स्टेथोस्कोप
स्टेथॉस्कोप (Stethoscope) या परिश्रावक रोगी के रक्तसंचार की दशा का परीक्षण करने का उपकरण है।
फ्रांस के चिकित्सक रेते लैनेक ने 1816 ई. में उर-परीक्षण के लिए एक यंत्र की खोज की, जिसके आधार पर प्रचलित परिश्रावक का निर्माण हुआ है। आजकल प्राय: सभी चिकित्सक द्विकर्णीय यंत्र को ही उपयोग में लाते हैं। इसके दो भाग होते हैं, एक वक्षखंड जो घंटी या प्राचीर प्रकार का होता है तथा दूसरा कर्णखंड। ये दोनों रबर की नलिकाओं द्वारा जुड़े रहते हैं। हृदय, फेफड़े, आँत, नाड़ियाँ और वाहनियाँ आदि जब रोग से ग्रस्त हो जाती हैं तब चिकित्सक इसी यंत्र द्वारा उनसे निकली ध्वनि को सुनकर जानता है कि ध्वनि नियमित है या अनियमित। अनियमित ध्वनि रोग का संकेत करती है। इस यंत्र से ध्वनि तेज पड़ती है। रोगपरीक्षण में एक अच्छे परिश्रावक का होना अति आवश्यक है।
बाहरी कड़ियाँ
- The Auscultation Assistant, - "provides heart sounds, heart murmurs, and breath sounds in order to help medical students and others improve their physical diagnosis skills"
- BBC: Smart stethoscope for detecting kidney stones
- museum of historic medical artifacts
- Phisick Pictures and information about antique stethoscopes