हर्ष कुमार
हर्ष कुमार भारतीय रेल में एक अधिकारी हैं और आजकल रेल मंत्रालय, नई दिल्ली में कार्यकारी निदेशक (वित्त) के पद पर कार्यरत हैं। इसके पहले ये उत्तर रेलवे, पश्चिम रेलवे, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन, कोंकण रेलवे, रेलवे स्टाफ कॉलेज, दक्षिण पूर्व रेलवे एवं रेल कोच कारखाना कपूरथला में विभिन्न पदों पर कार्य कर चुके हैं। उनकी प्रसिद्धि भारतीय भाषाओं में पहले फॉन्ट सुशा के निर्माता के रूप में भी हैं। 1997 में उनके बनाए हुए 'सुशा'[1] सिस्टम की सहायता से हिंदी, मराठी, गुजराती, गुरुमुखी व बांग्ला भाषाओं में कंप्यूटर पर आसानी से कार्य हो रहा है। सुशा का प्रयोग कर इन भाषाओं में 'फ्रंट ऐंडस' बनाए गए हैं जिससे कि अंग्रेज़ी न जानने वाले लोग भी आराम से कंप्यूटरों पर काम कर रहे हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि यह आज भी निःशुल्क उपलब्ध है। इसे इंटरनेट से भी लिया जा सकता है।
हर्ष सूचना प्रोद्योगिकी से संबद्ध रहे हैं, उन्होंने हंबरसाईड विश्वविद्यालय, ब्रिटेन से मास्टर्स उपाधि प्राप्त की है[2]। वे कोंकण रेलवे जैसी परियोजनाओं से जुड़े रहे और भारत भर में समय समय पर नियुक्त रहे हैं। इसके अतिरिक्त वे कवि भी हैं और उनके दो कविता संग्रह एक भेंट और बेटी[3] शीर्षक से प्रकाशित हुए हैं।[4]
सन्दर्भ
- ↑ "Hindi Shusha Fonts, Downloads and Help". अभिव्यक्ति. मूल (एचटीएम) से 11 मई 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 अप्रैल 2008.
|archiveurl=
और|archive-url=
के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद);|archivedate=
और|archive-date=
के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद) - ↑ "Write English, read Gujarati". मूल से 19 अप्रैल 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 मई 2008.
- ↑ "Release of the Book "BETI" by Harsh Kumar" (अंग्रेज़ी में). Indiaprwire. मूल (एचटीएम) से 25 अक्तूबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 अप्रैल 2008.
|archiveurl=
और|archive-url=
के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद);|archivedate=
और|archive-date=
के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद) - ↑ "हर्ष कुमार". अनुभूति. मूल (एचटीएम) से 9 मई 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 अप्रैल 2008.
|archiveurl=
और|archive-url=
के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद);|archivedate=
और|archive-date=
के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद)