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स्पेशल फ्रंटियर फोर्स

स्पेशल फ्रंटियर फोर्स
स्थापना14 नवम्बर 1962 - वर्तमान
देशइंडिया
प्रकारपैराट्रूपर्स
भूमिकाप्राथमिक कार्य:
  • विशेष टोही,
  • सीधी कार्रवाई,
  • बंधक बचाव,
  • आतंकवाद विरोधी,
  • अपरंपरागत युद्ध,
  • गुप्त आपरेशनों.
विशालता10000 सक्रिय कर्मी
का भागरक्षा मंत्रालय
भारतीय सशस्त्र बल
Headquartersचकराता, उत्तराखंड, भारत
युद्ध के समय प्रयोग1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध
ऑपरेशन ब्लू स्टार
ऑपरेशन कैक्टस
ऑपरेशन पवन
कारगिल युद्ध (1999)
आपरेशन रक्षक
प्रयुक्त वायुयान
हैलीकॉप्टरएचएएल ध्रुव, एचएएल चेतक, एचएएल चीता, एचएएल लांसर, एम आई 17V-5
परिवहनगल्फस्ट्रीम III, 1125 आइएआइ एस्ट्रा

स्पेशल फ्रंटियर फोर्स का गठन 14 नवम्बर 1962 को किया गया था। यह भारत का एक विशेष अर्द्धसैनिक बल हैं। इसकी रचना का मुख्य उद्देश्य चीन की PLA ( People’s Libration Army) का सामना करना था, जिसमे यह ख़ुफ़िया जानकारी जुटाने से लेकर सीधे लडाई तक में शामिल होते हैं | इसमें भारत में रहने वाले तिब्‍बती शरणार्थियों को शामिल किया जाता है। उन्‍हें शुरू में इंटेलिजेंस ब्‍यूरो (IB), रिसर्च एंड एनालिसिस विंग(R&AW) और अमेरिका की सीआईए ने ट्रेनिंग दी थी। SFF में कम से कम पांच बटालियन हैं जिनमें माउंटेन वारफेयर में ट्रेन्ड 5,000 से 10,000 कमांडोज हैं, जो एलीट पैराट्रूपर्स भी हैं।

वैसे तो भारतीय सेना में कई तरह के स्पेशल फोर्सेस है, परन्तु यह 'स्‍पेशल फ्रंटियर फोर्स' (SFF) कुछ अलग है। जिनको विकास रेजिमेंट या 'इस्‍टैब्लिशमेंट 22' (टूटू) जैसे कई नामों से जाना जाता है। यह बल भारतीय थल सेना का हिस्सा नहीं है, परन्तु उन्ही के साथ मिलकर काम करती है। यह रेजिमेंट सीधे प्रधानमंत्री ऑफिस (पी एम ओ) द्वारा संचालित होती है, तथा पीएमओ को जबाबदेह होती है|

इसका मुख्य काम चीन की हरकतों पर ख़ुफ़िया नजर रखना और जरुरत पड़ने पर डायरेक्ट मिलिट्री एक्शन करना है| SFF में कोई डायरेक्ट भर्ती नहीं होती है, इनमे काम करने वाले, अन्य भारतीय फ़ौज में से लिए जाते हैं और उनसे 2-3 साल काम करा कर पुनः उनकी टुकड़ी में भेज दिया जाता है| इस बल को छापामार युद्ध और खुफिया सूचनाएं जुटाने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है|यह रॉ की ही एक शाखा हैं।

विशेष फ्रंटियर बल को देहरादून से 100 किलोमीटर बाहर चकराता में प्रशिक्षित किया जाता है। इनमे से कुछ स्पेशल की ट्रेनिंग लद्दाख में भी होती है| इस Special Frontier Force(SFF) को कई आधुनिक तकनीक के बारे में बताया व सिखाया जाता है। साथ ही साथ बहुत ही एडवांस तरीके की ट्रेनिंग दी जाती है, जिसमे इन्हें, पैराशूट से कूदना, ठन्डे पानी में तैरना, पहाड़ों पर चढ़ना अदि की ट्रेनिंग दी जाती है| इस फ़ोर्स को किसी भी हालत में लड़ने के लिए तैयार किया जाता है। खास कर ठंडी जगहों में कैसे अपने आप को सुरक्षित रख कर देश की सेवा की जाये। एसएफएफ के जवान बहुत ही चतुर, चालक और फुर्तीले होते हैं। [1]

सन्दर्भ

  1. "The curious case of establishment 22 - Hindustan Times". मूल से 11 जनवरी 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 अगस्त 2014.