हरीश वासवाणी
हरीश वासवाणी | |
---|---|
पेशा | साहित्यकार |
भाषा | सिन्धी भाषा |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
विषय | समालोचना |
उल्लेखनीय कामs | चालीह–चोरासी |
हरीश वासवाणी सिन्धी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक समालोचना चालीह–चोरासी के लिये उन्हें सन् 1987 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[1]
सन्दर्भ
- ↑ "अकादमी पुरस्कार". साहित्य अकादमी. मूल से 15 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 सितंबर 2016.
|archiveurl=
और|archive-url=
के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद);|archivedate=
और|archive-date=
के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद)