हम (फ़िल्म)
हम | |
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हम का पोस्टर | |
निर्देशक | मुकुल आनन्द |
लेखक | कादर ख़ान (संवाद) |
पटकथा | रवि कपूर मोहन कौल |
कहानी | रवि कपूर मोहन कौल |
निर्माता | रोमेश शर्मा |
अभिनेता | अमिताभ बच्चन, गोविन्दा, रजनीकान्त, किमी काटकर, दीपा साही, शिल्पा शिरोडकर, डैनी डेन्जोंगपा, अनुपम खेर, कादर ख़ान |
संगीतकार | लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल |
प्रदर्शन तिथियाँ | 1 फरवरी, 1991 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
हम 1991 में बनी हिन्दी भाषा की एक्शन फ़िल्म है। इसका निर्देशन मुकुल आनन्द ने किया और प्रमुख भूमिकाओं में अमिताभ बच्चन, गोविन्दा, रजनीकान्त, किमी काटकर, दीपा साही, शिल्पा शिरोडकर, डैनी डेन्जोंगपा, अनुपम खेर और कादर ख़ान हैं। यह फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर 1991 में सबसे ज्यादा कमाई करने में दूसरे स्थान पर रही थी और इसे 'ब्लॉकबस्टर' का तमगा दिया गया था। अमिताभ ने 1992 में इसके लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार भी जीता। इसका एक गीत "जुम्मा चुम्मा दे दे" भी बहुत लोकप्रिय हुआ था।[1]
संक्षेप
बख्तावर (डैनी डेन्जोंगपा) मुम्बई के बंदरगाह पर अपनी हुकूमत चलाए रहता है और अपने मजदूरों के साथ गुलामों की तरह व्यवहार करते रहता है। टाइगर (अमिताभ बच्चन) अपने पिता, प्रताप (दीपक शिर्के) के लिए उस बंदरगाह में काम करने वाले मजदूरों से पैसे लेता है। टाइगर को जुम्मा (किमी काटकर) से प्यार हो जाता है। उसके भाई को बख्तावर मार देता है और टाइगर के पिता और सौतेली माँ की भी मौत हो जाती है। अब उसके दो छोटे सौतेले भाइयों की ज़िम्मेदारी भी टाइगर पर आ जाती है।
टाइगर सीधे ही बख्तावर को मारने के लिए निकल जाता है, पर इंस्पेक्टर गिरधर (अनुपम खेर) उसे रोक लेता है। गिरधर उसे अपनी सौतेली माँ को दिया वचन याद दिलाता है, और उसके दो भाइयों की देखरेख करने को बोलता है। वह बख्तावर की ज़िम्मेदारी पुलिस को देने बोलता है। गिरधर और उसका वफादार मिल कर बख्तावर के घर से पैसे चुरा लेते हैं और घर को आग लगा देते हैं, जिससे सारा सबूत जल कर नष्ट हो जाये। इस आग में बख्तावर की बीवी और बेटी मारे जाते हैं और बख्तावर को पुलिस टाइगर के परिवार की हत्या करने के जुर्म में गिरफ्तार कर लेती है। टाइगर वहाँ से ट्रेन में बैठ कर अपने सौतेले भाइयों के साथ शहर छोड़ कर चले जाता है।
टाइगर अपना नाम बदल कर शेखर रख लेता है और एक इज्जतदार किसान और इमारती लकड़ी का व्यापारी बन जाता है। कुमार (रजनीकान्त) एक पुलिस अफसर है, जो आरती (दीपा साही) से शादी किए रहता है। उसकी एक छोटी बेटी, ज्योति (संजना) है। उसका सबसे छोटा भाई, विजय (गोविन्दा) कॉलेज में पढ़ते रहता है और उसे अनीता (शिल्पा शिरोडकर) से प्यार हो जाता है, जो जनरल राणा प्रताप सिंह (कादर ख़ान) की बेटी है। वो चाहते रहता है कि उसकी बेटी की शादी किसी सैन्य अफसर के साथ हो। शेखर अपने दोनों भाइयों के साथ खुशी खुशी जीवन बिताते रहता है।
कई सालों के बाद बख्तावर जेल से छूट जाता है। गिरधर उसे यकीन दिलाता है कि उसके परिवार वालों की हत्या टाइगर ने की है, जिससे वो बदला लेने को आतुर हो जाता है और टाइगर को ढूंढते हुए ऊटी तक आ जाता है। वो आरती और ज्योति का अपहरण कर लेता है और शेखर की सच्चाई बताता है। वहीं कुमार को भी शेखर की सच्चाई पता चल जाती है कि उसका पुराना नाम टाइगर था। हालाँकि, सभी गलतफहमी जुम्मा द्वारा साफ़ कर दी जाती है जब वह विजय और कुमार को उनके अतीत और शेखर द्वारा किए गए बलिदानों के बारे में समझाती है जो उसने उनके लिये सम्मानजनक जीवन पाने के लिये किए।
अंत में टाइगर अपने दोनों भाइयों, कुमार और विजय के साथ आरती और ज्योति को बचाने आ जाते हैं और बख्तावर को बताता है कि असल में हत्यारा गिरिधर है। बख्तावर ये सब जान कर गिरिधर के साथ अपने आप को बम से उड़ा देता है और उन दोनों के मौत के बाद शेखर का सारा परिवार फिर से एक हो जाता है।
मुख्य कलाकार
- अमिताभ बच्चन — टाइगर / शेखर
- गोविन्दा — विजय
- रजनीकान्त — कुमार
- किमी काटकर — जुम्मा
- दीपा साही — आरती
- शिल्पा शिरोडकर — अनीता प्रताप सिंह
- डैनी डेन्जोंगपा — बख्तावर
- अनुपम खेर — इंस्पेक्टर गिरधर
- कादर ख़ान — जनरल राणा प्रताप सिंह / चित्तोड़
- रोमेश शर्मा — गोंजाल्विस
- अनु कपूर — हवलदार अर्जुन सिंह
- शिवा रिन्दानी — कैप्टन स्टैक
- आशा शर्मा — टाइगर की सौतेली माँ
- दीपक शिर्के — प्रताप
- शम्मी — आरती की माँ
संगीत
सभी गीत आनन्द बक्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "एक दूसरे से करते हैं प्यार हम" | सुदेश भोंसले, मोहम्मद अज़ीज़, उदित नारायण, अलका याज्ञिक, सोनाली वाजपेई | 4:42 |
2. | "कागज कलम दवात ला लिख दूँ" | शोभा जोशी, मोहम्मद अज़ीज़ | 6:07 |
3. | "इस प्यार की हम पहचान देंगे" | विनय मंडके, मोहम्मद अज़ीज़, सुदेश भोंसले, अलका याज्ञिक | 2:17 |
4. | "जनरल साहब करो तैयारी" | अलका याज्ञिक, सुदेश भोंसले, मोहम्मद अज़ीज़ | 3:03 |
5. | "जुम्मा चुम्मा दे दे" | सुदेश भोंसले, कविता कृष्णमूर्ति | 8:23 |
6. | "सनम मेरे सनम कसम तेरी कसम" | अमित कुमार, अलका याज्ञिक | 6:50 |
7. | "ले ले चुम्मा ले ले" | कविता कृष्णमूर्ति | 3:36 |
नामांकन और पुरस्कार
वर्ष | नामित कार्य | पुरस्कार | परिणाम |
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1992 | अमिताभ बच्चन | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार | जीत |
दीपा साही | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार | नामित | |
कादर ख़ान | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता पुरस्कार | नामित | |
डैनी डेन्जोंगपा | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ खलनायक पुरस्कार | नामित | |
सुदेश भोंसले ("जुम्मा चुम्मा दे दे") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार | नामित | |
("जुम्मा चुम्मा दे दे") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ नृत्य रचना पुरस्कार | जीत |
सन्दर्भ
- ↑ "बला की खूबसूरत इस हीरोइन को आज भूल गए सब, 53 की उम्र में दिखने लगी हैं ऐसी". दैनिक जागरण. 13 दिसम्बर 2018. मूल से 24 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 दिसम्बर 2018.