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सुबह...दोपहर...शाम

सुबह...दोपहर...शाम कमलेश्वर का एक उपन्यास है। इस उपन्यास में आजादी पूर्व के भारतीय गाँव का संघर्ष पूर्ण जीवन चित्रित किया है