सैम्युअल यूसुफ एगनन
सैम्युअल यूसुफ एगनन | |
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जन्म | सैम्युअल यूसुफ हलेवी कज्जाक 17 जुलाई 1888 पोलैंड |
मौत | फ़रवरी 17, 1970 यरूसलम, इजराइल | (उम्र 81)
पेशा | लेखन |
भाषा | यीड्डिश[1] एवं हिब्रू |
राष्ट्रीयता | इस्त्रायली |
जीवनसाथी | Esther Marx |
सैम्युअल यूसुफ एगनन (1858-1940) इज़राइल के कथाकार एवं कवि थे। 1966 ई० में जर्मन मूल की स्वीडिश कवयित्री नेल्ली साख्स के साथ साहित्य में नोबेल पुरस्कार विजेता।
जीवन-परिचय
सैम्युअल यूसुफ एगनन का जन्म 17 जुलाई, 1818 को पोलैंड में हुआ था, परंतु वे बाद में इजरायल आकर यीड्डिश भाषा में लिखने लगे थे।[1] आधी शताब्दी के लगभग वे इजरायल में रहे और बहुत सा समय उन्होंने जर्मनी में एक यहूदी अध्यात्मवादी फिरके हस्सीडिम से संबंधित रब्बियों की कहानियाँ खोजने में लगाया। इन विभिन्न परिस्थितियों में रहकर उन्होंने जो कुछ देखा, सहा और सोचा, उनका लेखन में उपयोग किया।[2]
एगनन की प्रारंभिक शिक्षा यहूदियों के प्राथमिक स्कूल हेडर में हुई, जहाँ उन्होंने बाइबिल और तालमुद का अध्ययन किया। यह शिक्षा 3 वर्ष की अवस्था से 9 वर्ष की अवस्था तक हुई। पिता ने घर पर ही उनका परिचय यहूदी धार्मिक साहित्य से करवा दिया था। माता ने उन्हें जर्मन साहित्य से परिचय कराया। एगनन ने जर्मन भाषा का अध्ययन भी किया।[2] इसके साथ ही उन्होंने हिब्रू और स्कैंडिनेवियाई देशों के साहित्य का भी अध्ययन किया।
रचनात्मक परिचय
एगनन ने साहित्य-रचना मुख्यतः अपनी मातृभाषा यीड्डिश में ही की।[2] यीड्डिश के अतिरिक्त उन्होंने हिब्रू में भी लिखा। जब वे फिलिस्तीन गये थे तो हिब्रू में लिखने लगे थे। आधुनिक हिब्रू साहित्य में भी एगनन का स्थान बहुत ऊँचा है और उनके साहित्य को हिब्रू का क्लासिक माना जाता है। उनकी कहानियों में यथार्थ के साथ अध्यात्म की अद्भुत कल्पनाओं का अनोखा मेल है और उनकी जड़ें प्राचीन और मध्ययुगीन धार्मिक साहित्य में दिखती हैं। यरूसलम में एगनन को बहुत सम्मानित व्यक्ति माना जाता था। जहाँ वे रहते थे उस सड़क के किनारे एक बोर्ड टँगा था, जिस पर लिखा था शांत रहें, एगनन लिख रहे हैं।[3] राज्य की ओर से उन्हें कई बार पुरस्कृत भी किया गया था।
प्रमुख प्रकाशित पुस्तकें
- द स्लोप्स टर्न इनटु प्लेन्स
- ए गेस्ट फाॅर द नाइट - 1939
- द ब्राइडल कैनोपी - 1937
- इन द हार्ट ऑफ द सीज
- द डे बिफोर यस्टरडे - 1945