हथगोला
हथगोला (हंड ग्रेनेड) बारूद आधारित हथियार है जो छोड़ने के थोड़ी देर बाद फटता है। मूल रूप से युद्ध में ये हथगोला फेकने में दक्ष सैनिक-टोली का यह काम होता था। किन्तु वर्तमान समय में हथगोले राइफल से फेके जाते हैं या इसी काम के लिये विशेष रूप से डिजाइन किये हुए 'ग्रेनेड-लांचर' से फेके जाते हैं।
विशेषताएँ
हथगोलों की पांच विशेषताएँ हैं-
- कम दूरी तक जाते हैं (कम परास)
- लगभग ५ मीटर की हत्या-त्रिज्या (किल रेडियस)
- लगभग १५ मीटर की चोट-त्रिज्या (कैजुअल्टी रेडियस)
- इसमें एक देरी करने वाला अवयव लगा होता है जो सुरक्षित रूप से फेंकने में मदद करता है।
- इसकी खोल सख्त होती है जो किसी सख्त चीज (जैसे दीवार, फर्श) से टकराकर विस्फोटित होती है।
हथगोले के तीन मुख्य घटक हैं-
- शरीर, जिसमें विस्फोटक रसायन भरा जाता है।
- विस्फोटक जो तेजी से फटने में मदद करता है।
- फ्यूज, जो हथगोले में आग लगाता है।
बाहरी कड़ियाँ
- अब आतंकवादियों से निपटेंगे मिर्ची हथगोले[मृत कड़ियाँ]
- Getting Good With the Grenade - November 1944 Popular Science article with complete history, cutaway and illustrations
- Mecar - Belgian manufacturer of various grenade types
- Pakistan Ordnance Factories - licensed manufacturer of Arges grenades
- Film of exploding grenade - taken using ultra high-speed photographic technique (2/3 million frames per second)
- How Grenades Work - from HowStuffWorks
- CenturioLight c/o Centurio Products Group - manufacturer of the electronic flashbang's "BAD"
- Exploded view of a modern Arges 73 hand grenade