हर्बर्ट हेनरी आस्क्विथ
The Right Honourable The Earl of Oxford and Asquith KG PC KC FRS | |
---|---|
युनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री | |
पद बहाल 5 April 1908 – 5 December 1916 | |
राजा | |
पूर्वा धिकारी | Sir Henry Campbell-Bannerman |
उत्तरा धिकारी | David Lloyd George |
पद बहाल 10 December 1905 – 12 April 1908 | |
प्रधानमंत्री | Sir Henry Campbell-Bannerman |
पूर्वा धिकारी | Austen Chamberlain |
उत्तरा धिकारी | David Lloyd George |
पद बहाल 18 August 1892 – 25 June 1895 | |
प्रधानमंत्री | |
पूर्वा धिकारी | Henry Matthews |
उत्तरा धिकारी | Matthew White Ridley |
पद बहाल 30 March 1914 – 5 August 1914 | |
पूर्वा धिकारी | J. E. B. Seely |
उत्तरा धिकारी | The Earl Kitchener |
पद बहाल 12 February 1920 – 21 November 1922 | |
राजा | George V |
प्रधानमंत्री | |
पूर्वा धिकारी | Donald Maclean |
उत्तरा धिकारी | Ramsay MacDonald |
पद बहाल 6 December 1916 – 14 December 1918 | |
राजा | George V |
प्रधानमंत्री | David Lloyd George |
पूर्वा धिकारी | Sir Edward Carson |
उत्तरा धिकारी | Donald Maclean |
पद बहाल 30 April 1908 – 14 October 1926 | |
पूर्वा धिकारी | Sir Henry Campbell-Bannerman |
उत्तरा धिकारी | David Lloyd George |
जन्म | 12 सितम्बर 1852 Morley, West Riding of Yorkshire, England |
मृत्यु | 15 फ़रवरी 1928 Sutton Courtenay, Oxfordshire, England | (उम्र 75)
समाधि स्थल | All Saints' Church, Sutton Courtenay |
जन्म का नाम | Herbert Asquith |
राजनीतिक दल | Liberal |
जीवन संगी |
|
बच्चे | 10, including Raymond, Herbert, Arthur, Violet, Cyril, Elizabeth, Anthony |
पेशा | Barrister |
हर्बर्ट हेनरी ऐस्क्विथ (Herbert Henry Asquith ; आक्स्फ़र्ड के प्रथम अर्ल; १८५२-१९२८) , वर्ष १९०८ से १९१६ तक युनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री थे। वे इंग्लैंड के महान् प्रधान मंत्रियों में से थे। अपना स्थान उन्होंने अधिकतर अपनी वाक्शक्ति से बनाया था।
हर्बर्ट हेनरी ऐस्क्विथ का जन्म यार्कशायर, मार्ले के मध्यवर्गीय व्यापारी परिवार में हुआ था। पहले बैरिस्टर हुए, फिर देश में नाम कमाकर पार्लमेंट के १८८६ में सदस्य और बाद में ग्लैड्स्टन के मंत्रिमंडल में गृहसचिव नियुक्त हुए। निर्बाध व्यापार के वे महान् समर्थक थे। इसी के परिणामस्वरूप वे कैंबेल बैनरमैन के मंत्रिमंडल में चांस्लर ऑव दि एक्स्चेकर हुए। इस संबंध में उन्होंने वृद्धों के पेंशन आदि के जो सुधार किए उनसे उनका इतिहास में नाम सुरक्षित हो गया। ऐस्क्विथ का सबसे महान् कार्य १९११ के 'पार्लमेंट ऐक्ट' का निर्माण था जिसने लार्ड सभा के अधिकार अत्यन्त सीमित कर नगण्य कर दिए। इस कार्य ने उन्हें प्राइम मिनिस्टर (प्रधान मंत्री) के अधिकार से संपन्न किया। वे कैंबेल बैनरमैन की बीमारी में ही इंग्लैंड के प्रधान मंत्री हो गए थे। आयरलैंड के संबंध में होमरूल बिल उनके मंत्रिमंडल का दूसरा महत्वपूर्ण प्रयास था।
१९१४ में जब प्रथम महायुद्ध छिड़ा तब प्रधान मंत्री ऐस्किवथ थे। उन्होंने तब विरोधी दल के साथ मिलकर नया मंत्रिमंडल बनाया। साल भर बाद १९१६ में युद्ध-संचालन नीति के प्रश्न पर मतभेद के कारण उन्हें प्रधान मंत्रित्व लायड जार्ज को सौंपकर मंत्रिमंडल से अलग हो जाना पड़ा। अगले चुनावों में हराकर उन्हें पार्लमेंट से भी अलग हो जाना पड़ा। उन्हें 'अर्ल' बना दिया गया और वे लार्ड सभा के सदस्य हो गए। १८ साल के उदार दल के नेतृत्व के बाद उन्होंने वहाँ की बागडोर भी लायड जार्ज को सौंप दी और अपने दल से इस्तीफा दे दिया।