स्वच्छ भारत अभियान
स्वच्छ भारत अभियान | |
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स्वच्छ भारत अभियान (SBA) | |
प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी अभियान को आरम्भ करते हुए | |
नारा | एक कदम स्वच्छता की ओर |
देश | भारत |
प्रधानमन्त्री | नरेन्द्र मोदी |
आरम्भ | राज घाट; 2 अक्टूबर 2014 |
वर्तमान स्थिति | समाप्त |
जालस्थल | swachhbharat |
।स्वच्छ भारत अभियान, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2 अक्टूबर 2014 को शुरू किया गया था, एक महत्वपूर्ण स्वच्छता अभियान है जो भारत को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने का लक्ष्य रखता है। इस अभियान के तहत, सरकार ने विभिन्न स्वच्छता उपकरणों की व्यवस्था की है, जैसे कि शौचालय, जल संरचनाएं, और कचरा प्रबंधन। इसके साथ ही, जनता को स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए भी अभियान चलाया जाता है।
स्वच्छ भारत अभियान का मुख्य उद्देश्य भारतीय नागरिकों को स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूक करना है। इसके तहत, लोगों को साफ-सुथरे रहने के लिए जिम्मेदारी लेने की आवश्यकता है और उन्हें अपने आसपास के माहौल को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने के लिए काम करना चाहिए। इसके अलावा, अभियान के तहत स्वच्छता से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम और अवसर भी आयोजित किए जाते हैं, जिनमें लोग भाग लेते हैं और स्वच्छता के महत्व को समझते हैं।
स्वच्छ भारत अभियान ने देशभर में बदलाव लाया है। इसके तहत, लोगों की स्वच्छता संबंधित सोच और आचरण में सुधार हुआ है। लोग अपने आसपास के स्थानों को साफ-सुथरा रखने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। इसके साथ ही, सरकार ने भी विभिन्न स्वच्छता योजनाओं को शुरू किया है और स्वच्छता के मामले में सख्ती बढ़ाई है।
स्वच्छ भारत अभियान ने देश को स्वच्छता के मामले में आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह अभियान न केवल देश को स्वच्छ बनाने में मदद करता है, बल्कि लोगों को स्वच्छता के महत्व को समझाने और उसे अपनाने के लिए प्रेरित भी करता है। स्वच्छ भारत अभियान के माध्यम से हम सभी को एक स्वच्छ और स्वस्थ भारत की ओर बढ़ने का संकल्प लेना चाहिए।
अवेदन
साक्षी पाकड़
पृष्ठभूमि
आधिकारिक रूप से 1 अप्रैल 1999 से शुरू, भारत सरकार ने व्यापक ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम का पुनर्गठन किया और पूर्ण स्वच्छता अभियान (टीएससी) शुरू किया जिसको बाद में (1 अप्रैल 2012 को) प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा निर्मल भारत अभियान (एनबीए) नाम दिया गया।[1][2] स्वच्छ भारत अभियान के रूप में 24 सितंबर 2014 को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी से निर्मल भारत अभियान का पुनर्गठन किया गया था।
'निर्मल भारत अभियान' (1999 से 2012 तक पूर्ण स्वच्छता अभियान, या टीएससी) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई समुदाय की अगुवाई वाली पूर्ण स्वच्छता (सीएलटीएस) के सिद्धांतों के तहत एक कार्यक्रम था। इस स्थिति को हासिल करने वाले गांवों को निर्मल ग्राम पुरस्कार नामक कार्यक्रम के तहत मौद्रिक पुरस्कार और उच्च प्रचार प्राप्त हुआ।[3][4][5]
टाइम्स ऑफ इंडिया ने रिपोर्ट किया कि मार्च 2014 में यूनिसेफ इंडिया और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ने भारत सरकार द्वारा 1999 में शुरू विशाल पूर्ण स्वच्छता अभियान के हिस्से के रूप में स्वच्छता सम्मेलन का आयोजन किया, जिसके बाद इस विचार को विकसित किया गया।[6]
ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय
सरकार ने 2 अक्टूबर 2019 तक खुले में शौंच मुक्त (ओडीएफ) भारत को हासिल करने का लक्ष्य रखा है, सरकार ने 2 अक्टूबर 2019, महात्मा गांधी के जन्म की 150 वीं वर्षगांठ तक ग्रामीण भारत में 1.96 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित लागत (यूएस $ 30 बिलियन) के 1.2 करोड़ शौचालयों का निर्माण करके खुले में शौंच मुक्त भारत (ओडीएफ) को हासिल करने का लक्ष्य रखा है।[7][8] प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने 2014 के स्वतंत्रता दिवस के भाषण में शौचालयों की जरूरत के बारे में बताया:
क्या हमें कभी दर्द हुआ है कि हमारी मां और बहनों को खुले में शौच करना पड़ता है? गांव की गरीब महिलाएं रात की प्रतीक्षा करती हैं; जब तक अंधेरा नहीं उतरता है, तब तक वे शौंच को बाहर नहीं जा सकतीं हैं। उन्हें किस प्रकार की शारीरिक यातना होती होंगी, क्या हम अपनी मां और बहनों की गरिमा के लिए शौचालयों की व्यवस्था नहीं कर सकते हैं?
प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 के जम्मू और कश्मीर राज्य चुनाव अभियान के दौरान स्कूलों में शौचालयों की आवश्यकता के बारे में भी बताया:
जब छात्रा उस उम्र तक पहुंचती है जहां उसे पता चल जाता है कि स्कूल में महिला शौचालयों की कमी के कारण उसने अपनी शिक्षा को बीच में छोड़ दी है और इस कारण जब वे अपनी शिक्षा को बीच में छोड़ देते हैं तो वे अशिक्षित रहते हैं। हमारी बेटियों को गुणवत्ता की शिक्षा का समान मौका भी मिलना चाहिए। 60 वर्षों की स्वतंत्रता के बाद प्रत्येक स्कूल में छात्राओं के लिए अलग शौचालय होना चाहिए था। लेकिन पिछले 60 सालों से वे लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय नहीं दे सके और नतीजतन, महिला छात्रों को अपनी शिक्षा को बीच में छोड़ना पड़ता था। [9]—- नरेंद्र मोदी
मई 2015 तक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, महिंद्रा ग्रुप और रोटरी इंटरनेशनल सहित 14 कंपनियों ने 3,195 नए शौचालयों का निर्माण करने का वादा किया है। उसी महीने में, भारत में 71 सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों ने 86,781 नए शौचालयों के निर्माण का समर्थन किया।[10]
हजारों भारतीय लोग अभी भी मानव मल धोने के कार्य में कार्यरत हैं।[11][12][13]
राजदूत
चयनित सार्वजनिक व्यक्ति
मोदी ने इस अभियान का प्रचार करने के लिए 11 लोगों को चुना[14][15] वो हैं:
सिविल इंजिनियरिंग भारत के शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने दक्षिणी राज्य आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम के तूफान से प्रभावित बंदरगाह शहर को साफ करने के लिए झाड़ू उठाया था।[16][17]
ब्रांड एम्बेसडर
वेंकैया नायडू ने विभिन्न क्षेत्रों में ब्रांड एंबेसडर सूचीबद्ध किए::[18][19][कब?][]
- राज्ययोगी ब्रह्मकुमारी दादी जानकीजी
- पवन कल्याण[20]
- एस पी बालासुब्रह्मण्यम
- अमला (अभिनेत्री)
- के कविता[20]
- गुनुपति वेंकट कृष्ण रेड्डी
- सुधाला अशोक तेजा
- पुलेला गोपीचंद (खिलाड़ी)
- हम्पी कोनेरू
- गैला जयदेव
- नितिन
- वी.वी.एस. लक्ष्मण (खिलाड़ी)
- जे रामेश्वर राव
- शिवलाल यादव (राजनीतिज्ञ)
- बी वी आर मोहन रेड्डी
- लक्ष्मी मांचू[21]
2 अक्टूबर 2014 को प्रधान मंत्री मोदी ने नौ लोगों को नामांकित किया, जिनमें शामिल हैं:
- कपिल शर्मा {कॉमेडियन}
- सौरव गांगुली (खिलाड़ी, भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान)
- पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने अपने 'स्वच्छ भारत अभियान' को आगे बढ़ाने के लिए
- पद्मनाभ आचार्य (नागालैंड के राज्यपाल)
- सोनल मानसिंह (शास्त्रीय नर्तक)
- रामोजी राव (इनादु समूह)
- अरुण पुरी (इंडिया टुडे समूह)
उन्होंने भारत के चार्टर्ड एकाउंटेंट्स संस्थान, इनाडू और इंडिया टुडे सहित कई संगठनों को भी नामित किया, साथ ही साथ मुंबई के डब्बावाले भी, जो शहर के लाखों लोगों को घर का बना खाना पहुंचाते हैं।
8 नवंबर 2014 को, मोदी ने उत्तर प्रदेश को संदेश भेजा और उस राज्य के लिए नौ लोगों का एक और नामांकन किया।[22][23]
- अखिलेश यादव (राजनीतिज्ञ)
- स्वामी रामभद्राचार्य
- मनोज तिवारी (राजनीतिज्ञ)
- मोहम्मद कैफ (खिलाड़ी)
- देवप्रसाद द्विवेदी
- राजू श्रीवास्तव (कॉमेडियन)
- सुरेश रैना (खिलाड़ी)
- कैलाश खेर
- शिल्पा शेट्टी (अभिनेत्री), फरवरी 2017 से
- शेखर गुरेरा (कार्टूनिस्ट), जनवरी 2018 से [24]
30 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी और स्कूल और कॉलेज के छात्र इस अभियान में भाग ले रहे हैं।[25][26]
स्वच्छ भारत अभियान पर बनी राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म ‘मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर’ 14 दिसंबर को बड़े पर्दे पर रिलीज होगी।फिल्म खुले में शौच की समस्या पर आधारित है।[27]
साफ शहरों की सूची
भारत सरकार ने 15 फरवरी 2016 को सफाई रैंकिंग जारी की।[28][29][30] सफाई सेलेक्शन -2016 में 73 शहरों को सफाई और स्वच्छता के आधार पर स्थान देता है। 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की जांच के लिए सर्वेक्षण किया गया था कि वे कितने स्वच्छ या गंदे थे।[1]
- सर्वाधिक स्वच्छ १० नगर
- इंदौर (लगातार तीन बार सबसे स्वच्छ शहर[31])
- भोपाल
- चंडीगढ़
- नई दिल्ली
- विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश)
- सूरत (गुजरात)
- राजकोट (गुजरात)
- गंगटोक (सिक्किम)
- पिंपरी चिंचवड (महाराष्ट्र)
- ग्रेटर मुंबई (महाराष्ट्र)
- सूची में अन्तिम के 10 शहर
- 64. कल्याण डोंबिवली (महाराष्ट्र)
- 65. वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
- 66. जमशेदपुर (झारखंड)
- 67. गाज़ियाबाद (उत्तर प्रदेश)
- 68. रायपुर (छत्तीसगढ़)
- 69. मेरठ (उत्तर प्रदेश)
- 70. पटना (बिहार)
- 71. इटानगर (अरुणाचल प्रदेश)
- 72. आसनसोल (पश्चिम बंगाल)
- 73. धनबाद (झारखंड)
समान अभियान
स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान भारत की तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा लांच किया गया जिसमें स्कूल के शिक्षकों और छात्रों के साथ स्वच्छता अभियान में उन्होंने भी भाग लिया।[32]
शहरी क्षेत्रों के लिए स्वच्छ भारत मिशन
मिशन का उद्देश्य 1.04 करोड़ परिवारों को लक्षित करते हुए 2.5 लाख समुदायिक शौचालय, 2.6 लाख सार्वजनिक शौचालय, और प्रत्येक शहर में एक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की सुविधा प्रदान करना है। इस कार्यक्रम के तहत आवासीय क्षेत्रों में जहाँ व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों का निर्माण करना मुश्किल है वहाँ सामुदायिक शौचालयों का निर्माण करना। पर्यटन स्थलों, बाजारों, बस स्टेशन, रेलवे स्टेशनों जैसे प्रमुख स्थानों पर भी सार्वजनिक शौचालय का निर्माण किया जाएगा। यह कार्यक्रम पाँच साल अवधि में 4401 शहरों में लागू किया जाएगा। कार्यक्रम पर खर्च किये जाने वाले ₹62,009 करोड़ रुपये में केंद्र सरकार की तरफ से ₹14,623 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाएगें। केंद्र सरकार द्वारा प्राप्त होने वाले ₹14,623 करोड़ रुपयों में से ₹7,366 करोड़ रुपये ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर ₹4,165 करोड़ रुपये व्यक्तिगत घरेलू शौचालय पर ₹1,828 करोड़ रुपये जनजागरूकता पर और समुदाय शौचालय बनवाये जाने पर ₹655 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। इस कार्यक्रम खुले में शौच, अस्वच्छ शौचालयों को फ्लश शौचालय में परिवर्तित करने, मैला ढ़ोने की प्रथा का उन्मूलन करने, नगरपालिका ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और स्वस्थ एवं स्वच्छता से जुड़ीं प्रथाओं के संबंध में लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाना आदि शामिल हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों के लिए स्वच्छ भारत मिशन
निर्मल भारत अभियान कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा ग्रामीण क्षेत्र में लोगों के लिए माँग आधारित एवं जन केन्द्रित अभियान है, जिसमें लोगों की स्वच्छता सम्बन्धी आदतों को बेहतर बनाना, स्व सुविधाओं की माँग उत्पन्न करना और स्वच्छता सुविधाओं को उपलब्ध करना, जिससे ग्रामीणों के जीवन स्तर को बेहतर बनाया जा सके। I इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा फ्री शौचालय योजना का शुभारंभ किया गया है और इस योजना के द्वारा प्रत्येक व्यक्ति को जिसके पास शौचालय नहीं है उसे ₹12000 की धनराशि आवंटित की जाती है जिससे हुए अपना शौचालय निर्माण कर सकें ।
अभियान का उद्देश्य पांच वर्षों में भारत को खुला शौच से मुक्त देश बनाना है। अभियान के तहत देश में लगभग 11 करोड़ 11 लाख शौचालयों के निर्माण के लिए एक लाख चौंतीस हज़ार करोड़ रुपए खर्च किये जाएंगे। बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी का उपयोग कर ग्रामीण भारत में कचरे का इस्तेमाल उसे पूंजी का रूप देते हुए जैव उर्वरक और ऊर्जा के विभिन्न रूपों में परिवर्तित करने के लिए किया जाएगा। अभियान को युद्ध स्तर पर प्रारंभ कर ग्रामीण आबादी और स्कूल शिक्षकों और छात्रों के बड़े वर्गों के अलावा प्रत्येक स्तर पर इस प्रयास में देश भर की ग्रामीण पंचायत, पंचायत समिति और बहराइच को भी इससे जोड़ना है।
अभियान के एक भाग के रूप में प्रत्येक पारिवारिक इकाई के अंतर्गत व्यक्तिगत घरेलू शौचालय की इकाई लागत को ₹10,000 से बढ़ा कर ₹12,000 रुपये कर दिया गया है और इसमें हाथ धोने,शौचालय की सफाई एवं भंडारण को भी शामिल किया गया है। इस तरह के शौचालय के लिए सरकार की तरफ से मिलने वाली सहायता ₹9,000 रुपये और इसमें राज्य सरकार का योगदान ₹3,000 रुपये होगा। जम्मू एवं कश्मीर एवं उत्तरपूर्व राज्यों एवं विशेष दर्जा प्राप्त राज्यों को मिलने वाली सहायता ₹10,800 होगी जिसमें राज्य का योगदान ₹1,200 रुपये होगा। अन्य स्रोतों से अतिरिक्त योगदान करने की स्वीकार्यता होगी।
स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन स्वच्छ भारत-स्वच्छ विद्यालय अभियान केन्द्रीय 25 सितंबर, 2014 से 31 अक्टूबर 2014 के बीच केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालय संगठन में आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान की जाने वाली गतिविधियों में शामिल हैं-
- स्कूल कक्षाओं के दौरान प्रतिदिन बच्चों के साथ सफाई और स्वच्छता के विभिन्न पहलुओं पर SBAविशेष रूप से महात्मा गांधी की स्वच्छता और अच्छे स्वास्थ्य से जुड़ीं शिक्षाओं के संबंध में बात करें।
- कक्षा, प्रयोगशाला और पुस्तकालयों आदि की सफाई करना।
- स्कूल में स्थापित किसी भी मूर्ति या स्कूल की स्थापना करने वाले व्यक्ति के योगदान के बारे में बात करना और इस मूर्तियों की सफाई करना।
- शौचालयों और पीने के पानी वाले क्षेत्रों की सफाई करना।
- रसोई और सामान ग्रह की सफाई करना।
- खेल के मैदान की सफाई करना
- स्कूल बगीचों का रखरखाव और सफाई करना।
- स्कूल भवनों का वार्षिक रखरखाव रंगाई एवं पुताई के साथ।
- निबंध,वाद-विवाद, चित्रकला, सफाई और स्वच्छता पर प्रतियोगिताओं का आयोजन।
- 'बाल मंत्रिमंडलों का निगरानी दल बनाना और सफाई अभियान की निगरानी करना।
इसके अलावा फिल्म शो, स्वच्छता पर निबंध / चित्रकारी और अन्य प्रतियोगिताएं, नाटकों आदि के आयोजन द्वारा स्वच्छता एवं अच्छे स्वास्थ्य का संदेश प्रसारित करना। मंत्रालय ने इसके अला
वा स्कूल के छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों और समुदाय के सदस्यों को शामिल करते हुए सप्ताह में दो बार आधे घंटे सफाई अभियान शुरू करने का प्रस्ताव भी रखा है।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ "Time to clean up your act", Hindustan Times, मूल से 18 अगस्त 2015 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 7 जून 2017
- ↑ "Nirmal Bharat Abhiyan failed to achieve its ass: CAG jdjgjfi", Mint, 16 December 2015, मूल से 21 मई 2017 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 7 जून 2017
- ↑ IRC Archived 2014-04-08 at the वेबैक मशीन:India: Unrealistic approach hampers rural sanitation programme Archived 2008-10-05 at the वेबैक मशीन, 1 June 2007
- ↑ Institute of Development Studies:Community-led total sanitation:India Archived 2017-06-19 at the वेबैक मशीन
- ↑ Benny George:Nirmal Gram Puraskar: A Unique Experiment in Incentivising Sanitation Coverage in Rural India Archived 2020-12-01 at the वेबैक मशीन, International Journal of Rural Studies (IJRS), Vol. 16, No. 1, April 2009
- ↑ Poo2Loo to break open defecation taboo
- ↑ "MDWS Intensifies Efforts with States to Implement Swachh Bharat Mission", Business Standard, 18 March 2016, मूल से 2 अप्रैल 2016 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 7 जून 2017
- ↑ "Swachh Bharat Abhiyaan: Government builds 7.1 lakh toilets in January". timesofindia-economictimes. मूल से 25 अगस्त 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 जून 2017.
- ↑ "Swachh Bharat Abhiyaan: PM Modi govt builds 7.1 lakh toilets in January". Firstpost. मूल से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 जून 2017.
- ↑ "Saffron Agenda for Green Capitalism? - Swarajya". Swarajya. मूल से 18 अगस्त 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 जून 2017.
- ↑ "Swachh Bharat Abhiyan should aim to stamp out manual scavenging". मूल से 6 सितंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 जून 2017.
- ↑ Umesh IsalkarUmesh Isalkar, TNN (30 April 2013). "Census raises stink over manual scavenging". The Times of India. मूल से 20 अगस्त 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 September 2015.
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- ↑ Naidu picked up the broom to clean cyclone-hit port city of Visakhapatnam[मृत कड़ियाँ]
- ↑ "18 Telugu icons named ambassadors for Swachh Bharat". indiatoday.intoday.in. मूल से 14 दिसंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2016-06-01.
- ↑ "18 Telugu People as Swachh Bharat Ambassadors | 9 people each in AP and Telangana as Swachh Bharat Ambassadors". Andhra Pradesh Political News, Telugu Cinema News - APToday (अंग्रेज़ी में). 2015-01-05. मूल से 4 अगस्त 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2016-06-01.
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- ↑ कार्टूनिस्ट शेखर गुरेरा को ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया Archived 2018-02-02 at the वेबैक मशीन पंजाब केसरी, 31 January 2018.
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- ↑ "Swachh Bharat campaign is beyond politics, PM Narendra Modi says". The Times of India. मूल से 3 अक्तूबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 October 2014.
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- ↑ "Cleanliness ranking for 73 cities is out. Mysuru cleanest, Modi's Varanasi among dirtiest", India Today, 15 February 2016, मूल से 27 जून 2017 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 7 जून 2017
- ↑ "Chandigarh Declared Second Cleanest City of India in 2016 Swachh Bharat Survey", Chandigarh Metro, मूल से 16 अक्तूबर 2016 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 7 जून 2017
- ↑ Nagaon topped 8th cleanest city in India, मूल से 6 जून 2017 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 7 जून 2017
- ↑ "स्वच्छता सर्वेक्षण 2019: इंदौर तीसरी बार देश का सबसे स्वच्छ शहर, भोपाल और अहमदाबाद भी अव्वल". अमर उजाला. 06 मार्च 2019. मूल से 7 मार्च 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 दिसंबर 2019.
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद) - ↑ "Swachh Bharat-Swachh Vidyalaya Campaign". मूल से 28 अगस्त 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 जून 2017.