सीकर
{{Infobox settlement सीकर मे जाट समाज का प्रभुत्व है यहाँ कई जाट राजाओ ने सासन किया है। |name = सीकर |other_name = Sikar |image = Harshnath Temple Sikar outer view.JPG |image_caption = सीकर का 973 ईसवी में निर्मित हर्षनाथ मंदिर |pushpin_label = सीकर |pushpin_map = India Rajasthan |coordinates = 27°37′N 75°09′E / 27.62°N 75.15°Eनिर्देशांक: 27°37′N 75°09′E / 27.62°N 75.15°E |pushpin_map_caption = राजस्थान में स्थिति |subdivision_type = देश |subdivision_name = भारत |subdivision_type1 = प्रान्त |subdivision_name1 = राजस्थान |subdivision_type2 = ज़िला |subdivision_name2 = सीकर ज़िला |area_total_km2 = 26.57 |elevation_m = 427 |population_total = 474897 |population_as_of = 2021 |demographics_type1 = भाषा |demographics1_title1= प्रचलित |demographics1_info1= हिन्दी, मारवाड़ी |timezone1 = भामस |utc_offset1 = +5:30 |postal_code_type = पिनकोड |postal_code = 332001 |area_code_type = दूरभाष कोड |area_code = 91-1572 |registration_plate = RJ-23 |website = www
विवरण
सीकर शहर शेखावाटी के प्रवेश द्वार या हृदय स्थल के नाम से जाना जाता है। सीकर एक एतिहासिक शहर है जहाँ पर कई हवेलियां (बड़े घर जो की अपने भिती चित्रों और वास्तुकला के लिए प्रख्यात हैं) है जो कि मुख्य पर्यटक आकर्षण हैं। सीकर ज़िले के उत्तर में झुन्झुनू, उत्तर-पश्चिम में चूरू, दक्षिण-पश्चिम में नागौर और दक्षिण-पूर्व में जयपुर जिले की सीमाएँ लगती हैं।
आवागमन
सीकर राष्ट्रीय राजमार्ग 52 पर आगरा और चुरू के बीच में स्थित है।
पर्यटन स्थल
- राजकीय संग्रहालय
- हर्षनाथ मंदिर
- जीण माता मंदिर
- लोहार्गल
- खाटूश्यामजी
- सकराय माता राजस्थान
- सालासर बालाजी
- गणेेेश्वर धाम
- टपकेश्वर धाम (दरीबा)
- बालेश्वर धाम (दरीबा)
- तुरी का भेेरुजीव
- श्री बालाजी मन्दिर , रामपुरा
- श्री राम कुण्ड बाबा मन्दिर,बनाथला
- देवगढ़ का किला
- लक्ष्मणगढ़ का किला
- गढ़ गुहला सीकर
- बराल किला रानोली सीकर
खाटू श्याम जी मंदिर
भीम के पौत्र और घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक के बारे में सभी जानते हैं कि वह मात्र तीन बाण ही लेकर युद्ध क्षेत्र में लड़ने जा रहे थे। इसलिए भगवान श्रीकृष्ण ने ब्राह्मण के भेष में उनसे दान में उनका शीश मांग लिया था। दान के पश्चात् श्रीकृष्ण ने बर्बरीक को कलियुग में स्वयं के नाम से पूजित होने का वर दिया। बर्बरीक ने श्रीकृष्ण के समक्ष एक यह इच्छा भी व्यक्त की कि मैं यह युद्ध देखना चाहता हूं तब श्रीकृष्ण ने उसकी इच्छा से उस शीश को श्रीकृष्ण ने एक स्थान पर रखवा दिया लेकिन वह जिधर भी देखता उधर की सेना का सफाया हो जाता ऐसे में श्रीकृष्ण ने उसके शीश को दूर एक स्थान पर रखवा दिया। आज उस स्थान को खाटू श्याम का स्थान कहा जाता है। श्रीकृष्ण के वरदान स्वरूप ही उनकी पूजा श्याम रूप में की जाती है। राजस्थान के शेखावाटी के सीकर जिले में स्थित है परमधाम खाटू। खाटू का श्याम मंदिर बहुत ही प्राचीन है, लेकिन वर्तमान मंदिर की आधारशिला सन 1720 में रखी गई थी। इतिहासकार पंडित झाबरमल्ल शर्मा के अनुसार सन 1679 में औरंगजेब की सेना ने इस मंदिर को नष्ट कर दिया था। मंदिर की रक्षा के लिए उस समय अनेक राजपूतों ने अपना प्राणोत्सर्ग किया था।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ "Lonely Planet Rajasthan, Delhi & Agra," Michael Benanav, Abigail Blasi, Lindsay Brown, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012332
- ↑ "Berlitz Pocket Guide Rajasthan," Insight Guides, Apa Publications (UK) Limited, 2019, ISBN 9781785731990