सरिय्या उबैदा बिन अल हारिस
![](https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/3/3e/Muhammad_calligraphy.svg/220px-Muhammad_calligraphy.svg.png)
सरिय्या उबैदा बिन अल हारिस या सरिय्या-ए-राबिग़[1] (अंग्रेज़ी:Expedition of Ubaydah ibn al-Harith) इस्लामी अभियान था जिस में अप्रैल 623 में, इस्लाम के पैगंबर मुहम्मद ने उबैदा बिन अल हारिस को 60 मुहाजिरीन सैनिकों के साथ सऊदी अरब की राबिग़ घाटी में भेजा, उन्हें आशा थी कि वे :अबू सुफयान बिन हरब और 200 सशस्त्र यात्रियों की सुरक्षा में सीरिया से लौट रहे कुरैश कारवां को रोकेंगे। मुस्लिम समूह ने थानियत अल-मुरा के कुएं तक मार्च किया, जहां सआद इब्न अबी वक़्क़ास ने कुरैश पर तीर चलाया। इसे इस्लाम का पहला तीर कहा जाता है। इस आश्चर्यजनक हमले के बावजूद, "उन्होंने न तो तलवारें खींचीं और न ही एक-दूसरे के पास पहुंचे" और मुसलमान खाली हाथ पीछे हट गए।
अवधि
कुछ लोग कहते हैं कि उबैदा बिन अल हारिस पहला व्यक्ति था जिसे मुहम्मद ने सैन्य अभियानों पर झंडा ले जाने के लिए नियुक्त किया था; अन्य लोगों का कहना है कि अभियान में झंडा ले जाने वाला हमज़ा इब्न अब्दुल मुत्तलिब पहला व्यक्ति था।
कुछ विद्वानों का दावा है कि मुहम्मद ने यह अभियान तब भेजा था जब वह अल-अब्वा में थे या जब ग़ज़वा ए अबवा से मदीना लौटे थे।
सराया और ग़ज़वात
अरबी शब्द ग़ज़वा [2] इस्लाम के पैग़ंबर के उन अभियानों को कहते हैं जिन मुहिम या लड़ाईयों में उन्होंने शरीक होकर नेतृत्व किया,इसका बहुवचन है गज़वात, जिन मुहिम में किसी सहाबा को ज़िम्मेदार बनाकर भेजा और स्वयं नेतृत्व करते रहे उन अभियानों को सरियाह(सरिय्या) या सिरया कहते हैं, इसका बहुवचन सराया है [3] [4][5]
इन्हें भी देखें
- ग़ज़वा ए अबवा
- ग़ज़वा ए बुवात
- ग़ज़वा ए ज़ुल उशैरा
- ग़ज़वा ए सफ़वान
- मुहम्मद की सैन्य उपलब्धियाँ
- मुहम्मद के अभियानों की सूची
- गुलामी पर इस्लाम के विचार
सन्दर्भ
- ↑ सफिउर्रहमान मुबारकपुरी, पुस्तक अर्रहीकुल मख़तूम (सीरत नबवी ). "सरिय्या-ए-राबिग़". www.archive.org. पृ॰ 398. अभिगमन तिथि 13 दिसम्बर 2022.
- ↑ Ghazwa https://en.wiktionary.org/wiki/ghazwa
- ↑ सफिउर्रहमान मुबारकपुरी, अर्रहीकुल मख़तूम (सीरत नबवी ). "सराया और ग़ज़वात (झगडे और लड़ाईयां)". www.archive.org. पृ॰ 397. अभिगमन तिथि 13 दिसम्बर 2022.
- ↑ siryah https://en.wiktionary.org/wiki/siryah#English
- ↑ ग़ज़वात और सराया की तफसील, पुस्तक: मर्दाने अरब, पृष्ट ६२] https://archive.org/details/mardane-arab-hindi-volume-no.-1/page/n32/mode/1up