स्पेक्ट्रमी विभेदन
किसी वर्णलेखी (स्पेक्ट्रोग्राफ) का स्पेक्ट्रमी विभेदन (spectral resolution) उस वर्णलेखी द्वारा विद्युतचुम्बकीय स्पेक्ट्रम के गुणधर्मों को विभेदित करने क्षमता का परिचायक है। गणितीय दृष्टि से प्रायः को स्पेक्ट्रमी विभेदन कहा जाता है। स्पेक्ट्रमी विभेदन, वर्णलेखी के विभेदन क्षमता (resolving power) से सम्बन्धित है-
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जहाँ तरंगदैर्घ्य का वह न्यूनतम अन्तर है जिसे तरंगदैर्घ्य पर विभेदित (distinguished) किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, स्पेस टेलिस्कोप इमेजिंग स्पेक्ट्रोग्राफ (STIS), 1000 नैनोमीटर के तरंगदैघ्य पर 0.17 नैनोमीटर तक के तरंगदैर्घीय गुणधर्मों में भेद कर सकता है; अतः इसका विभेदन 0.17 nm है तथा इसकी विभेदन क्षमता 5,900 होगी। उच्च विभेदन वाले वर्णलेखी का एक उदाहरण 'क्रायोजेनिक उच्च विभेदक इन्फ्रारेड इकेल स्पेक्ट्रोग्राफ' (Echelle Spectrograph) है जिसकी विभेदन क्षमता 100,000 है।[1]
सन्दर्भ
- ↑ "- CRIRES Instrument page at ESO". मूल से 2 दिसंबर 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 जनवरी 2019.