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हर्मैनो पेड्रो

अपने गृहनगर में स्थित संत की प्रतिमा।

संत हर्मैनो पेड्रो (स्पेनी: 'Pedro de San José de Betancur y Gonzáles') (जन्म: 21 मार्च 1626 - मृत्यु: 25 अप्रैल 1667) या सेंट जोज़फ़ डी बेटनकोर्ट यी गोंज़ालस के संत पीटर एक स्पेनियाइ मूल के ईसाई धर्मप्रचारक और मिशनरी थे जिनकी कर्मभूमि ग्वाटेमाला थी। वे आर्डर ऑफ़ आवर लेडी ऑफ़ बेथेलेम("बेथेलेम की हमारी पवित्र देवी का क्रम") के संस्थापक थे।[1] तथा वे न सिर्फ कैनरी द्वीपसमूह के पहले मूलनिवासी संत थे, बल्कि उन्हें ग्वाटेमाला और पूरे मध्य अमेरिका का पहला संत माना जाता है।

युवावस्था

तेनरीफ़ एक साधारण परिवार में जन्मे थे। अपनी प्राथमिक व्यावसायिक युवावस्था में इन्होंने पादरी के रूप में धर्म के क्षेत्र में काम किया। 23 वर्ष की आयु में, इन्होंने ईसाई धर्म के सन्देश प्रवाह के लक्ष्य से एक धर्मप्रचारक के रूप में अपने देश को छोड़ दिया और दो ​​साल बाद ग्वाटेमाला आ पहुंचे, जो उस समय स्पेनी साम्राज्य का हिस्सा था। ग्वाटेमाला में अपने निवास के दौरान वहाँ इन्होंने गरीब, बीमार, अनाथ और पीड़ित और शोषित लोगों के कल्याण के लिए अत्यंत काम किया, जिसके कारण ईसाइयत के मध्य अमेरिका में प्रवाह को अत्यंत समर्थन मिला। इनके द्वारा किये गए मानवी कार्यों को सदियों बाद मदर टेरेसा द्वारा किये गए मानवी कार्यों के समानांतर माना गया है।[1] 25 अप्रैल 1667 को 41 वर्ष की आयु में इनकी अचानक मृत्यु हो गई। मृत्यु के करीब 350 वर्ष बाद, 2002 में पोप जॉन पॉल द्वितीय ने इन्हें रोमन कैथोलिक चर्च का एक संत घोषित कर दिया। वे कैनरी द्वीपसमूह, ग्वाटेमाला और मध्य अमेरिका के पहले संत थे।

प्रदर्शन और विरासत

इनकी प्रतिमाओं में इन्हें अक्सर, पीठ पर एक बड़ा चोगा डाले, एक हाथ में कैनरी द्वीप के चरवाहों द्वारा प्रयोग की जाने वाली लाठी पकड़े दिखाया जाता है। इनकी दावत (फीस्ट) को प्रतिवर्ष 24 अप्रैल को मनाया जाता है।[1]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. Biografía de San Pedro de San José de Betancur Archived 2018-03-09 at the वेबैक मशीन (स्पेनी भाषा)

बाहरी कड़ियाँ