सुराबया
सुराबया पूर्वी जावा प्रांत की राजधानी और इंडोनेशिया को दूसरा सबसे बड़ा नगर है।[1] यह तटीय नगर है जिसके नाम के बारे में ऐतिहासिक कथाओं का ज़िक्र मिलता है। सुराबया को 'वीरों के शहर' के नाम से भी जाना जाता है। सुराबया का युद्ध इंडोनेशियाई राष्ट्रीय क्रांति के समय इंडोनेशियाई स्वतंत्रता के लिए समर्थन जुटाने में महत्वपूर्ण रहा।
यह रेल मार्ग से राजधानी जकार्ता और सड़क मार्ग से जोगजकार्ता तथा बाली द्वीप से जुड़ा हुआ है। यहाँ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भी है।
व्युत्पत्ति
एक स्थानीय मिथक के अनुसार, सुराबया (सुरोबॉयो) शब्द का उद्गम दो शब्दों से हुआ है- सुरो, अर्थात शार्क और बॉयो अर्थात मगरमच्छ। इस मिथक के अनुसार इन दोनो प्राणियों के बीच 'सबसे शक्तिशाली प्राणी' होने का खिताब पाने के लिए लड़ाई हुई। कहा जाता है की दोनो प्राणियों ने अपने संघर्ष पर विराम लगाने का निर्णय लिया और अपने वर्चस्व की सीमाएँ निर्धारित कीं- कि शार्क का इलाक़ा समुद्र में होगा और मगरमच्छ का इलाक़ा ज़मीन पर होगा। एक दिन शार्क ने शिकार करने के लिए नदी के मुहाने में प्रवेश कर लिया और इस कारणवश मगरमच्छ नाराज़ हो गया। शार्क ने यह तर्क लगाया कि नदी पानी का क्षेत्र था और इसलिए उसका नदी में आना उचित था। परंतु मगरमच्छ का कहना यह था की नदी मीलों तक ज़मीन से लग कर बहती थी। इस बात पर फिर एक बार दोनो प्राणियों के बीच लड़ाई शुरू हुई। अंत में मगरमच्छ ने शार्क को बुरी तरह काट लिया और शार्क को समुद्र की ओर भागना पड़ा। इस प्रकार मगरमच्छ ने दोबारा नदी के मुहाने क्षेत्र (जो कि आज सुराबया शहर है) पर वर्चस्व जमाया।
सन्दर्भ
- ↑ "Risma unlikely to be challenged" (अंग्रेज़ी में). जकार्ता पोस्ट. मूल से 21 जून 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २१ जून २०१५.