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सुरजीत पातर

सुरजीत पातर

पंजाबी कवि सुरजीत पातर
जन्म 14 जनवरी 1945
पत्तड कलां, पंजाब, भारत
मौत 11 मई 2024(2024-05-11) (उम्र 79)
लुधियाना, पंजाब, भारत
शिक्षा साहित्य में पी.एच.डी
पेशा लेखक, कवि
प्रसिद्धि का कारणपंजाबी काव्य

सुरजीत पातर (गुरमुखी: ਸੁਰਜੀਤ ਪਾਤਰ;14 जनवरी 1945–11 मई 2024)[1] पंजाब के एक प्रसिद्ध पंजाबी भाषा के कवि है। उनकी कविताओं को आम जनता में भारी लोकप्रियता प्राप्त हुई है और आलोचकों ने उनकी उच्च प्रशंसा की है।[2]

उनका जन्म जालंधर जिले के पातर गांव में 14 जनवरी, 1945 हुआ था। वहां से निकलकर वे कपूरथला पहुंचे। वहां के रणधीर कॉलेज से स्नातक किया। इसके बाद पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला से स्नातकोत्तर और फिर गुरु नानक देव विश्वविद्यालय से 'गुरु नानक वाणी में लोककथाओं के परिवर्तन' विषय पर शोध किया। वे लुधियाना में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय से पंजाबी के प्रोफेसर के रूप में सेवानिवृत्त हुए।

पातर की कविताओं में हमारे समय के मनुष्य ने, उसकी इच्छा, आकांक्षा और संघर्षों, बहुत सी भावनाओं ने वाणी पायी है। उन्होंने हमारे समय के आम मनुष्य की, चाहे वह किसान हो या मजदूर के कहे-अनकहे अहसासात को कविता का रूप दिया। वह केवल इन्हीं के नहीं बल्कि उन कवियों की वाणी को भी स्वर दे रहे थे, जो लिखना चाह कर भी लिख नहीं पाती थी।

सन्दर्भ

  1. Tomar, Nancy. "Dr. Surjit Patar कौन? जिनके निधन से साहित्य जगत में पसरा मातम". News24 Hindi. अभिगमन तिथि 2024-05-11.
  2. Singh, Surjit (Spring–Fall 2006). "Surjit Patar: Poet of the Personal and the Political". Journal of Punjab Studies. 13 (1): 265. His poems enjoy immense popularity with the general public and have won high acclaim from critics. |access-date= दिए जाने पर |url= भी दिया जाना चाहिए (मदद)