सामग्री पर जाएँ

सातत्य सिद्धान्त

विचारों के इतिहास के सन्दर्भ में, सातत्य सिद्धान्त (continuity thesis) की परिकल्पना है कि मध्यकाल, पुनर्जागरण काल तथा आधुनिक काल के आरम्भिक चरणों के बीच बौद्धिक दृष्टि से कोई मूलभूत असातत्य नहीं है। इस प्रकार यह सिद्धान्त पुनर्जागरण के बाद किसी वैज्ञानिक क्रान्ति होने की बात को एक मिथक मानता है।

सातत्य सिद्धान्त के समर्थकों में दुहेम (Pierre Duhem), सार्तों (George Sarton), जोहान हिंगिजा (Johan Huizinga), फ्रैंकलिन (James Franklin ), पस्नौ (Robert Pasnau), ग्राहम (Angus Charles Graham ) , सलिबा (George Saliba), ग्राण्ट (Edward Grant ), हैटफिल्ड (Gary Hatfield) और अरुण बाला आदि प्रमुख हैं।

इन्हें भी देखें