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स्थिर चुम्बकिकी

स्थिर चुम्बकिकी (Magnetostatics / मैग्नेटोस्टैटिक्स) उन चुम्बकीय क्षेत्रों का अध्ययन है जहां विद्युत धाराएँ समय के साथ न बदल रही हों। यह स्थिरवैद्युतिकी (इलेक्ट्रोस्टैटिक्स) का चुंबकीय समतुल्य (एनालॉग) है, जहां आवेश स्थिर (अगतिशील) होते हैं। किन्तु स्थिर चुम्बकिकी के लिए चुम्बकन (मैग्नेटाइजेशन) का स्थिर (स्टैटिक) होना आवश्यक नहीं है।

जब विद्युत धाराएँ अपरिवर्ती नहीं होती हैं, किन्तु धाराएँ बहुत तेजी से प्रत्यावर्तित नहीं होतीं (currents do not alternate rapidly), उस स्थिति में भी स्थिर चुम्बकिकी एक अच्छा सन्निकटन (approximation) है, अर्थात उस स्थिति को 'स्थिर चुम्बकीय स्थिति' मानकर चुम्बकीय क्षेत्र की गणना की जाय तो प्राप्त परिणाम बहुत सीमा तक वास्तविक मान के निकट होगा।

स्थिर चुम्बकिकी, मैक्सवेल के समीकरणों का एक विशिष्ट रूप है

मैक्सवेल के समीकरणों से आरम्भ करते हुए, तथा यह मानते हुए कि आवेश या तो स्थिर हैं या एकसमान गति से चल रहे हैं, , हम पाते हैं कि ये मैक्सवेल के चार समीकरण दो विद्युत क्षेत्र के समीकरण एवं दो चुम्बकीय क्षेत्र के समीकरण में बदल जाते हैं।[1] यह भी कि, ये क्षेत्र, समय से स्वतंत्र हो जाते हैं और एक-दूसरे से भी स्वतन्त्र हो जाते हैं।

नीचे की सारणी में स्थिर चुम्बकिकी के दो समीकरण (डिफरेन्शियल और इन्टीग्रल दोनों रूपों में) दिए गए हैं।

नाम रूप
आंशिक अवकलसमाकलन (Integral)
गाउस का
चुम्बकत्व सम्बन्धी नियम
अम्पीयर का नियम

सन्दर्भ

इन्हें भी देखें