सामग्री पर जाएँ

हकीम सय्यद ज़िल्लुर रहमान

हकीम सय्यद ज़िल्लुर रह्मान

हकीम सय्यद ज़िल्लुर रहमान
जन्म 1 जुलाई 1940 (1940-07-01) (आयु 84)
भोपाल, भोपाल स्टेट
आवासअलीगढ
राष्ट्रीयता भारती
नागरिकता भारती
शिक्षा की जगहअलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, दारुल उलूम नद्वतुल उलमा
प्रसिद्धि का कारणयूनानी चिकित्सा पद्धति & वैद्य विधान का चरित्र

हकीम सय्यद ज़िल्लुर रहमान (उर्दू: حکیم سید ظل ا لرحمن) (बांग्ला: হাকিম সৈয়দ জিল্লুর রহমান), एक मशहूर यूनानी चिकित्सा के अनुसंधानकर्ता हैं। उनका योगदान यूनानी वैद्य विधान के लिये काफ़ी महत्वपूर्ण माना जाता है। इन्हों ने २००० ई को इब्न सीना अकाडेमी आफ़ मेडिसिन अंड सैन्सेस की स्थापना की। यह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अजमल खान तिब्बिया कालेज के प्रोफ़ेसर और चैरमन रह चुके हैं। इल्मुल अद्विया विभाग में चलीस साल की सेवा के बाद वह डीन और इतर सेवाओं के बाद रिटैर हुए।

उन्होंने 45 ग्रन्थ एवम पुस्तक लिखे, जो यूनानी वैद्य विधान पर निर्भर हैं। इन के पास यूनानी पुस्तक भंडार भी मौजूद है।

भारत की सरकार ने इनको यूनानी वैद्यविधान पर विशेश काम के लिये, पद्मश्री पुरस्कार से २००६ में सम्मानित किया।


इन के काम

इनका सारा काम वैद्यविधान के चरित्र पर रहा, जो मध्यकालीन युग से सम्बन्धित और इस्लामी मध्यकालीन वैद्यविधान पर खास काम किया है। यह यूनानी मेडिसिन के शास्त्रवेत्ता और प्राचीन अरबी और फ़ार्सी भाशाओं के पत्रों को खोज निकालने और उन्हें सरल तरीकी में पेश करने में सिद्धहस्त हैं।

पुरस्कार और गौरव

ज़िल्लुर रहमान को १९९७ में जामिया हमदर्द के विसिटिंग प्रोफ़ेसर का गौरव मिला। बाद में डाक्टर आफ़ लेटर्स की गौरव डिग्री भी प्राप्त हुई जो उनहें २०१३ में दी गयी।

  • आयुर्वेदिक अथवा तिब्बी पुरस्कार अवार्ड, उत्तर प्रदेश सरकार, लखनऊ 1968.
  • उर्दू अकादमी अवार्ड, उत्तर प्रदेश सर्कार, लखनऊ, 1974.
  • उर्दू अकादमी अवार्ड, उत्तर प्रदेश सर्कार, लखनऊ, 1978.
  • उर्दू अकादमी अवार्ड, उत्तर प्रदेश सर्कार, लखनऊ, 1993.
  • सर्टिफ़िकेट ऑफ़ आनर्स, फ़ारसी भाषा की सेवा के लिये, भारत के राष्ट्रपति के हाथों स्वतन्त्रता दिवस, 15 अगस्त 1995 को दिया गया था।
  • पद्मश्री, भारत सरकार, 2006[1]
  • यश भारती पुरस्कार, उत्तर प्रदेश सरकार, लखनऊ 2014-15[2]

सन्दर्भ

  1. "संग्रहीत प्रति" (PDF). मूल (PDF) से 15 अक्तूबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 नवंबर 2014.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 3 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 मार्च 2018.