स्तूप
स्तूप (संस्कृत और पालि: से लिया गया है जिसका शाब्दिक अर्थ "ढेर" होता है) एक गोल टीले के आकार की संरचना है जिसका प्रयोग पवित्र बौद्ध अवशेषों को रखने के लिए किया जाता है। माना जाता है कभी यह बौद्ध प्रार्थना स्थल होते थे। महापरिनर्वाण सूत्र में महात्मा बुद्ध अपने शिष्य आनन्द से कहते हैं- "मेरी मृत्यु के अनन्तर मेरे अवशेषों पर उसी प्रकार का स्तूप बनाया जाये जिस प्रकार चक्रवर्ती राजाओं के अवशेषों पर बनते हैं- (दीघनिकाय- १४/५/११)। स्तूप समाधि, अवशेषों अथवा चिता पर स्मृति स्वरूप निर्मित किया गया, अर्द्धाकार टीला होता था। इसी स्तूप को चैत्य भी कहा गया है। स्तूप मंडल का पुरातन रूप हैं।[1]
इतिहास
अशोक के स्तूप
मौर्य शासक अशोक केेे काल में लगभग 84000 स्पुतो का निर्माण किया गया ।
भगवन्तम् उद्दिस्स छन्नवुतिकोतिधनम् विसज्जेत्वा असोकमहाराजा सकलजम्बुदीपे चतुरासीतिविहारसहस्सानि पतित्थापेसि, को पन वादो अञ्ञेसम् पूजाविसेसानन्ति।[2]
ह्वेन त्सांग को काफिस (काफिरस्तान) में भी अशोक के स्तूप मिले थे तथा जलालाबाद (उत्तर-पश्चिम में) और उदयन में भी ह्वेन त्सांग ने अशोक के स्तूपों को देखा था। ताम्रलिपी में भी सम्राट् का स्तूप मिला है। ताम्रलिपी (बंगाल) प्राचीन काल में एक प्रमुख बन्दरगाह था । दक्षिण के यात्री बहुधा इसी बन्दरगाह से सामुद्रिक यात्रा किया करते थे। ह्वेन त्सांग को एक और स्तूप समाताता की (ब्रह्मपुत्र का डेल्टा) राजनगरी में भी मिला था। इनके अलावा ह्वेन त्सांग ने कई अन्य अशोक स्तूपों को निम्न स्थानों पर पाये जानें पर वर्णन किया है[3] :
(१) पुण्यवर्धन (उत्तरी बंगाल)
(२) कर्नसुर्वन (वर्तमान वर्दवान)
(३) वीरभूम (ज़िले में)
(४) मुर्शिदाबाद (ज़िले में)
(५) चोल (प्रांत) - ह्वेन त्सांग को यहाँ अशोक का एक स्तूप मिला था।
(६) द्रविड़ - यहाँ भी ह्वेन त्सांग ने अशोक का निर्मित स्तूप देखा था। इन स्तूपों से भी साम्राज्य के विस्तार पर अच्छा प्रकाश पड़ता है।
चित्रदीर्घा
- गान्धार स्थित एक स्तूप जो चार स्तम्भों से घिरा हुआ है और जिनके शीर्ष पर शेर स्थापित हैं। (दूसरी शताब्दी ई)
- Shingardar stupa, Swat valley
- Amlukdara stupa, near Barikot, Swat
- Dro-dul Chorten - Gangtok, Sikkim
- सारनाथ स्थित धामेक स्तूप
- गोतेम्बा स्तूप, जापान
- Swayambhunath, also known as Monkey Temple, is an ancient religious complex atop a hill in the Kathmandu Valley, Nepal
- Ruwanwelisaya in the sacred city of Anuradhapura, Sri Lanka
- The rock cut and semi-brick construction ruins of Maha Chaitya(stupa) at Bojjannakonda, Andhra Pradesh, India
- Different architectural features that comprise Shwedagon Pagoda and similar Mon-style stupas, in Yangon, Myanmar
- Evolution of the Butkara stupa in Pakistan through the Mauryan, Indo-Greek, Indo-Scythian and Kushan periods
- A stupa at Dambulla golden temple, Sri Lanka
- Tissamaharama stupa seen across paddy fields in Tissamaharama, Sri Lanka
सन्दर्भ
- ↑ प्रेबिश & कियोंन, बौद्धधर्म एक परिचय, page 89
- ↑ "texts Tipitaka Pali (Latin script)".
- ↑ Bhagwatiprasad Panthari (2003). Ashok. पृ॰ 37.
- ↑ "ANCIENT STUPAS IN SRI LANKA – LARGEST BRICK STRUCTURES IN THE WORLD" (PDF). stupa.org. मूल (PDF) से 6 अप्रैल 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2011-07-29.