सिंध डाक
| सिंध डाक | |
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1852 की लाख लगी सिंध डाक डाक टिकट | |
| उत्पादन करने वाला देश | भारत अब पाकिस्तान |
| उत्पादन स्थल | दे ला रू, लंदन द्वारा ठप्पा बनाया गया। |
| उत्पादन तिथि | 1852 |
| दुर्लभता की प्रकृति | अति दुर्लभ |
| अनुमानित अस्तित्व | 100 से कम |
| अंकित मूल्य | डेढ़ आना |
| अनुमानित मूल्य | |
सिंध डाक, एक प्राचीन भारतीय डाक प्रणाली और एशिया की पहली चिपकने वाली डाक टिकट का नाम है, जिसे ब्रिटिश शासन के दौरान उसके अन्तर्गत आने वाले समूचे दक्षिण एशियाई क्षेत्रों मे प्रयोग किया जाता था। डाक टिकट का नाम सिन्ध डाक तत्कालीन भारत के सिन्ध इलाके मे प्रयोग में आने वाली डाक प्रणाली जिसे हिन्दी में डाक कहा जाता है, के नाम पर रखा गया था जिसमें हरकारे डाक लेकर दौड़ा करते थे और उनका भुगतान उनके द्वारा तय की गयी कुल दूरी और उठाई गयी कुल डाक के अनुसार किया जाता था।