हरिवर विप्र
हरिवर विप्र असमिया के सबसे प्राचीन साहित्यकारों में से हैं। वे कामतापुर के राजा दुर्लभ नारायण (१४वीं शताब्दी) के आश्रय में रहे। उन्होने बब्रुबहनर युध, ताम्रध्वजर युध, आदि ग्रन्थों की रचना की।
हरिवर विप्र असमिया के सबसे प्राचीन साहित्यकारों में से हैं। वे कामतापुर के राजा दुर्लभ नारायण (१४वीं शताब्दी) के आश्रय में रहे। उन्होने बब्रुबहनर युध, ताम्रध्वजर युध, आदि ग्रन्थों की रचना की।