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सोंदा

सोंदा
Sonda
ಸೋಂದಾ
सोंदा is located in कर्नाटक
सोंदा
सोंदा
कर्नाटक में स्थिति
निर्देशांक: 14°43′59″N 74°48′54″E / 14.733°N 74.815°E / 14.733; 74.815निर्देशांक: 14°43′59″N 74°48′54″E / 14.733°N 74.815°E / 14.733; 74.815
देश भारत
प्रान्तकर्नाटक
ज़िलाउत्तर कन्नड़ ज़िला
जनसंख्या (2011)
 • कुल1,162
भाषा
 • प्रचलितकन्नड़
समय मण्डलभामस (यूटीसी+5:30)

सोंदा (Sonda) या सोधे (Sodhe) भारत के कर्नाटक राज्य के उत्तर कन्नड़ ज़िले में स्थित एक गाँव है।[1][2]

प्रागैतिहासिक शैलकला

सोंदा के समीप प्रागैतिहासिक शैलकला मिली है, जिसमें पत्थर को खोद व कुरेदकर चित्र बनाए गए हैं। इतिहासकारों के अनुसार यह प्रथम सहस्र ईसापूर्व में बनाए गए थे। इन चित्रों में चकोर व गोल आकृतियाँ दिखती हैं, जो भारत की आधुनिक रंगोली से मिलती-जुलती हैं।

इतिहास

सोंदा का एक दीर्घ इतिहास है। सन् 1555 में अरसप्पा नायक (1555-1598) ने सोंदा राज्य की स्थापना करी। यह एक जैन मुखिया थे। अगले दो सौ (1555–1763) वर्षों तक यहाँ सोंदा नायकों का राज रहा, और वे विजयनगर साम्राज्य के अधीन थे। उसके पश्चात जब 1565 में विजयनगर का पतन हुआ तो वह बहमनी सुल्तान आदिल शाह के अधीन आ गए। सन् 1598 में इनका देहांत हुआ। अपने जीवनकाल में इन्होंने वडिराज मठ की स्थापना करी, जो आज भी अस्तित्व में है। सन् 1674 में मराठा साम्राज्य के संस्थापक, छत्रपति शिवाजी, ने यहाँ आधिपत्य स्थापित करा, और यहाँ का राज फिर सोंदा के ततकालीन मुखिया, सदाशिव नायक, को सौंपा। सन् 1763 में मैसूर के सुल्तान, हैदर अली, ने सोंदा पर हमला किया और उसे पूरी तरह बरबाद कर दिया। सोंदा के अंतिम मुखिया, इम्मोदि सदाशिवराय, बचकर गोवा पहुँच गए। सोंदा का दुर्ग, जो सदाशिवगढ़ कहलाता है, खण्डहरावस्था में है। यहाँ पाँच तराशे हुए स्तम्भ हैं, जो लगभग तीन मीटर लम्बे हैं और सोंदा महल के अवशेष है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ