हनुमान घाट
काशी के घाटों में "हनुमान घाट" विशेष रूप से साधु-महात्मा लोगों का घाट है। इस घाट के ऊपरी भाग में बहुत ही पुरातन बड़ा हनुमान जी का मंदिर है। इस मंदिर में हनुमान जी के अतिरिक्त राम दरबार नवॻह एवं एक अश्व भी स्थापित है, जो राम जी के अश्वमेध विजय के प॒तीक की याद दिलाता है। हनुमान मंदिर के प्रांगण में भगवान दत्तात्रेय का बहुत ही भब्य मंदिर है,जिसकी दिवारों पर भगवान दत्तत्रेय की जीवनी से संबंधित अद्भुत चित्रकारी की गयी है । साथ ही राम,लक्ष्मण,भरत ,शत्रुध्न के आराध्यों को दत्तात्रेय मंदिर के सानिध्य में लिंग रूप मे स्थापित किये गये हैं । मुख्य रूप से हनुमान घाट ऐवं मंदिर की पूजार्चन और व्यवस्था दशनामी जूना अखाड़ा के अधीन है। हनुमान घाट मोहल्ला में अधिकतर दक्षिण भारतीय का निवास स्थान है। हनुमान घाट मोहल्ला में शृंगेरी शंकराचार्य का मंदिर है जिसमें कुम्भ स्नान के उपरान्त सभी दश-नामी अखाड़ा के साधु दर्शनार्थ अवश्य आते हैं। हनुमान घाट मोहल्ले में प्रवेश करते ऐसा प्रतीत होता है,जैसे आप वैदिक युग में पहुँच गये हों,जिधर जाँये वैदिक स्वर ही सुनायी देते है। छोटे छोटे बटुक ब्राह्मण सामवेद का गायन करते हैं, राजगोपालाचारी का निवास स्थान भी हनुमान घाट मुहल्ले में था।