सौगंध (1991 फ़िल्म)
सौगंध | |
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सौगंध का पोस्टर | |
निर्देशक | राज एन सिप्पी |
लेखक | इकबाल दुर्रानी |
निर्माता | अशोक अडनानी |
अभिनेता | राखी गुलज़ार, अक्षय कुमार, शांतिप्रिया |
संगीतकार | आनंद-मिलिंद |
प्रदर्शन तिथियाँ | 25 जनवरी, 1991 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
सौगंध 1991 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसका निर्देशन राज सिप्पी ने किया और इसमें अक्षय कुमार और शांतिप्रिया मुख्य भूमिकाओं में हैं। यह अक्षय कुमार की पहली फिल्म है और शांतिप्रिया की पहली हिन्दी फिल्म है।
संक्षेप
चौधरी सारंग (मुकेश खन्ना) एक घमंडी और शक्तिशाली जमींदार है। वो किसी को उसे माला पहनाने नहीं देता है, क्योंकि माला पहनने के लिये सिर झुकाना पड़ता है और वो कभी अपना सिर नहीं झुकने देना चाहता है। उसकी एक छोटी बहन चाँद है, जिसे शिवा नाम के एक लड़के से प्यार हो जाता है। वो एक खेती करने वाले परिवार से होता है, जो अपने परिवार के साथ काफी हंसी-खुशी रहता है। जब सारंग को चाँद और शिवा के प्रेम के बारे में पता चलता है तो वो शिवा, चाँद और उसके सारे परिवार वालों को मार देता है। शिवा के परिवार में बस उसकी ननंद, गंगा ही बचती है। वो उस समय गर्भवती रहती है, और बेहोश हो जाती है। बाद में वो सौगंध लेती है कि वो सारंग का सिर झुका कर रहेगी और उसे चुनौती देती है कि उसका बेटा बड़ा हो कर उसकी बेटी से शादी करेगा। सारंग उसकी चुनौती मान लेता है और उससे ऐलान करता है कि ऐसा दिन आने पर वो उसके बेटे को मार देगा।
वो अपने बेटे का नाम शिवा (अक्षय कुमार) रखती है। वहीं सारंग के घर, चाँद (शांति प्रिया) का जन्म होता है। चाँद को एक निर्दयी इंसान के रूप में बड़ा किया जाता है। जब चाँद और शिवा मिलते हैं, तो चाँद उससे नफरत करते रहती है, पर बाद में दोनों को प्यार हो जाता है। रणबीर सिंह (पंकज धीर) भी चाँद से शादी करना चाहते रहता है, ताकि उसके द्वारा उसकी बेइज्जती हुई थी, वो उसका बदला ले सके। पर कई सारे नाटक होने के बाद अंत में चाँद और शिवा की शादी हो जाती है। लेकिन सारंग जैसा उस समय था, वैसा ही इस समय भी रहता है और अपना सिर झुकाने की जगह अपने आप को गोली मार लेता है।
मुख्य कलाकार
- राखी गुलज़ार — गंगा
- अक्षय कुमार — शिव
- शांतिप्रिया — चाँद
- बीना बैनर्जी — शांति
- कंवलजीत सिंह — गंगा का पति
- अमिता नाँगिया — चौधरी की बहन
- आशालता — गंगा की माँ
- के के राज — भीमा
- पंकज धीर — रणबीर सिंह
- मुकेश खन्ना — चौधरी
- पेंटल — बजरंगी
- सत्येन कप्पू — गंगा के ससुर
संगीत
सभी गीत समीर द्वारा लिखित; सारा संगीत आनंद-मिलिंद द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "तेरी बाहों में जीना है" | मुहम्मद अज़ीज़, अनुराधा पौडवाल | 7:43 |
2. | "तुझको है सौगंध" (शिवम शिवम) | अनुराधा पौडवाल | 4:58 |
3. | "मेरी नींद चुरा के ले गई" | उदित नारायण, अनुराधा पौडवाल | 6:30 |
4. | "हार गया दिल फरियाद करके" | प्रमिला गुप्ता, अनुराधा पौडवाल, अनूप जलोटा | 6:05 |
5. | "लैला को भूल जाएंगे" | मुहम्मद अज़ीज़, अनुराधा पौडवाल | 6:24 |
6. | "मेरा कहना मान सितमगर" | अनुराधा पौडवाल | 5:16 |