साबरी खान
Ustad Sabri Khan उस्ताद साबरी खान استاد صابری خان | |
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अपने शिष्य वजाहत हसन के साथ उस्ताद साबरी खान | |
पृष्ठभूमि | |
जन्म | 21 मई 1927 मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत |
निधन | 1 दिसम्बर 2015 नई दिल्ली, दिल्ली, भारत | (उम्र 88)
विधायें | भारतीय शास्त्रीय संगीत |
वाद्ययंत्र | सारंगी |
साबरी खान (उर्दू: استاد صابری خان; 21 मई 1927 – 1 दिसंबर 2015) एक भारतीय सारंगी वादक थे, जिन्होंने इस भारतीय वाद्य को संपूर्ण विश्व में लोकप्रिय बनाया। उनका जन्म 21 मई, 1927 में मुरादाबाद उत्तर प्रदेश में हुआ था। ये सैनिया घराना से संबंधित वादक थे। संगीत में उनके महत्त्वपूर्ण योगदान के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें वर्ष 1990 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार तथा भारत सरकार ने 1992 में पद्मश्री से सम्मानित किया था। भारत सरकार द्वारा सन २००६ में कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये दिल्ली से थे।[1]1 दिसंबर, 2015 को उनका निधन सांस की बीमारी के कारण हो गया।
सन्दर्भ
- ↑ "K.K. Talwar, Sibal get Padma Bhushan" [के के तलवार, सिबल को पद्म भूषण मिला] (अंग्रेज़ी में). द ट्रिब्यून. २५ जनवरी २००६. मूल से 25 मार्च 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ८ दिसम्बर २०१३.
बाहरी कड़ियाँ
- सारंगी वादक उस्ताद साबरी खान का निधन (वेब दुनिया हिन्दी)
- सारंगी वादक उस्ताद साबरी खान नहीं रहे (आउटलूक हिन्दी)