सायन हिल्लक फोर्ट
सायन दुर्ग एक पहाड़ी किला है जो भारत के मुम्बई शहर में स्थित है। इसका निर्माण तात्कालीन बंबई के गवर्नर जेरार्ड अङ्गिएर द्वारा १६६९ से १६७७ के बीच ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के तहत करवाया गया था।.[1] इसे एक शंकु आकार की पहाड़ी के ऊपर बनाया था। अपने निर्माण के समय किले की क्रीक के उत्तर में इसे ब्रिटिश आयोजित परेल द्वीप और पुर्तगाली आयोजित सालसेट द्वीप के बीच सीमा के रूप में चिन्हित किया था। १९२५ में ग्रेड वन विरासत संरंचना के रूप में अधिसूचित किया गया था। [2][3]
आवागमन
यह छोटी पहाड़ी सायन रेलवे स्टेशन से ५०० मीटर की दूरी पर है।[4] पहाड़ी के तल पर पंडित जवाहर लाल नेहरू उद्यान है और साथ ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का मुम्बई सर्किल कार्यालय भी बना हुआ है। आस पास में रीवा किला और सिवरी किला है।
वर्तमान में यह अत्यन्त जीर्ण अवस्था में है। यहां टूटी हुई पत्थर की सीढ़ियाँ, बिखरे हुए दीवारों और खंडहरों, के अलावा कुछ नहीं मिलता है। हर स्थान पर वनस्पति ने अपना साम्राज्य बना रखा है। किले की दीवार के उपर एक छोटा सा कमरा है। कई रास्तों की श्रृंखला से उस कमरे तक पहुँचा जा सकता है। इस किले से ठाणे के नमक पट्टल का दॄश्य दिखाई देता है। २००९ में किले का मरम्मत एवं अनुरक्षण कार्य आरम्भ हुआ था लेकिन धन की कमी के कारण बीच में ही काम बंद कर दिया गया था।[2]
सन्दर्भ
- ↑ Documentation Update: April 2005 to March 2006. Equitable Tourism Options (Equations). 2006. पृ॰ 136.
- ↑ अ आ "Plan to beautify Sion Fort hits roadblock". हिन्दुस्तान टाईम्स. 28 July 2011. मूल से 30 सितंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 September 2014.
- ↑ "सायन हिल्लॉक फ़ोर्ट". बुकस्ट्रक. मूल से 20 फ़रवरी 2018 को पुरालेखित.
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in first (मदद) - ↑ "Sion fort to get back old glory". द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया. 27 February 2008. मूल से 11 सितंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 September 2014.