हँसते ज़ख़्म (१९७३ फ़िल्म)
हँसते ज़ख़्म | |
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चित्र:Hanste Zakhm (1973), DVD.jpg | |
निर्देशक | चेतन आनन्द |
निर्माता | चेतन आनन्द |
अभिनेता | नवीन निश्चल प्रिया राजवंश बलराज साहनी नादिरा |
संगीतकार | मदन मोहन |
प्रदर्शन तिथि | 1973 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
हँसते ज़ख़्म १९७३ में बनी हिन्दी फ़िल्म है जिसके निर्माता और निर्देशक चेतन आनन्द हैं।[1]
पटकथा
फिल्म की शुरूआत विधुर पुलिस ऑफिसर महेन्द्रू (बलराज साहनी) और उनकी छोटी सी बिटिया चन्दा से होती है। चन्दा के सबसे अच्छी सहेली रेखा (अंजु महेन्द्रू) है जो एक वैश्या की पुत्री है।
पात्र
- नवीन निश्चल - सोमेश
- प्रिया राजवंश - चन्दा / मीना "मिन्नो"
- बलराज साहनी - एस॰ पी॰ दिनानाथ महेन्द्रू
- नादिरा -
- जीवन - कुनन
- मैक मोहन - ब्रगेंज़ा
- रज़ा मुराद - पुलिस के डीआईजी
- डी के सप्रू - बनवारी
- अचला सचदेव - हीराबाई (रेखा की माँ)
- सत्येन कप्पु - इंस्पेक्टर कुमार
- राम सेठी
संगीत
मदन मोहन द्वारा रचित फिल्म के गाने लोकप्रिय हैं।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "ये माना मेरी जाँ, मोहब्बत सजा है" | मोहम्मद रफ़ी | |
2. | "बेताब दिल की तमन्ना यही है" | लता मंगेशकर | 05:35 |
3. | "तुम जो मिल गये हो, तो ये लगता है, कि जहाँ मिल गया" | मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | 08:10 |
4. | "आज सोचा तो आँसु आये" | लता मंगेशकर | 06:12 |
5. | "हाय रे तौबा ये जवानी" | मोहम्मद रफ़ी, बलबीर | 07:53 |
सन्दर्भ
- ↑ गुलज़ार, गोविन्द निहलाणी, सैबल चटर्जी (2003). Encyclopaedia of Hindi Cinema: An Enchanting Close-Up of India's Hindi Cinema. पॉपुलर प्रकाशन. पृ॰ 520. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 8179910660. मूल से 10 फ़रवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 मई 2013.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)