साहिबगंज
साहिबगंज Sahibganj ᱥᱟᱦᱮᱵᱽᱜᱚᱸᱡᱽ | |
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ऊपर से दक्षिणावर्त: राजमहल पहाड़ियाँ, मोती झरना, राजमहल वन, जामा मस्जिद, साहिबगंज नदी बंदरगाह | |
साहिबगंज झारखंड में स्थिति | |
निर्देशांक: 25°15′N 87°39′E / 25.25°N 87.65°Eनिर्देशांक: 25°15′N 87°39′E / 25.25°N 87.65°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | झारखण्ड |
ज़िला | साहिबगंज ज़िला |
ऊँचाई | 16 मी (52 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 80,154 |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | हिन्दी, संथाली, बांग्ला, खोरठा |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 816109 |
दूरभाष कोड | 06436 |
वाहन पंजीकरण | JH-18 |
वेबसाइट | sahibganj |
साहिबगंज (Sahibganj) या साहेबगंज (Sahebganj) भारत के झारखण्ड राज्य के साहिबगंज ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय है। साहिबगंज के उत्तर में गंगा नदी और दक्षिणी सीमा पर राजमहल पहाड़ियाँ हैं।[1][2]
जनसांख्यिकी
साहिबगंज जिला राज्य में जनसंख्या के आधार पर तेरहवें स्थान एवं दसवर्षीय (2001-11) जनसंख्या वृद्धि दर के हिसाब से भी 24 जिलो में तेरहवें स्थान पर है। 1000 पुरुष पर 952 स्त्री के लिंग अनुपात के साथ, यह राज्य में पंद्रहवीं स्थान पर है। जिले में नौ ब्लॉक, अर्थात् साहिबगंज, मंड्रो, बोरियो, बरहाइट, तलझारी, राजमहल, उधवा, पाठना और बरारवा शामिल हैं। जनगणना 2011 के अनुसार, जिले में तीन विधानसभा क्षेत्रों में 1349 गांव और 8 कस्बों का वितरण किया गया है। जनगणना 2011 के आंकड़ों से संकेत मिलता है कि अनुसूचित जाति आबादी का प्रतिशत हिस्सा कुल जनसंख्या में 6.29% था जबकि अनुसूचित जनजातियों की संख्या 26.8% प्रतिशत थी। जनगणना 2011 में कुल ग्रामीण परिवारों की संख्या और 2010-11 के बीपीएल संशोधन सर्वेक्षण के आधार पर ग्रामीण इलाकों में बीपीएल परिवारों का प्रतिशत 86.03% है।
विवरण
साहिबगंज जिला मुख्य रूप से जनजातीय आबादी के साथ संथाल परगना विभाजन का हिस्सा है और विभाजन की पूर्वी सबसे अधिक युक्ति बनाता है। पुराने संथाल परगना जिले के राजमहल और पाकुर उपखंड 17 मई, 1983 को साहिबगंज जिले बनाने के लिए तैयार किए गए थे। इसके बाद साहिबगंज जिले के पाकुर उप-मंडल को 28 जनवरी, 1994 को पाकुर जिला बनाने के लिए तैयार किया गया था। इस जिले में सोशल मीडिया भी बहुत लोग दिलचस्पी रखते हैं । यूट्यूब पर इस जिले से रीइंवेंट टीवी इंडिया चैनल भी है और कई चैनल हैं। इस जिले में दो प्रमुख धार्मिक स्थल शिवगादी धाम (बाबा गजेश्वरनाथ धाम) तथा मोतीझरना (बाबा मोतीनाथ धाम) हैं। मोतीनाथ धाम के जलप्रपात की ऊँचाई 90 फीट है। साथ ही यह पर्यटन का उभरता हुआ बड़ा केंद्र हैं। यहाँ प्रतिदिन झारखंड, बंगाल तथा बिहार से आने वाले सैलानियों का ताता लगा रहता है।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ "Tourism and Its Prospects in Bihar and Jharkhand Archived 2013-04-11 at the वेबैक मशीन," Kamal Shankar Srivastava, Sangeeta Prakashan, 2003
- ↑ "The district gazetteer of Jharkhand," SC Bhatt, Gyan Publishing House, 2002