हसन खां मेवाती
हसन खां मेवाती (मृत्यु: 17 मार्च, 1527) मेवात के मुसलमान राजपूत शासक थे। हसन खाँ मेवात के पिछले शासक, अलावल खाँ के पुत्र थे, और राजा नाहर खान मेवाती के वंशज थे , जो 14वीं शताब्दी में मेवात के वली थे।
उनके वंश ने लगभग 200 वर्षों तक मेवात राज्य पर शासन किया था। खानवा की लड़ाई में उन्होंने ५००० सिपाहियों के साथ राजपूत परिसंघ की ओर से बाबर के नेतृत्व में मुगल सेना के विरुद्ध हिस्सा लिया था, जिसमें उनकी मृत्यु हो गयी थी।[1][2]
इतिहास
1372 में, फिरोज शाह तुगलक ने राजा नाहर खान (जो पहले कोटला के राजा सोनपर पाल के नाम से जाना जाता था) को मेवात का आधिपत्य प्रदान किया । राजा नाहर खान ने मेवात में एक वंशानुगत राजनीति की स्थापना की और वाली -ए-मेवात की उपाधि की घोषणा की । बाद में उनके वंशजों ने मेवात में अपनी संप्रभुता की पुष्टि की। उन्होंने 1527 तक मेवात पर शासन किया।[3][4][5]
पतन
मेवात के अंतिम खानजादा,शासक हसन खान मेवाती थे , जो खानवा की लड़ाई में मारे गए थे । इस लड़ाई के बाद, मेवात को मुगल साम्राज्य में एकीकृत कर दिया गया और खानजादास मुगल कुलीन वर्ग का हिस्सा बन गए।
मेवात के शासक
वंशावली | |||||
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मेवात राज्य के शासक | शासन | ||||
1 | राजा नाहर खान , राजा - मेवात राज्य के संस्थापक और खानजादा के पूर्वज | 1372–1402 | |||
2 | राजा खानजादा बहादुर खान - ने 1406 में बहादुरपुर की स्थापना की। | 1402–1412 | |||
3 | राजा खानजादा अकलीम खान | 1412–1417 | |||
4 | राजा खानजादा फिरोज खान ने 1419 में फिरोजपुर झिरका की स्थापना की | 1417–1422 | |||
5 | राजा खानजादा जलाल खान | 1422–1443 | |||
6 | राजा खानजादा अहमद खान | 1443–1468 | |||
7 | राजा खानजादा जकारिया खान | 1468–1485 | |||
8 | राजा खानजादा अलावल खान - मानव बलि की प्रथा को रोकने के लिए निकुंभ राजपूतों से बाला किला जीता। | 1485–1504 | |||
9 | राजा खानजादा हसन खान मेवाती - मेवात के अंतिम खानजादा अफगानी शासक। | 1504–1527 |
सन्दर्भ
- ↑ Sharma, Gopi Nath (1954). "Mewar & the Mughal Emperors (1526-1707 A.D.)" (अंग्रेज़ी में). S.L. Agarwala.
- ↑ Powlett, P. William (1878). "Pulwal gazetteer" (eng में). नामालूम प्राचल
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की उपेक्षा की गयी (|publisher=
सुझावित है) (मदद)सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)[मृत कड़ियाँ] - ↑ "تاریخ میوچھتری | ریختہ". Rekhta (उर्दू में). अभिगमन तिथि 2022-06-06.
- ↑ توصیف الحسن میواتی الہندی (2020-08-23). تاریخِ میو اور داستانِ میوات.
- ↑ "Tareekh-e-Miyo Chhatri by Hakeem Abdush Shakoor". Rekhta (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2022-06-14.