सावाजी कोली
सावाजी कोली अहमदनगर सल्तनत की सेना के सेनापति थे।[1][2] सल्तनत के सुल्तान बुरहान निज़ाम शाह ने सावाजी कोली को परवत राय की उपाधि से सम्मानित किया था। सुल्तान की मृत्यु के पश्चात कोली ने नत के नए सुल्तान हुसैन निज़ाम शाह के समय विजयनगर साम्राज्य के खिलाफ जंग लड़ी थी। बुरहान निज़ाम शाह सावाजी को को प्रतापराजा, परशूरामपृरताप एवं नरसिंहाप्रताप के नाम से भी बुलाते थे।[3][4]
परवत राय सेनापति सेनापति सावाजी परवत राय कोली सेनापत-ए-निज़ाम | |
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अहमदनगर सल्तनत का शाही ध्वज | |
नाम | साहबजी कोली |
उपनाम | सेनापत परवत राय |
निष्ठा | निजामशाही |
सेवा/शाखा | अहमदनगर सेना |
उपाधि | सेनापति |
युद्ध/झड़पें | सम्राट रामराया द्वारा अहमदनगर किले पर हमला |
१५३३ मे सुल्तान बुरहान निज़ाम शाह की मृत्यु के पश्चात अहमदनगर सल्तनत की राजगद्दी को सुल्तान हुसैन निज़ाम शाह ने संभाला। १५६५ मे हुसैन निज़ाम शाह की मृत्यु के पश्चात मुर्तजा निज़ाम शाह के समय भी सावाजी कोली ही सेनापति थे।[5]
इतिहास एवं लड़ाईयां
सुल्तान हुसैन निज़ाम शाह के शासन के दौरान बीजापुर सल्तनत के सुल्तान अली आदिल शाह की सह पर विजयनगर साम्राज्य के सम्राट आलिया राम राय ने अहमदनगर सल्तनत के खिलाफ जंग छेड़ दी एवं अहमदनगर किले पर आक्रमण कर घेर लिया। सुल्तान हुसैन निज़ाम शाह पहाड़ी इलाकों में जा कर छिप गए। सेनापति सावाजी कोली ने विजयनगर साम्राज्य की सेना के लिए जरूरी चिजे जैसे खाना पीना, हथियार एवं अन्य जरूरी वस्तुओं की आवाजाही बंद करदी और कड़ी टक्कर दी जिससे विजयनगर सेना कमजोर पड़ गई।[1][6]
बीजापुर सल्तनत के सुल्तान अली आदिल शाह प्रथम ने अपनी आदिलशाही सेना के साथ विजयनगर के संदर्भ मे अहमदनगर सेना पर आक्रमण कर दिया। सावाजी कोली कुछ अन्य साथियों के साथ अहमदनगर सेना को लेकर बिजापुर सेना से भिड़ गए। लडाई मे सावाजी कोली ने अली आदिल शाह के चाचा को मार डाला। बीजापुर सल्तनत के सुल्तान अली आदिल शाह प्रथम ने अपनी आदिलशाही सेना के साथ विजयनगर के संदर्भ मे अहमदनगर सेना पर आक्रमण कर दिया। सावाजी कोली कुछ अन्य साथियों के साथ अहमदनगर सेना को लेकर बिजापुर सेना से भिड़ गए। इस युद्ध में सावाजी कोली के साथ ३००० अन्य सैनिक भी मारे गए।[6]
सन्दर्भ
- ↑ अ आ Shyam, Radhey (1966). The Kingdom of Ahmadnagar (अंग्रेज़ी में). Motilal Banarsidass Publ. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-208-2651-9.
- ↑ Guha, Sumit (2006-11-02). Environment and Ethnicity in India, 1200-1991 (अंग्रेज़ी में). Cambridge University Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-521-02870-7.
- ↑ Sohoni, Pushkar (2018-08-30). The Architecture of a Deccan Sultanate: Courtly Practice and Royal Authority in Late Medieval India (अंग्रेज़ी में). Bloomsbury Publishing. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-83860-928-3.
- ↑ History: Mediaeval period (अंग्रेज़ी में). Directorate of Government Printing, Stationery and Publications, Maharashtra State. 1967.
- ↑ Mahmud, Syed (1957). The India of Yesterday (अंग्रेज़ी में). Institute of Indo-Middle East Cultural Studies.
- ↑ अ आ Gazetteer of the Bombay Presidency: Ahmadnagar (अंग्रेज़ी में). Printed at the Government Central Press. 1884.