सिन्हा पुस्तकालय
सिन्हा पुस्तकालय पटना का एक सार्वजनिक पुस्तकालय है। इसकी स्थापना १९२४ में सच्चिदानन्द सिन्हा ने की थी। इसका मूल नाम 'श्रीमती राधिका सिन्हा संस्थान एवं सच्चिदानन्द सिन्हा पुस्तकालय' था। १९५५ में राज्य सरकार ने इसे अपने अधिकार में ले लिया।[]
पुस्तकालय की विशेषता
सिन्हा पुस्तकालय की लाइब्रेरियन एस़ फजल बताती हैं कि वर्तमान समय में यहां एक लाख 80 हजार पुस्तकें हैं। वह कहती हैं कि प्रत्येक वर्ष बिहार सरकार द्वारा इस लाइब्रेरी को 20 लाख रुपये के करीब मिलते हैं, जिसमें से 75 हजार रुपये किताबों पर और करीब 36 हजार रुपये पत्रिकाओं पर और शेष राशि वेतनादि पर खर्च किए जाते हैं। वह कहते हैं कि यहां प्रतिदिन 15 अखबार और प्रत्येक महीने 27 पत्रिकाएं आती हैं।[1]
सन्दर्भ
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 6 मई 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 जून 2014.
बाहरी कडियाँ
- क्या यह इस महान पुस्तकालय का अंत है?[मृत कड़ियाँ] (बिहार खबर)
- Sinha library a victim of neglect (टाइम्स ऑफ इण्डिया)