सुकेश
सुकेश महर्षि कश्यप के वंश में जन्मा एक राक्षस था। सुकेश के पिता का नाम विद्युतकेश और माता का नाम सालकंटका था। राक्षस जाति में एक यही राक्षस था जो शिवपुत्र कहलाया।
जन्म
महर्षि कश्यप ने दक्षपुत्री सुरसा से विवाह किया। विवाह के कुछ समय बाद सुरसा ने गर्भ धारण कर हेति और प्रहेति नामक दो पुत्र को जन्म दिया। ये दोनों बचपन से ही बड़े वीर और ज्ञानी थे। हेति की रुचि राजपाट में अधिक थी तो वहीं प्रहेति की रुचि अधिक सन्यास में थी। प्रहेति ने आगे संन्यासी का जीवन जिया और हेति ने यमराज की पुत्री भया से विवाह किया। भया के गर्भ से उसका विद्युत्केश नामक पुत्र हुआ। विद्युत्केश ने संध्या की पुत्री सालकंटका से विवाह किया। सालकंटका के गर्भ से उसे सुकेश नामक पुत्र हुआ।
लालन पालन
विद्युत्केश ने अपने पुत्र को जन्म लेते ही त्याग दिया। उसी समय वहां से माता पार्वती और भगवान शिव गुजर रहे थे। भगवान शिव और माता पार्वती को उस शिशु पर दया आ गई और माता पार्वती ने उसका पालन पोषण किया और सुंदर केश होने के कारण उसे सुकेश नाम दिया।
संतान
सुकेश के तीन पुत्र हुए -: माल्यवान , माली और सुमाली
इनमें सुमाली का दौहित्र ही असुर राज रावण हुआ।