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सुतीक्ष्ण

सुतीक्ष्ण

स्टॉकहोम, स्वीडन में शाही नाटकीय रंगमंच के अग्रभाग पर ट्रैजिक मास्क

सुतीक्ष्ण हिंदुओं के एक ऋषि थे। वनवास के दौरान प्रभु श्री राम इनके आश्रम मे रुके थे।[1] सुतीक्ष्ण भक्त ऋषि अगस्त्य के शिष्य थे और ऋषि अगस्त्य के आश्रम में ही रहते थे और शिक्षा ग्रहण करते थे मगर अध्ययन में कमजोर थे उन्हें शिक्षा से ज्यादा अच्छा गाय चराना लगता था क्योंकि बहुत भोले थे और साफ मन के थे मगर गुरु भक्ति उनके मन में कुट कूट के भरी हुई थी सुतीक्ष्ण भक्त की कथा[मृत कड़ियाँ]


सन्दर्भ

  1. अजय अटपटू (२०१५). छत्तीसगढ़ के लोकजीवन मे राम. वाणी प्रकाशन. पपृ॰ १७७. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9352290933. अभिगमन तिथि २५ मई २०१७.