल्का हो और उम्मीद से ज्यादा उच्च शक्ति/वजन अनुपात का हो। ब्रेक लगाने की प्रणाली वाहन के पहिया मोटर्स ब्रेक जैसा हल्का किया जा सकता है। पहिया एसेंबली स्प्रिंगरहित मास को कम करने के लिए एल्यूमीनियम के हल्के पहियों का इस्तेमाल किया जा सकता है। वाहन की डिजाइन ऐसी हो कि भारी मैकेनिकल्स और फ्लोर स्तर पर बैटरी बैंकों का गुरुत्वाकर्षण केन्द्र कम हो। यदि मोटर्स वाहन के बॉडी से संलग्न किये जाते हैं तो फिर भी लचीले कपलिंग्स की आवश्यकता होती है। सरलीकृत कर्षण नियंत्रण और ऑल ह्वील ड्राइव सहित व्यक्तिगत ह्वील मोटर्स का लाभ यह है कि यदि आवश्यक हो तो इसे निचले फर्श में लगाना चाहिए, जो बसों के लिए उपयोगी है। कुछ 8x8 ऑल ह्वील ड्राइव सैन्य वाहन मोटर्स पहिया का उपयोग व्यक्तिगत ह्वील मोटर्स का उपयोग करते हैं। डीजल-विद्युत लोकोमोटिव में पिछले 60 वर्षों से इसी अवधारणा का इस्तेमाल किया जा रहा है।[]
सड़क पर चलने वाले एक एक सामान्य वाहन में पूरी सीरीज हाइब्रिड विद्युत पारेषण सेटअप पारंपरिक यांत्रिक शक्ति संचरण सेट-अप की तुलना में छोटे और हल्के हो सकते हैं, जिससे जगह भी कम लगती है और वजन भी कम होता है। चूंकि दहन जेनरेटर सेट को विद्युत की मोटरों को चलाने के लिए केबल की जरूरत होती है, पूरे वाहन में फैले बड़े उपकरण लेआउट से अधिक लचीलापन हासिल होता है, जिससे वजन का बेहतर वितरण या वाहन की केबिन में अधिक जगह मिलती है। इस लचीलेपन से वाहन की बेहतर डिजाइन करने में मदद मिलती है।
1997 में टोयोटा (Toyota) की ओर से जारी की गयी पहली सीरीज हाइब्रिड बस जापान में बेची गई।[28] इस बीच, GM को 2011 में चेवी वोल्ट शुरू करने की उम्मीद है, जो ऑल इलेक्ट्रिक और 40 मील[29] रेंज वाली और कीमत 40,000 डॉलर कीमतवाली होगी। [30] सुपरकैपासिटर्स एक लिथियम आयन बैटरी बैंक के साथ संयुक्त किये हुए होते है, AFS ट्रिनिटि, जो एक परिवर्तित सैटर्न व्यू SUV वाहन है, द्वारा उपयोग की जाती है। उनका दावा है कि सुपरकैपासिटर्स के उपयोग से एक सीरीज हाइब्रिड-व्यवस्था में 150 mpg तक हासिल किया जा सकता है।[31]
प्लग-इन-हाइब्रिड विद्युत वाहन (PHEV)
हाइब्रिड बाजार में आया एक सब-टाइप है प्लग-इन-हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन (PHEV). PHEV आमतौर पर एक सामान्य ईंधन-विद्युत (समानांतर या धारावाहिक) हाइब्रिड है, जिसमें ऊर्जा भंडारण क्षमता (आमतौर पर ली-आयन (Li-ion) बैटरी) ज्यादा होती है। यात्रा के अंत में इसे मुख्य विद्युत आपूर्ति से जोड़ा जा सकता है, जिससे ऑन-बोर्ड आंतरिक दहन इंजन के जरिये चार्ज करने से बचा जा सके। [32][33]
यह अवधारणा उन लोगों के लिए आकर्षक है, जो दैनिक ड्राइविंग के दौरान ICE के इस्तेमाल से पूरी तरह बचने या कम करने के इच्छुक होते हैं। पूरी तरह विद्युत से चलने वाले वाहनों में कुल उत्सर्जन बचत, मिसाल के रूप में CO2 के मामले में, इस बात पर निर्भर है कि विद्युत पैदा करने वाली कंपनी कौन से ऊर्जा स्रोत का उपयोग कर रही है।
कुछ उपयोगकर्ताओं के लिए, इस तरह के वाहन आर्थिक रूप से आकर्षक हो सकते हैं, क्योंकि लंबे समय तक विद्युत ऊर्जा इस्तेमाल डीजल/पैट्रोल की तुलना में सस्ता पड़ता है, जिसका वे दूसरे तरह से उपयोग कर सकते हैं। कई यूरोपीय देशों मौजूदा कर प्रणाली में खनिज तेल कराधान को आय के प्रमुख स्रोत के रूप में उपयोग किया जाता है। यह आमतौर पर विद्युत का मामला नहीं है, क्योंकि कर समान रूप से घरेलू ग्राहकों के लिए लगाया जाता है, जो इसका उपयोग करते हैं। कुछ विद्युत आपूर्तिकर्ता व्यस्ततम समय से अलग रात में उपयोग के लिए कीमतों में लाभ की पेशकश करते हैं, जिससे यात्रियों और शहरी मोटर चालकों में प्लग-इन विकल्प (बिजली से चार्ज करने) के प्रति आकर्षण में वृद्धि हो सकता है।
ईंधन सेल, विद्युतीय हाइब्रिड
ईंधन सेल हाइब्रिड आम तौर पर एक इलेक्ट्रिक वाहन होता है, जो ईंधन सेल से सुसज्जित होता है। ईंधन सेल, साथ ही विद्युत बैटरी, दोनों शक्ति के स्रोत हैं, जिससे एक हाइब्रिड वाहन बनता है। ईंधन सेल हाइड्रोजन का उपयोग ईंधन के रूप में करते हैं, बिजली की बैटरी को शक्ति देता है, जब उसकी क्षमता समाप्त हो जाती है। चेवरलेट इक्विनॉक्स FCEV, फोर्ड एज हाईसीरीज ड्राइव और होंडा FCX, ईंधन सेल/विद्युत हाइब्रिड के उदाहरण हैं।
पर्यावरणीय मुद्दे
ईंधन की खपत और उत्सर्जन में कटौती
हाइब्रिड वाहनों में आम तौर पर अधिक से अधिक ईंधन बचत और आंतरिक दहन इंजन वाहन (ICEVs) की तुलना में कम उत्सर्जन होता है, जिसके परिणामस्वरूप उत्सर्जन कम होता है। इस तरह की बचत एक विशिष्ट हाइब्रिड डिजाइन के तीन तत्वों द्वारा प्राथमिक तौर पर हासिल की जाती है:
- बिजली की अधिकतम जरूरतों पर इंजन और विद्युत के मोटरों दोनों पर भरोसा करने से परिणाम यह होता है कि एक छोटे इंजन से पीक पॉवर जरूरतों की तुलना में शक्ति का औसत उपयोग और अधिक होता है। एक छोटे इंजन में कम आंतरिक हानि होती है और वजन भी कम होता है।
- इनमें पुन: हासिल की गई ऊर्जा को जमा रखने और पुन: उपयोग करने की उल्लेखनीय बैटरी स्टोरेज क्षमता होती है, खासकर तब जब यातायात रुक-रुक कर हो रहा हो।
- यह ब्रेक के दौरान उल्लेखनीय मात्रा में ऊर्जा का संग्रह करते हैं, जो सामान्य रूप से गर्मी के रूप में बर्बाद हो जाते हैं। इस पुनर्योजी ब्रेकिंग से अपनी गतिज ऊर्जा को विद्युत में बदलकर वाहन की गति कम हो जाती है और यह मोटर/जेनरेटर की शक्ति दर पर निर्भर करता है।
अन्य तकनीक, जो 'हाइब्रिड' सुविधाओं के लिए जरूरी नहीं हैं, लेकिन जो अक्सर हाइब्रिड वाहनों में पाए जाते हैं, निम्नांकित हैं:
- यातायात रुकने या वाहन के किनारे लगे होने या अन्य निष्क्रिय अवधि के दौरान के दौरान इंजन का बंद होना;
- वायुगतिकी सुधार, (यह उस कारण का हिस्सा है, जब SUV कार को खींचने के लिए खराब ईंधन बचत होती है। एक बॉक्स आकार की कार या ट्रक को हवा के कारण और अधिक बल की जरूरत होती है, जिससे इंजन पर अधिक दबाव पड़ता है और इसका काम कठिन हो जाता है). कार के आकार और वायुगतिकी में सुधार ईंधन की बचत में मदद हासिल करने का एक अच्छा तरीका है और एक ही साथ कार की हैंडलिंग में सुधार हो सकता है।
- कम रोलिंग प्रतिरोध टायरों का उपयोग (टायर अक्सर एक शांत, आरामदहेह सवारी, उच्च पकड़, आदि को देखते हुए बनाये जाते हैं, लेकिन क्षमता को कम प्राथमिकता दी जाती है). टायर यांत्रिक खिंचाव पैदा करता है, जिससे एक बार फिर इंजन का काम कठिन हो जाता है और ईंधन की अधिक खपत होती है। हाइब्रिड कारों में विशेष टायरों का उपयोग किया जाता है, जो नियमित टायरों से अधिक चौड़े और कठोर या कार केस के ढांचे के आधार पर चुने गये होते हैं और कम रोलिंग प्रतिरोध के लिए रबर कंपाउंड होते हैं, जिससे स्वीकार्य पकड़ बनाए रखने और ईंधन बचत में सुधार होता है, भले ही बिजली को कोई भी स्रोत क्यों न हो।
- a/c, पॉवर स्टीयरिंग और अन्य सहायक पंपों को विद्युत से शक्ति प्रदान करने या जब जरूरत हो; यह यांत्रिक नुकसान कम करता है, जब उन्हें पारंपरिक इंजन बेल्ट्स के साथ लगातार ड्राइविंग के साथ तुलना की जाती है।
ये सुविधाएं एक हाइब्रिड वाहन को विशेष रूप से शहर के यातायात के लिए ज्यादा कुशल बनाती हैं, जहां बार-बार रुकावट, वाहन को किनारे लगाने और बंद रखने का सामना करना पड़ता है। लगातार उच्च गति से राजमार्ग पर उपयोग के लिए ये सुविधाएं शोर उत्सर्जन को कम करने में बहुत कम उपयोगी होती हैं। लगातार उच्च गति से राजमार्ग पर उपयोग के लिए ये सुविधाएं उत्सर्जन को कम करने में बहुत कम उपयोगी होती हैं।
हाइब्रिड वाहन उत्सर्जन
हाइब्रिड वाहन उत्सर्जन आजकल बंद होने की कगार पर हैं या (पर्यावरण संरक्षण एजेंसी) EPA की सिफारिश वाले निर्धारित स्तर से भी कम है। उनके अनुशंसित स्तरों के मुताबिक सुझाव है कि एक विशिष्ट यात्री वाहन के लिए कार्बन डाइऑक्साइड 5.5 मीट्रिक टन के बराबर होना चाहिए। तीन सबसे लोकप्रिय हाइब्रिड वाहनों, होंडा सिविक (Honda Civic), होंडा इनसाइट (Honda Insight) और टोयोटा प्रीयूस (Toyota Prius) में और भी उच्च मानक बनाये हैं, क्योंकि उनमें क्रमश: 4.1, 3.5 और 3.5 टन है, जिससे कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन की दिशा में एक बड़ा सुधार दिखा. हाइब्रिड वाहनों में पर्यावरण की दिशा में एक उत्कृष्ट सुधार दिखता है, जब आप उन वाहनों की हवा की गुणवत्ता उत्सर्जन से निपटते हैं, जो ईंधन द्वारा संचालित हैं। यह इन वाहनों के पर्यावरणीय प्रभाव की दिशा में एक बड़ा कदम है। एक विद्युत इंजन और गैसोलीन में दिखता है कि गैसोलीन तस्वीर से बाहर नहीं है। वे अभी भी ग्रीन हाउस उत्सर्जन के एक बहुत छोटे प्रतिशत में योगदान करते हैं, क्योंकि यह तथ्य है कि वे अभी भी पेट्रोलियम आधारित ईंधन द्वारा चालित हैं, जिसका अन्य गैसोलीन संचालित वाहनों में प्रयोग किया जाता है। अपने छोटे आकार और हल्केपन के कारण इन मौजूदा हाइब्रिड वाहन कम ऊर्जा का उपयोग करते हैं और इनका ईंधन कम उत्सर्जन करते हैं।[34] विद्युत मोटर की सहायता से गैसोलीन इंजन छोटा हो सकता है (और इसलिए प्रदूषण कम करता है). हाइब्रिड वाहन धुंए की शक्ल वाले प्रदूषण में 90% तक की कटौती कर सकते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन आधा हो सकता है।[35] इनमें से अधिकतर वाहनों की डिजाइन शहरों में चलने के लिए की जाती है, जहां यातायात अधिक होता है और गैस उत्सर्जन कम करने की जरूरत होती, ताकि पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़े.
एक व्यक्ति के औसत ड्राइविंग आदतों के आधार पर, इन वाहनों के प्रदूषण में 25% से 90% तक की कमी की जा सकती है, अगर हर रोज गैस से चलने वाले वाहनों से तुलना करें। [36] यहां यह दिखाने के लिए एक लिंक है, जिससे हाइब्रिड वाहनों की तुलना में गैसोलीन वाहनों के CO2 उत्सर्जन की मात्रा जानी जा सकती है। [4] Archived 2010-06-03 at the वेबैक मशीन. जब आप हाइब्रिड वाहनों के विभिन्न ब्रांडों की तुलना करते हैं तो प्रदूषण के अलग स्तर दिखते हैं। हाइब्रिड वाहनों के कुछ निर्माता अपने मौजूदा मॉडल में इस तकनीक का इस्तेमाल करते हैं, जहां इस नई तकनीक के साथ अन्य निर्माता अपने वाहनों की फिर से डिजाइन करते हैं। [5]
हाइब्रिड कार बैटरी का पर्यावरणीय प्रभाव
हालांकि हाइब्रिड कारें परंपरागत कारों की तुलना में कम पेट्रोलियम की खपत करती हैं, पर वहां अभी भी हाइब्रिड कार बैटरी से पर्यावरणीय क्षति का मुद्दा जीवित है। वर्तमान में ज्यादातर हाइब्रिड कार बैटरियां दो प्रकारों में से एक हैं: (1) निकेल मेटल हाईड्राइड, या (2) लिथियम आयन; दोनों लीड पर आधारित बैटरियां, जिनका कार बैटरियों के लिए ज्यादा उपयोग होता है, दोनों पर्यावरण के लिए ज्यादा अनुकूल मानी जाती हैं। बैटरियों के कई प्रकार हैं। कुछ दूसरों की तुलना में कहीं अधिक विषाक्त हैं।[37] जबकि लीड एसिड और निकल कैडमियम जैसी बैटरियां तुलनात्मक रूप से पर्यावरण के लिए खराब हैं, हालांकि निकेल धातु हाईड्राइड बैटरियों, जिनका वर्तमान में हाइब्रिड में ज्यादा इस्मेमाल होता है, का पर्यावरणीय प्रभाव और विषाक्तता का स्तर बहुत कम हैं।[38]. निकेल आधारित बैटरियां कारसिनोजेंस के रूप में जानी जाती हैं और इनसे विविध टैराटोजेनिक प्रभाव पैदा होता दिखाई देता है।[39].
लिथियम आयन बैटरी ने हाइब्रिड विद्युत वाहनों में उपयोग के लिए अपनी क्षमता की वजह से ध्यान आकर्षित किया है। हिताची (Hitachi) ने इसके विकास का नेतृत्व किया है। सबसे बड़ी बात है कि निकल धातु हाइब्रिड बैटरियों के एक विकल्प के रूप में लिथियम आयन बैटरियों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है, जो हाइब्रिड बाजार में अब तक उपयोग की जाती रही हैं। अपने छोटे आकार और हल्के वजन के अलावा, लिथियम आयन बैटरियों का प्रदर्शन अच्छा है, जिससे मेमोरी प्रभाव के बिना चार्ज करने की समुन्नत दक्षता जैसे पर्यावरण की रक्षा की सुविधा हासिल करने में मदद मिलती है। एक ऐसे माहौल में, जब मोटर वाहन की जरूरतों में कम उत्सर्जन और बेहतर ईंधन बचत के गुण प्रचलित हैं, यह माना जाता है कि हाइब्रिड, विद्युत और ईंधन सेल वाले वाहनों का व्यावहारिक उपयोग बढ़ना जारी रहेगा. लिथियम आयन बैटरियां अधिक पसंद की जा रही हैं, क्योंकि इनमें किसी भी रिचार्ज करने योग्य बैटरियों में उच्चतम ऊर्जा घनत्व है, जो एक ही साथ भारी मात्रा में बिजली संग्रह करने के साथ-साथ निकल धातु हाईड्राइड बैटरी सेल से तीन गुना अधिक वोल्टेज पैदा कर सकती हैं। ये बैटरियां उच्च विद्युत उत्पादन (वाहन की शक्ति बढ़ाने), उच्च दक्षता (विद्युत के व्यर्थ उपयोग से परहेज) और मोटे तौर पर वाहन के जीवन के बराबर ही बैटरी के जीवन के साथ तुलना करने पर उत्कृष्ट टिकाऊपन प्रदान करती हैं। इसके अतिरिक्त, लिथियम आयन बैटरियां वाहन का समग्र वजन कम कर देती हैं और गैसोलीन की शक्ति वाले वाहनों की तुलना में 30% ज्यादा ईंधन की बचत करती हैं और इसके अलावा ग्लोबल वार्मिंग को रोकने में मदद के लिए CO2 उत्सर्जन में भी कमी लाती हैं। हिताची द्वारा आपूर्तित लिथियम आयन बैटरियां कारों, बसों, ट्रेनों और वाणिज्यिक वाहनों सहित विभिन्न अनुप्रयोगों की एक विस्तृत सीरीज में फैल रही हैं। विद्युत के वाहन, जिनमें वाहन मालिक के पास मुख्य विद्युत आपूर्ति प्रणाली से रिचार्ज करने की क्षमता है, अब कई वैश्विक ऑटोमोटिव बाजारों में उपलब्ध है। जापान में जब ये वाहन रातोंरात चार्ज किये जाते हैं, तो दिन में वाहन चार्ज करने से कम खर्चीला होता है और यह खर्च गैसोलीन की शक्ति वाले वाहन के ईंधन लागत का नौंवा हिस्सा होता है।[40]
कच्चे माल की बढ़ती लागत
हाइब्रिड कारों के निर्माण में इस्तेमाल कच्ची सामग्री की कीमतों में वृद्धि आसन्न है[41].
उदाहरण के लिए, हाइब्रिड प्रोपल्सन प्रणालियों में समुन्नत विद्युत मोटर्स और विद्युत प्रणालियों में से कई बनाने के लिए रेयर अर्थ एलीमेंट्स डिस्प्रोसियम प्रणाली की जरूरत होती है।[42][41] नियोडाइमियम एक अन्य दुर्लभ सांसारिक धातु है, जो उच्च शक्ति वाले चुंबकों के लिए एक महत्वपूर्ण घटक हैं, जो स्थाई चुंबकीय विद्युत मोटर्स में पाया जाता है।[6] Archived 2011-07-08 at the वेबैक मशीन
विश्व के करीब-करीब सभी दुर्लभ सांसारिक तत्व चीन से आए[43] और कई विश्लेषकों का मानना है कि चीनी इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में एक समग्र वृद्धि 2012 तक इस पूरे आपूर्ति का उपभोग करेंगे। [41] इसके अलावा, चाइनीज़ रेयर अर्थ निर्यात के निर्यात बोलियों के परिणामस्वरूप उन धातुओं की आम तौर पर अस्थिर आपूर्ति हुई है [42][44].
कुछ गैर-चीनी स्रोतों, जैसे उत्तरी कनाडा के होइडास लेक प्रोजेक्ट, साथ ही ऑस्ट्रेलिया के माउंट वेल्ड (Mt Weld) अभी विकास के चरण में हैं;[44] हालांकि यह नहीं जाना जा सका है कि इन स्रोतों का विकास तब तक हो जायेगा, जब तक अभाव का असर दिखने लगे।
वैकल्पिक हरित वाहन
हरित वाहनों के अन्य प्रकारों में वे अन्य वाहन शामिल हैं, जो जीवाश्म ईंधन से ज्यादा वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों से पूरी तरह या आंशिक रूप से चलते हैं। एक अन्य विकल्प है - पारंपरिक जीवाश्म ईंधन आधारित वाहनों में वैकल्पिक ईंधन संयोजन- (जैसे जैव ईंधन) का उपयोग करना, जिससे वे आंशिक रूप से अक्षय ऊर्जा स्रोतों पर चल सकते हैं।
अन्य दृष्टिकोणों में व्यक्तिगत रैपिड ट्रांजिट, एक सार्वजनिक परिवहन की अवधारणा जो एक विशेष रूप से बने गाइडवे के नेटवर्क पर स्वचालित मांग पर आधारित अबाध परिवहन प्रदान करता है।
इन्हें भी देखें
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सन्दर्भ
- ↑ हाइब्रिड वाहन क्या है? - हाइब्रिड कारों के लिए एक परिचय और उनका परिभाषित, उनका विभिन्न प्रौद्योगिकियों के उदाहरण के साथ कैसे परिभाषित हैं
- ↑ "Das Powerbike (German), ISBN 3-89595-123-4". अभिगमन तिथि February 27, 2007. नामालूम प्राचल
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की उपेक्षा की गयी (मदद) - ↑ "Velomobile Seminar 1999, ISBN 3-9520694-1-8". अभिगमन तिथि January 11, 2006. नामालूम प्राचल
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की उपेक्षा की गयी (मदद) - ↑ [1]
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- ↑ Shabna, John (25 अक्टूबर 2007). "GE's Hybrid Locomotive: Around The World on Brakes". Ecotality Life.
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बाहरी कड़ियाँ
हाइब्रिड ऑटोमोबाइल निर्माताओं की वेबसाइटें
- GM हाइब्रिड प्रौद्योगिकी
- लेक्सस हाइब्रिड कारें Archived 2010-05-28 at the वेबैक मशीन
- टोयोटा हाइब्रिड प्रौद्योगिकी Archived 2008-11-09 at the वेबैक मशीन
- फोर्ड हाइब्रिड कार प्रौद्योगिकी
- होंडा हाइब्रिड प्रौद्योगिकी साइट
- हुंडई हाइब्रिड तकनीक Archived 2010-03-15 at the वेबैक मशीन
अन्य हाइब्रिड कड़ियां
- यात्री कारों में डीज़ल पॉवरस्ट्रेन के हाइब्रिडिज़न
- ग्रीन कार की जानकारी - हाइप और हाइब्रिड्स Archived 2010-07-12 at the वेबैक मशीन
- हाइब्रिड अब अकेले लागत पर एक स्मार्ट खरीद हैं Archived 2010-07-16 at the वेबैक मशीन
- आज सर्वश्रेष्ठ हाइब्रिड कार कौन सी उपलब्ध है?
- हाइब्रिड अ वाइस चॉईस, लगातार सुधार Archived 2010-07-16 at the वेबैक मशीन
- बीच-बीच में सबसे अच्छा ईंधन कुशल और उच्च प्रदर्शन डीजल और हाइब्रिड SUV (2009-2010) के बीच समाविष्ट. Archived 2010-05-05 at the वेबैक मशीन
- हीनो हाइब्रिड ऑस्ट्रेलिया Archived 2010-06-04 at the वेबैक मशीन
- हाइब्रिड टैक्सी पायलट प्रोग्राम Archived 2011-07-20 at the वेबैक मशीन