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स्कीबाज़ी

ढलान या ऐल्पाइन स्कीबाज़ी
सन् १७६७ में बने चित्र में स्कैंडिनेविया में दो सामी लोग स्कीबाज़ी करते हुए

स्कीबाज़ी या स्की का खेल (skiing) बर्फ़ पर यात्रा करने की एक विधि है जिसमें पाँव के नीचे स्की (लकड़ी, धातु या प्लास्टिक के तंग तख़्ते) बांधकर उन्हें बर्फ़ पर फिसलाया जाता है। आधुनिक युग में यह एक प्रकार का खेल माना जाता है। इसमें ऐसे जूते पहने जाते हैं जो विशेष कुंडियों के ज़रिये नीचे स्कीओं से जुड़ जाते हैं। स्कीबाज़ी में अक्सर दोनों हाथों में सहारे के लिए एक-एक छड़ी (pole, पोल) पकड़ी जाती है।[1][2]

स्की खेल के प्रकार

आधुनिक स्की-बाज़ी चार प्रकार की होती है:

ढलान स्की-बाज़ी

ढलान स्की-बाज़ी (downhill skiing, डाउनहिल स्कीइंग) या ऐल्पाइन स्की-बाज़ी (alpine skiing, ऐल्पाइन स्कीइंग) - में स्की के तख़्ते पाँव के दोनों ओर (यानि उँगलियों की तरफ़ और एड़ी की तरफ़) जूते से जुड़ जाते हैं। पाँव और स्की एक दूसरे से स्वतन्त्र रूप से बिलकुल नहीं हिल सकते। इसका प्रयोग तेज़ी से ढलान से नीचे आने के लिए होता है।

मैदानी स्की-बाज़ी

मैदानी स्की-बाज़ी (cross-country skiing, क्रॉस​-कन्ट्री स्कीइंग) में जूता स्की से केवल उँगलियों की ओर ही जुड़ा होता है जबकि एड़ी स्वतन्त्र रूप से हिल सकती है। स्की-बाज़ इन स्कीओं को बर्फ़ पर फिसलाकर बड़े क्षेत्र पर यात्रा कर सकता है। रास्तें में थोड़ी बहुत ऊपर-नीचे की ढलानें भी हो सकती हैं लेकिन आमतौर पर वह पहाड़ी ढलानें नहीं होतीं जहाँ 'ऐल्पाइन स्कीबाज़ी' की जाती है।

टॅलमार्क स्की-बाज़ी

टॅलमार्क स्की-बाज़ी (Telemark skiing, टॅलमार्क स्कीइंग) ढलानों पर की जाती है लेकिन इसमें एड़ी आज़ाद होती है। जहाँ 'ऐल्पाइन स्कीबाज़ी' में एड़ी-उंगलियाँ दोनों बंधी होती हैं, वहाँ टॅलमार्क स्कीबाज़ी में एड़ी खुली होने से स्कीबाज़ कुछ हद तक मुड़ते हुए अपने घुटने टेक सकता है, जिस से ढलान पर नीचे जाते हुए मोड़ बहुत लचकीले और गहरे होते हैं।

स्की कूद

स्की कूद (ski jumping, स्की जमपिंग) में एक ढलान से तेज़ी से नीचे जाकर स्कीबाज़ हवा में उछल जाते हैं। इस खेल की प्रतियोगिता में जो उछलकर सबसे दूर पहुँचे उसी को विजेता माना जाता है।

इतिहास

इतिहासकारों का मानना है कि संभवतः विश्व में सबसे पहले स्कीबाज़ी का आविष्कार उत्तरी स्कैंडिनेविया के सामी लोगों ने किया था। प्राचीन ग्रंथों में सामियों को 'स्क्रिडफ़िन्नर' (skridfinner, σκριϑίψινοι) जैसे नाम भी दिए जाते थे, जिसका अर्थ 'स्कीबाज़ सामी' है।[3][4][5] आदिकाल में सामी और नोर्डिक लोग स्कीबाज़ी का प्रयोग शिकार, युद्ध और यातायात में किया करते थे। स्कीबाज़ी दर्शाने वाले सबसे पुराने चित्र लगभग ५००० ईसापूर्व काल के हैं और नॉर्वे के नोर्डलैंड क्षेत्र में मिले हैं। इनमें एक स्कीबाज़ को दर्शाया गया है, जिसनें सहारे के लिए केवल एक ही छड़ी पकड़ी हुई है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. How Important Are Ski Poles? Archived 2012-08-01 at the वेबैक मशीन, Accessed 18 दिसम्बर 2009.
  2. Maximizing Pole Glide Archived 2010-12-28 at the वेबैक मशीन, Accessed 16 जनवरी 2012.
  3. Olaus Magnus. 1555. "Historia de Gentibus Septentrionalibus" (History of the Nordic Peoples), published in Rome.
  4. Fridtjof Nansen. 1961. På ski over Grønland.
  5. Hartvig Birkely. 1994. I Norge har lapperne først indført skierne.