सिमी
सिमी (SIMI) या स्टुडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ इंडिया (हिन्दी अनुवाद: भारत में छात्र इस्लामिक आंदोलन) भारत में प्रतिबंधित एक मुसलिम संगठन है। इसका गठन 25 अप्रैल 1977 को अलीगढ़, उत्तर प्रदेश में हुआ है। इसके अनुसार इनका ध्येय 'भारत में प्राचिन सांस्कृतिक प्रभाव को समाप्त कर इसे एक इस्लामिक समाज में रूपांतरित करना है'।[1] कट्टरपंथी संगठन सिमी ने भारत के खिलाफ जिहाद की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य भारत में दार-उल-इस्लाम (इस्लाम की भूमि) की स्थापना करना है, या तो सभी को जबरदस्ती इस्लाम में परिवर्तित कराके या हिंसा करके।[2] भारत सरकार ने 2001 के 9/11 हमले के बाद से इसे एक संगठन घोषित कर इस पर प्रतिबन्ध लगा रखा है।[3] प्रतिबंध को अगस्त 2008 में एक विशेष न्यायाधिकरण द्वारा हटा लिया गया था, लेकिन तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश के.जी. बालाकृष्णन ने 6 अगस्त 2008 को राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर इस पर फिर से प्रतिबन्ध लगा दिया। सिमी की विचारधारा और इसके उद्देश्य भारत के लोगों में भय और आक्रोश पैदा करने वाली हैं। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी अपने भाषणों में सिमी का जिक्र किया है, इसका एक उदाहरण यहाँ क्लिक करके देखा जा सकता है।
सिमी भारत में आतंकवादी गतिविधियों में अपनी भागीदारी के लिए 2002 में भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था। हालांकि, अगस्त 2008 में, एक विशेष न्यायाधिकरण में सिमी पर प्रतिबंध हटा लिया। ये प्रतिबंध बाद में भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 6 अगस्त 2008 को बहाल किया गया। सिमी को अनलॉफुल ऐक्टिविटीज प्रिवेंशन ऐक्ट 1967 (यूएपीए) के तहत प्रतिबंधित किया गया था। सिमी 2019 तक प्रतिबंधित रहा। फरवरी 2019 में, भारत सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत पांच और वर्षों के लिए सिमी पर प्रतिबंध बढ़ा दिया, यह प्रतिबंध 1 फरवरी, 2019 से शुरू होकर अगले पांच साल लागू रहेगा। इस संगठन की उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्य प्रदेश, गुजरात, केरल, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में मजबूत उपस्थिति है। कई जानकारों का मानना है कि प्रतिबंध लगने के बाद सिमी इंडियन मुजाहिदीन नाम से भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता है।[4]
पृष्ठभूमि
सिमी की स्थापना 25 अप्रैल 1977 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुई थी। शुरुआत में सिमी को जमात-ए-इस्लामी हिंद (JIH) के स्टूडेंट विंग के रूप में जाना जाता था। JIH इस्लाम को 'वे ऑफ लाइफ' मानता है जिसका शुरुआती मकसद भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने का था लेकिन अब JIH सेक्युलर स्टेट की बात करता है। सिमी को मोहम्मद अहमदुल्लाह सिद्दिकी की ईजाद माना जाता है। सिद्दिकी अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी में मीडिया स्टडीज के प्रफेसर थे।[4] 1981 में सिमी कार्यकर्ताओं ने भारत की यात्रा पर आये पीएलओ नेता यासिर अराफात के खिलाफ दिल्ली में विरोध किया, और उन्हें काले झंडे दिखाये। [3]
घंटनाएँ
- 2006: सिमी कार्यकर्ता नूरूलहुदा को 2006 मालेगाँव धमाके मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
- 2008: 7 दिसंबर को सिमी के सरगना सफदर नागोरी, आमिल परवाज, शिवली सहित 10 कार्यकर्ताओं को मध्य प्रदेश की स्पेशल पुलिस टास्क फोर्स ने गिरफ्तार किया।
5 अगस्त- दिल्ली हाईकोर्ट ने सिमी से प्रतिबंध हटा लिया था। इसके बाद 6 अगस्त को फिर सुप्रीम कोर्ट ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया था। 13 सितंबर- दिल्ली में सीरियल ब्लास्ट हुए जिसमें कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई और 90 लोग घायल हुए।
- 2012:
सरकार ने सिमी पर दो साल के लिए प्रतिबंध बढ़ा दिया।
- 2015:
7 अप्रैल- सिमी के पांच आतंकवादियों को तेलंगाना के नलगोंडा जिले में पुलिस ने मार गिराया गया। पुलिस के मुताबिक, इन आरोपियों को अदालत में सुनवाई के लिए हैदराबाद लाया जा रहा था। इस दौरान रास्ते में पांचों ने भागने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने गोलियां चलाईं और इन्हें मार गिराया। इन पांचों आतंकवादियों को हैदराबाद में पुलिसकर्मियों पर सिलसिलेवार हमलों के बाद 2010 में गिरफ्तार किया गया था।
- 2016: भोपाल की सेंट्रल जेल से आठ सिमी आतंकी फरार हो गए। इसके बाद पुलिस ने उन्हें मार गिराया। इसी साल 2016 में मालेगांव ब्लास्ट मामले में नूरूलहुदा सहित 8 आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया। [5]
सन्दर्भ
- ↑ "Students Islamic Movement of India (SIMI)". मूल से 12 सितंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 August 2012.
- ↑ "Students Islamic Movement of India (SIMI)". मूल से 12 सितंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 August 2012.
- ↑ अ आ "Students Islamic Movement of India (SIMI)". मूल से 12 सितंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 31 October 2016.
- ↑ जानें- किस-किस आतंकी हमले से जुड़े हैं सिमी के नाम, क्या है ये संगठन? Archived 2016-11-03 at the वेबैक मशीन - एबीपी न्यूज़ - 31 अक्टूबर 2016