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सालासर

सालासर बालाजी

सालासर बालाजी या सालासर धाम भारत में हनुमान के भक्तों के लिए धार्मिक महत्व का स्थान है।[1] यह चूरू जिला,राजस्थानमें सुजानगढ़ के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग 65 पर, सालासर के शहर में स्थित है। बालाजी हनुमान का दूसरा नाम है, यह मंदिर सालासर के बीच में स्थित है और साल भर में असंख्य भक्तों को आकर्षित करता है। यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां श्री हनुमान जी महाराज दाढ़ी और मूंछ में विराजमान हैं। चैत्र पूर्णिमा और आश्विन पूर्णिमा पर बड़े मेलों मे देवता की पूजा करने के लिये लाखों भक्तों यात्रा लम्बी लम्बी यात्रा कर पहुचते है।

मंदिर का इतिहास

राजस्थान के असोटा गांव में श्री हनुमान जी महाराज के भक्त मोहनदास जी महाराज रहते थे। उसी गांव में एक किसान रहता था जो कठोर परिश्रम करके अपना और अपनी पत्नी का निर्वाहन करता था। एक दिन वह खेत में हल जोत रहा था उसी समय उसका हल एक भारी वस्तु से टकरा गया। उसने जमीन को खोदकर देखा तो उसमें से श्री बालाजी महाराज की दाढ़ी मूंछ वाली मूर्ति निकली। उसने उस मूर्ति को अपने गमझे से साफ किया। उसी समय उसकी पत्नी उसके लिए भोजन लेकर आ गई। भोजन में बाजरे का चूरमा था। किसान ने श्रद्धा से श्री बालाजी महाराज को बाजरे के चूरमे का भोग लगाया। तभी से आज तक भक्त श्री बालाजी महाराज को बाजरे के चूरमे का भोग लगाते हैं। श्री बालाजी महाराज ने अपने भक्त मोहनदास को स्वप्न में दर्शन देकर आदेश दिया कि मेरी मूर्ति जो आज एक किसान के खेत में से निकली है। कल सूर्योदय होते ही मेरी उस मूर्ति को सालासर ग्राम में पहुंचा देना। तुम्हें मेरी प्रेरणा से एक बैल गाड़ी मिलेगी उसी में तुम और वो किसान दोनों सालासर के लिए निकल लेना। श्री बालाजी महाराज का आदेश मानते हुए वे दोनों सालासर के लिए निकल दिए। सालासर में जिस स्थान पर वह बैल गाड़ी रुकी उसी स्थान को आज श्री बालाजी महाराज के मंदिर के रूप में जाना जाता है। मंदिर से कुछ ही दूरी पर श्री हनुमान जी या बालाजी की माता अंजना का मंदिर है। श्री मोहनदास जी की समाधि भी मंदिर से कुछ ही दूरी पर है वहां उस समाधि के दर्शन किए बिना सालासर की यात्रा पूर्ण नहीं होती। मोहनदास जी द्वारा जलाई हुई धूनी आज भी विद्यमान है जहां से भक्त पवित्र राख ले जाते हैं इस राख से टीबी कैंसर आदि खतरनाक रोग भी दूर होते हैं।

तुम मेरी उस मूर्ति को एक बैल गाड़ी से सालासर ले जाना।

भूगोल

सालासर गाँव 28°04′13″N 73°58′44″E / 28.0703°N 73.9789°E / 28.0703; 73.9789.[2] पर स्थित है तथा समुंद्रतल से 268 मीटर (879 फुट) की औसत ऊंचाई पर स्थित है।

      = 
       सालासर मे एक मंदिर का बाहरी दृश्य 

बाहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ

  1. "सालासर बालाजी". अभिगमन तिथि 17 मार्च 2018.[मृत कड़ियाँ]
  2. "फ़ाल्लिंग रैन जिनोमिक्स, सालासर". मूल से 22 अक्तूबर 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 सितंबर 2011.