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स्पेन के फ़िलिप पंचम

1739 में निर्मित चित्र

फ़िलिप पंचम (स्पेनी: Felipe, 19 दिसंबर 1683 - 9 जुलाई 1746) स्पेन के राजा थे। 1 नवम्बर 1700 से 14 जनवरी 1724 में अपने पुत्र लुई प्रथम के लिए राज-त्याग तक वह राजा रहे। फिर 6 सितम्बर 1724 में अपने पुत्र की मृत्यु होने पर 9 जुलाई 1746 तक अपनी मृत्यु तक इस पद पे बने रहे। अपने शासनकाल से पहले फिलिप फ्रांस के शाही परिवार में राजा लुई चौदहवें के पोते के रूप में शानदार स्थान रखते थे।

1700 में रिक्त होने पर स्पेन के सिंहासन के लिए उनके पिता, लुई, ग्रैंड डॉउफिन का सबसे मजबूत वंशावली का दावा था। हालांकि, न तो ग्रैंड डॉउफिन और न ही फ़िलिप के बड़े भाई, लुई, ड्यूक ऑफ बर्गंडी फ़्रांस के उत्तराधिकारी होने से विस्थापित हो सकते थे। इसलिये ग्रैंड डॉउफिन के मामा (फ़िलिप के दादा) स्पेन के राजा चार्ल्स द्वितीय ने फ़िलिप को अपनी वसीयत में अपना उत्तराधिकारी नामित किया। यह अच्छी तरह से ज्ञात था कि एक सम्राट के तहत फ्रांस और स्पेन का संघ यूरोप में शक्ति के संतुलन को बिगाड़ देगा और अन्य यूरोपीय शक्तियां इसे रोकने के लिए कदम उठाएंगी। ऐसा हुआ भी, स्पेन में फिलिप के राज्याभिषेक ने 13 वर्ष के युद्ध का बिगुल बजाया।

उट्रेच की सन्धि ने स्पेन के सिंहासन के लिए उनकी पुष्टि करते हुए फ्रांसीसी और स्पेनिश राज्यों को एकजुट करने की भविष्य की किसी भी संभावना को रोक दिया। फ़िलिप स्पेन के राजा के रूप में शासन करने के लिए हाउस ऑफ बॉरबन के पहले सदस्य थे। उनके दो शासनकाल का योग, 45 वर्ष और 21 दिन आधुनिक स्पेनिश इतिहास में सबसे लंबा है।

जीवनी

यूरोप के राजघरानों में स्थान

फ़िलिप का जन्म फ्रांस के वर्साय पैलेस में लुई, ग्रैंड डॉउफिन के दूसरे बेटे के रूप में हुआ था।[1] वह फ्रांस के सिंहासन के उत्तराधिकारी थे। फ़िलिप की माँ का नाम मारिया ऐना विक्टोरिया था।[2] फ़िलिप के बड़े भाई लुई, ड्यूक ऑफ बर्गंडी थे जो लुई पन्द्रहवें (भविष्य के फ्रांस के राजा) के पिता भी हुए। 1700 में, स्पेन के राजा चार्ल्स द्वितीय नि: संतान ही गुजर गए। चूँकि फ़िलिप चार्ल्स की सौतेली बहन मारिया थेरेसा और लुई चौदहवें के पोते थे, उन्होंने अपनी वसीयत में उनको अपने उत्तराधिकारी के रूप में नामित किया। किसी भी संभावित इनकार पर, स्पेन का ताज फ़िलिप के छोटे भाई, ड्यूक ऑफ बेरी, फिर ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक चार्ल्स (जो बाद में पवित्र रोमन सम्राट चार्ल्स षष्टम बने) को पेश किया जाता।

फ़िलिप का स्पैनिश सिंहासन पर वंशावली से बेहतर दावा था क्योंकि उनकी स्पेनिश दादी और परदादी ऑस्ट्रिया के चार्ल्स के पूर्वजों की तुलना में वरिष्ठ थे।[2] हालांकि ऑस्ट्रियाई लोगों ने तर्क दिया कि फ़िलिप की दादी ने अपनी शादी के अनुबंध के हिस्से के रूप में अपने और अपने वंशजों के लिए स्पेनिश सिंहासन का त्याग कर दिया था। फ्रांसियों ने दावा किया था कि यह दहेज के आधार पर था जिसका भुगतान कभी नहीं किया गया।

फ्रांस में एक रॉयल काउंसिल की बैठक के बाद, जिसमें डॉउफिन ने अपने बेटे के अधिकारों के पक्ष में बात की, यह सहमति हुई कि फ़िलिप सिंहासन पर बैठेगा। लेकिन वह हमेशा के लिये अपने और अपने वंशजों का फ्रांस के सिंहासन पे दावे को त्याग देगा।

स्पेन के उत्तराधिकार का युद्ध

लुई चौदहवें की कार्रवाइयों ने अंग्रेजी, डच और ऑस्ट्रियाई लोगों के भय को बढ़ा दिया था। लगभग तुरंत स्पेनिश उत्तराधिकार का युद्ध शुरू हुआ। अन्य यूरोपीय शक्तियों में चिंता थी कि स्पेन और फ्रांस एक बॉरबन सम्राट के तहत एकजुट हो जाएंगे और इंग्लैंड, नीदरलैंड और ऑस्ट्रिया के ग्रैंड एलायंस के खिलाफ शक्तिशाली फ्रांस और कमजोर स्पेन के शक्ति संतुलन को बिगाड़ देंगे।[3] जर्मनी और इटली में अन्य महत्वपूर्ण लड़ाई के साथ युद्ध स्पेन और पश्चिम-मध्य यूरोप (लो कंट्रीज़) में केंद्रित था। लड़ाई के दौरान, लगभग 4,00,000 लोग मारे गए थे।[4]

फ़िलिप ने एक शर्त के तहत फ्रांस के उत्तराधिकार होने के अपने अधिकार को त्यागने का फैसला किया। इसके तहत स्पेनिश सिंहासन का उत्तराधिकारी उसकी पुरुष वंशावली तक सीमित रहेगा एवं केवल कोई पुरुष ना होने पर ही किसी महिला को जायेगा। युद्ध का समापन करने वाले उट्रेच की संधि की शर्तों के अनुसार, फ़िलिप को स्पेन के राजा के रूप में मान्यता दी गई थी। लेकिन स्पेन को मेनोरका और जिब्राल्टर को ग्रेट ब्रिटेन को; स्पैनिश नीदरलैंड्स, नेपल्स, मिलान और सार्डिनिया को ऑस्ट्रियाई हैब्सबर्ग्स को; और सिसिली और मिलान सावॉय को सौंपने के लिये मजबूर किया गया था।[5] इन नुकसानों ने यूरोप में स्पेनिश साम्राज्य को और भी कम कर दिया जो पहले से ही गिरावट में था।

पुत्र के लिये राजत्याग

14 जनवरी 1724 को फ़िलिप ने अपने सबसे बड़े बेटे सत्रह वर्षीय लुई को सिंहासन पर बैठा दिया। ऐसा उन्होंने क्यों किया यह ज्ञात नहीं है। एक सिद्धांत है कि फ़िलिप पंचम, लुई चौदहवें के एक वैध वंशज थे लेकिन उट्रेच की सन्धि द्वारा मामला जटिल किया गया था। इसमें फ्रांसीसी और स्पेनिश राज्यों के किसी संघ की मनाही थी। इस सिद्धांत का कहना है कि फ़िलिप पंचम को उम्मीद थी कि स्पेनिश सिंहासन को छोड़ने से वह सन्धि को दरकिनार कर सकते हैं और फ्रांसीसी सिंहासन पर बैठ सकते हैं। लेकिन लुई की 31 अगस्त 1724 को मैड्रिड में मृत्यु हो गई। उन्होंने केवल सात महीने शासन किया और कोई संतान नहीं छोड़ी। फ़िलिप वापस स्पेनिश सिंहासन पर बैठ गए।

मृत्यु

9 जुलाई 1746 को फ़िलिप की मृत्यु हो गई।[2] उनके दो और पुत्रों ने स्पेन के राजा के रूप में शासन किया। फरडीनैंड षष्टम (1746-1759) एवं चार्ल्स तृतीय (1759-1788)।

सन्दर्भ

  1. The New International Encyclopædia, p. 14. Published by Dodd, Mead and Company, 1903.
  2. Kamen, Henry. "Philip V of Spain: The King who Reigned Twice", Published by Yale University Press, 2001. ISBN 0-300-08718-7
  3. John B. Wolf, The Emergence of the Great Powers: 1685–1715 (1962)
  4. Matthew White. "Statistics of Wars, Oppressions and Atrocities of the Eighteenth Century". Users.erols.com. मूल से 8 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 August 2012.
  5. दुनिया भर के प्रत्येक देश का इतिहास हिंदी में. 2018. अभिगमन तिथि 27 जुलाई 2020.