हँसी से मृत्यु
हँसी से मृत्यु एक दुर्लभ प्रकार की मौत है, जो सामन्यतः पूर्णहृदरोध या श्वासावरोध के कारण होती है, और इसके पीछे हँसी का बेरोक-टोक दौर होता है। इस प्रकार की मृत्यु की घटनाएँ प्राचीन यूनान के समय से लेकर आधुनिक काल में भी देखे गए हैं।
हँसी से शरीर को होने वाले लाभ
- इससे ऊर्जा मिलती है।
- बढ़ती आयु पर रोक लगती है।
- दिमाग़ ठीक चलता है।
- यह अच्छी नींद के लिए फायदेमंद है।
- हंसने से बढ़ती है प्रतिरोधी क्षमता।
- दर्द से आराम मिलता है।
- व्यक्तित्व में सकारात्मकता आती है।[1]
हँसी के जोखिम
जहाँ हँसी के कई लाभ हैं, वहीं इसमें जोखिम भी है। इन जोखिमों के कारण जीवन भी समाप्त हो सकता है। कुछ प्रमुख जोखिम इस प्रकार से हैं:
- अंडकोश बढ़ जाने के रोग की संभावना।
- तेज़-तेज़ अंदाज़ में हँसने से दूषित वातावरण में से साँस बेरोक-टोक अन्दर जाती है, जो शरीर के लिए हानिकारक है।
- दमे की बीमारी हो सकती है।
- मनुष्य में असंयम उत्पन्न हो सकता है।
- सरदर्द को न्योता मिल सकता है।[2]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 16 सितंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 सितंबर 2018.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 26 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 सितंबर 2018.