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स्नान

जवानी के फौब्बारे में स्नान का स्वप्न

पानी या किसी अन्य तरल में शरीर को डुबाकर या बिना डुबाये शरीर को धोना स्नान कहलाता है। स्नान कई प्रयोजनों के लिये किया जाता है; जैसे- स्वच्छता, धार्मिक अनुष्ठान, चिकित्सकीय कारण आदि।

लोग चॉकलेट, कीचड़, दूध, शम्पेन आदि में भी स्नान करते हैं। सूरज के प्रकाश में खुले बदन बैठना या लेटना भी स्नान (सूर्य स्नान) कहलाता है।

नहाना शरीर की स्वच्छता और स्वास्थ्य के लिए जरूरी होता है। यह एक महत्वपूर्ण हाइजीन क्रिया है जो हमारे दिनचर्या का महत्वपूर्ण हिस्सा है। नहाने से हमारी त्वचा की धूल, तेल, और अन्य निर्मित पदार्थों को साफ करने में मदद मिलती है, जो स्किन इंफेक्शन, दाद, और अन्य त्वचा समस्याओं के कारण बन सकते हैं।

नहाना रोजमर्रा की थकान और तनाव को दूर करने में भी मदद करता है। गर्म पानी से नहाने से शरीर के मांसपेशियों को आराम मिलता है और स्थिरता प्राप्त होती है। इसके साथ ही, यह मस्तिष्क को ताजगी और सक्रियता प्रदान करने में भी मदद करता है।

नहाने से शरीर की बदबू और थकान कम होती है, जो व्यक्ति को अच्छा महसूस कराता है और उसे आत्मविश्वास प्रदान करता है। साथ ही, यह सामान्य स्वच्छता और व्यक्तिगत देखभाल का हिस्सा होता है, जिससे आप अपने आप में स्वस्थ और सुरक्षित महसूस करते हैं।

इसलिए, नहाना स्वास्थ्य और हाइजीन के लिए जरूरी है। आपको नियमित रूप से नहाने की सलाह दी जाती है और इसे एक स्वस्थ जीवनशैली का हिस्सा बनाना चाहिए।

रोमन स्नानागर

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