स्वर्णिम पगोडा, नामसाई
नामसाई का स्वर्णिम पगोडा | |
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पोइ लु कोङ्मु खाम | |
धर्म संबंधी जानकारी | |
सम्बद्धता | Buddhism |
अवस्थिति जानकारी | |
देश | India |
भारत के मानचित्र पर अवस्थिति | |
भौगोलिक निर्देशांक | 27°40′02″N 95°51′57″E / 27.667208°N 95.865854°E |
वास्तु विवरण | |
निर्माण पूर्ण | 2010 |
नामसाई का स्वर्णिम पगोडा, अरुणाचल प्रदेश के नामसाई में सन २०१० में निर्मित एक पगोडा है। यह बर्मी शैली में निर्मित है। यह २० एक भूमि में फैला हुआ है। इसके निर्माण पर उस समय ३ करोड़ रूपए खर्च हुए थे। विश्व त्रिपिटक फाउण्डेशन इस पगोडा को अन्तरराष्ट्रीय त्रिपिटक केन्द्र के रूप में विकसित कर रहा है।[1][2][3][4]
सन्दर्भ
- ↑ "Wakro wonders". The Hindu. मूल से 11 February 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 February 2017.
- ↑ "Arunachal Golden Pagoda dedicated to pilgrims". The Assam Tribune. मूल से 11 February 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 February 2017.
- ↑ "Golden Pagoda to be first International Tipitaka Center". Arunachal Times. मूल से 11 फ़रवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 February 2017.
- ↑ "Monks pray against conversion". The Telegraph (Calcutta). मूल से 11 February 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 February 2017.